कोलकाता: संसद के निचले सदन लोकसभा में विपक्ष को बोलने की अनुमति नहीं है. यहां तक कि विपक्षी टेबल के सामने रखे माइक को भी म्यूट कर दिया गया है. बुधवार को कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर दूसरी बार यह शिकायत दर्ज कराई है. अधीर ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार के मंत्री भी तरह-तरह से विपक्ष को अपनी बात नहीं रखने देना चाहते हैं और उन्हें कई तरीकों से नाकाम कर रहे हैं.
अधीर ने बुधवार शाम लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखे पत्र में लिखा कि सदन में सरकार द्वारा प्रायोजित व्यवधान के संबंध में मैं भारी मन और गहरी पीड़ा के साथ आपको यह दूसरा पत्र लिख रहा हूं. जैसा कि आपको याद होगा, मैंने अपने पहले पत्र में उन प्रक्रियाओं और नियमों का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया था, जो सदन में प्रक्रिया और कार्य संचालन के नियमों में उल्लिखित हैं, जो न केवल सभा के कार्य के संचालन में मार्गदर्शन करती हैं, बल्कि सदन के अंदर सदस्यों के आचरण के लिए पर्याप्त मार्गदर्शन भी प्रदान करती हैं.
उन्होंने आगे लिखा कि महोदय, मुझे यह देखकर अत्यंत निराशा हुई है कि 13 मार्च, 2023 को सदन के अवकाश के बाद जब वह पुनः शुरू हुआ है, तब से सदन में सरकार द्वारा प्रायोजित व्यवधान उत्पन्न हो गया है. मुझे ऐसा प्रतीत होता है कि सत्ताधारी पार्टी की ओर से किसी विपक्षी पार्टी के एक सदस्य (श्री राहुल गांधी) की छवि खराब करने के लिए सोची-समझी साजिश रची गई है. मेरे लिए यह देखना अधिक परेशान करने वाला है कि यहां तक कि मंत्रीगण भी कार्यवाही को बाधित करने के लिए स्वयं मुखर रूप से पहल करते हैं.
उन्होंने लिखा कि विपक्षी दलों के नेताओं की आवाज ही नहीं सुनी जा रही है. नाराजगी की गहरी भावना के साथ, मैं आपके ध्यान में लाना चाहता हूं कि पिछले तीन दिनों से मेरी टेबल के सामने का माइक म्यूट है, जिसके परिणामस्वरूप मैं अपनी पार्टी के नेता (श्री राहुल गांधी) के खिलाफ तुच्छ और बेतुके आरोपों के विरोध में अपने विचारों को स्पष्ट करने में विफल रहा.
पढ़ें: Women’s Reservation Bill: महिला आरक्षण विधेयक को लेकर किसान संघ के नेताओं के परामर्श कर रहीं कविता
अधीर रंजन ने पत्र में लिखा कि महोदय, ट्रेजरी बेंच के सदस्यों द्वारा व्यवधान, सदन को बाधित करने में मंत्रियों द्वारा मुख्य भूमिका निभाई जा रही है, विपक्षी सदस्यों के सभी माइक को साइलेंट करना श्री राहुल गांधी जी द्वारा व्यक्त किए गए विचारों की पर्याप्त पुष्टि करता है कि भारत में विपक्षी सदस्यों के माइक अक्सर म्यूट कर दिए जाते हैं.