चेन्नई : अन्नाद्रमुक संयोजक और तमिलनाडु के पूर्व उपमुख्यमंत्री ओ पनीर सेल्वम (OPS) ने पार्टी में शशिकला की वापसी के संकेत दिए हैं. यह पार्टी के सह-संयोजक एडप्पादी के पलानीसामी (EPS) और अन्य नेताओं के बिल्कुल विपरीत है, जो उनके शामिल होने का विरोध कर रहे हैं.
यह बातें शशिकला की राज्य के विभिन्न हिस्सों में एक सप्ताह के दौरे की योजना के बीच आई हैं. तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक अपने स्वर्ण जयंती वर्ष में खुद को दोराहे पर पा रही है. जयललिता की करीबी सहयोगी शशिकला ने जब ईपीएस-ओपीएस द्वैतवाद से पार्टी की बागडोर छीनने की कोशिश की तो दोनों के बीच मतभेद खुलकर सामने आ गए.
पार्टी को जहां अपने पूर्व मंत्रियों पर विजिलेंस छापे से जूझना पड़ रहा है वहीं आंतरिक कलह भी चरम पर है. ओपीएस ने शशिकला के अन्नाद्रमुक में संभावित पुन: प्रवेश का संकेत दिया है, जिससे पार्टी में फिर गठबंधन की अटकलें तेज हो गई हैं.
OPS ने कहा कि हर कोई राजनीति में उतर सकता है. यह लोगों पर निर्भर करता है कि वे उन्हें स्वीकार करें या अस्वीकार करें. अन्नाद्रमुक दोहरे नेतृत्व में अच्छा कर रही है और हमारी पार्टी कैडर की पार्टी है. वे मदुरै में प्रेस से बात कर रहे थे क्योंकि थेवर समुदाय के दिवंगत प्रतीक यू मुथुरामलिंगम के लिए पार्टी द्वारा दान किए गए स्वर्ण कवच को सौंपने के सिलसिले में शहर में थे. जिनकी जयंती 30 अक्टूबर को मनाई जाएगी. स्वर्ण कवच को एक राष्ट्रीयकृत बैंक में रखा गया है.
ओपीएस द्वारा शशिकला के लिए मंजूरी देने के कुछ ही घंटों के भीतर उनके पूर्व कैबिनेट सहयोगी और पार्टी के दिग्गज डी जयकुमार ने एक विवादित टिप्पणी की. चेन्नई में मीडिया से बात करते हुए जयकुमार ने कहा कि पार्टी में शशिकला के लिए कोई जगह नहीं है. यह याद किया जा सकता है कि पार्टी ने झंडे का इस्तेमाल करते हुए शशिकला के खिलाफ पुलिस शिकायत भी दर्ज की थी.
जयललिता की समाधि से शशिकला के खिलाफ अभियान की अगुवाई करने वाले ओपीएस के संदर्भ में उन्होंने कहा कि मैं ओ पनीर सेल्वम को याद दिलाना चाहता हूं कि उन्होंने ही शशिकला के खिलाफ धर्मयुद्ध शुरू किया था. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि ईपीएस और ओपीएस दोनों ही इस मामले में फैसला लेंगे. लेकिन पार्टी लाइन का उल्लंघन करने वालों और शशिकला और उनके परिवार के साथ मिलकर काम करने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
जयकुमार इस विचार को खारिज कर रहे थे कि यह शशिकला ही थीं जिन्होंने पार्टी के कई नेताओं के मंत्री बनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उन्होंने साफ कहा कि वे पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता थीं जिन्होंने हम सभी को मौका दिया लेकिन सोशल मीडिया में गलत जानकारी फैलाई जा रही है.
विधानसभा चुनाव में अन्नाद्रमुक की पराजय और नौ जिलों के निकाय चुनावों में लगभग हार के बाद शशिकला पुन: पार्टी में प्रवेश के लिए कदम उठा रही हैं. हालांकि 2021 के राज्य विधानसभा चुनावों से पहले जेल से रिहा होने पर उनका जोरदार स्वागत हुआ लेकिन उन्होंने राजनीतिक संन्यास लेने की घोषणा कर दी थी.
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सूत्रों के मुताबिक शशिकला अब अन्नाद्रमुक कार्यकर्ताओं से मिलने और उनका समर्थन हासिल करने के लिए राज्य के एक सप्ताह के दौरे पर जाने की योजना बना रही हैं. वह रामनाथपुरम जिले में थेवर आइकन की समाधि पर जाएंगी. यह देखा जाना बाकी है कि क्या वह अभी भी थेवर वोट बैंक के लिए रैली करेंगी या नहीं.