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सदन को नहीं चलने देना दुर्भाग्यपूर्ण, जनता से जुड़े मुद्दे पर सरकार चर्चा को तैयार : प्रह्लाद जोशी

लोकसभा में विपक्ष के हंगामें को लेकर मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि जनता से जुड़े मुद्दे पर सरकार चर्चा को तैयार है और पेगासस कोई मुद्दा ही नहीं है. पढ़ें पूरी खबर...

प्रह्लाद जोशी
प्रह्लाद जोशी
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Published : Jul 30, 2021, 2:19 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों ने शु्क्रवार को लोकसभा में पेगासस जासूसी मामले पर तत्काल चर्चा कराने की मांग की जबकि सरकार ने इस मांग को खारिज करते हुए कहा कि यह कोई मुद्दा ही नहीं है.

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सदन को नहीं चलने देना दुर्भाग्यपूर्ण है और कई ऐसे मुद्दे हैं जो जनता से जुड़े हैं तथा सरaकार इन पर चर्चा को तैयार है.

प्रह्लाद जोशी का बयान

कार्यवाही शुरू होने पर सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हम पहले दिन से ही पेगासस जासूसी मामले पर चर्चा करने की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही किसानों से जुड़ा विषय और कोविड संबंधी मुद्दा भी है.

चौधरी ने कहा कि लेकिन सरकार इस पर चर्चा नहीं करा रही है.

पेगासस जासूसी मामले पर चर्चा की विपक्ष की मांग को लेकर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, यह कोई मुद्दा नहीं है.

जोशी ने कहा कि संसद के दोनों सदनों में सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने विस्तृत बयान दिया है. लेकिन ये (विपक्ष) बहाना बनाकर पिछले 8 दिनों से सदन चलने नहीं दे रहे हैं.

उन्होंने कहा कि कार्य मंत्रणा समिति में जनता से जुड़े जो मुद्दे तय हुए हैं, उन पर हम काम करना चाहते हैं. सरकार नहीं चाहती कि कोई विधेयक बिना चर्चा के पारित हो.

संसदीय कार्य मंत्री ने कहा, कई ऐसे मुद्दे हैं जो जनता से जुड़े हैं और सरकार इन पर चर्चा को तैयार है.

पढ़ें :- महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की योजना पर हो रहा काम : स्मृति ईरानी

उन्होंने कहा कि प्रश्नकाल सदस्यों का अधिकार होता है, इसमें बाधा नहीं आनी चाहिए. संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि आप (लोकसभा अध्यक्ष) जिस तरह से काम करने को कहेंगे, हम इसके लिए तैयार हैं.

प्रह्लाद जोशी ने कहा कि संसद को नहीं चलने दिया जा रहा है और ऐसा आचरण दुर्भाग्यपूर्ण है.

पेगासस जासूसी मामले एवं तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के मुद्दों पर मॉनसून सत्र में लोकसभा में सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के बीच नौंवे दिन भी गतिरोध बना रहा और विपक्षी सदस्यों के भारी हंगामे के कारण शुक्रवार को सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद करीब 12:15 बजे दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई.

विपक्षी सदस्यों के हाथों में तख्तियां थीं, जिन पर तीन कृषि कानूनों को समाप्त करने एवं पेगासस मुद्दे की जांच कराने संबंधी मांगें लिखी हुई थीं.

नई दिल्ली : कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों ने शु्क्रवार को लोकसभा में पेगासस जासूसी मामले पर तत्काल चर्चा कराने की मांग की जबकि सरकार ने इस मांग को खारिज करते हुए कहा कि यह कोई मुद्दा ही नहीं है.

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सदन को नहीं चलने देना दुर्भाग्यपूर्ण है और कई ऐसे मुद्दे हैं जो जनता से जुड़े हैं तथा सरaकार इन पर चर्चा को तैयार है.

प्रह्लाद जोशी का बयान

कार्यवाही शुरू होने पर सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हम पहले दिन से ही पेगासस जासूसी मामले पर चर्चा करने की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही किसानों से जुड़ा विषय और कोविड संबंधी मुद्दा भी है.

चौधरी ने कहा कि लेकिन सरकार इस पर चर्चा नहीं करा रही है.

पेगासस जासूसी मामले पर चर्चा की विपक्ष की मांग को लेकर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, यह कोई मुद्दा नहीं है.

जोशी ने कहा कि संसद के दोनों सदनों में सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने विस्तृत बयान दिया है. लेकिन ये (विपक्ष) बहाना बनाकर पिछले 8 दिनों से सदन चलने नहीं दे रहे हैं.

उन्होंने कहा कि कार्य मंत्रणा समिति में जनता से जुड़े जो मुद्दे तय हुए हैं, उन पर हम काम करना चाहते हैं. सरकार नहीं चाहती कि कोई विधेयक बिना चर्चा के पारित हो.

संसदीय कार्य मंत्री ने कहा, कई ऐसे मुद्दे हैं जो जनता से जुड़े हैं और सरकार इन पर चर्चा को तैयार है.

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उन्होंने कहा कि प्रश्नकाल सदस्यों का अधिकार होता है, इसमें बाधा नहीं आनी चाहिए. संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि आप (लोकसभा अध्यक्ष) जिस तरह से काम करने को कहेंगे, हम इसके लिए तैयार हैं.

प्रह्लाद जोशी ने कहा कि संसद को नहीं चलने दिया जा रहा है और ऐसा आचरण दुर्भाग्यपूर्ण है.

पेगासस जासूसी मामले एवं तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के मुद्दों पर मॉनसून सत्र में लोकसभा में सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के बीच नौंवे दिन भी गतिरोध बना रहा और विपक्षी सदस्यों के भारी हंगामे के कारण शुक्रवार को सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद करीब 12:15 बजे दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई.

विपक्षी सदस्यों के हाथों में तख्तियां थीं, जिन पर तीन कृषि कानूनों को समाप्त करने एवं पेगासस मुद्दे की जांच कराने संबंधी मांगें लिखी हुई थीं.

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