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जानें काेराेना संकट के बीच स्कूलाें काे खाेले जाने पर क्या है स्वास्थ्य विशेषज्ञाें की राय

न तो बच्चों की वैक्सीनेशन हुई है और न ही अभी कोरोना का खतरा टला है, लेकिन हिमाचल सरकार ने छोटे बच्चों को भी स्कूल बुलाने का फैसला ले लिया है. ऐसे में सरकार के फैसले के बाद अभिभावकों को भी चिंता सता रही है कि क्या उनके बच्चे स्कूल जाकर सुरक्षित हैं या नहीं. खैर सरकार ने तो फैसला ले लिया है, लेकिन अभिभावकों और स्कूल प्रबंधन के सामने एक बड़ी चुनौती है कि बच्चों को कोरोना से कैसे बचाया जाए. वहीं, इस संबंध में ईटीवी भारत ने आईजीएमसी के चिल्ड्रेन ओपीडी में विशेषज्ञ डॉक्टरों से बात की और उनसे जाना की बच्चों को कोरोना से कैसे बचाया जा सकता है.

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Published : Nov 8, 2021, 10:39 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में सरकार ने पहली से लेकर बारहवीं तक स्कूल खोलने का फैसला ले लिया है. सोमवार को आयोजित कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया गया है कि 10 नवम्बर से तीसरी से सातवीं तक की कक्षाएं भी लगेंगी, जबकि 15 नवम्बर से पहली व दूसरी की कक्षाएं भी शुरू हो जाएगी.

कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है ऐसे में छोटे बच्चों को स्कूल बुलाने का सरकार का फैसला कितना सही है और कितना गलत यह तय कर पाना मुश्किल है. ईटीवी भारत ने आईजीएमसी के चिल्ड्रेन ओपीडी (Children OPD of IGMC) में विशेषज्ञ डॉक्टरों (specialist doctors) से बात की तो उन्होंने बताया कि स्कूल खुलने से बच्चों में कोरोना का खतरा तो है ही, लेकिन अगर सावधानी बरतें तो संक्रमण से बचा जा सकता है.

स्वास्थ्य विशेषज्ञाें की राय

इस संबंध में डॉक्टर अभिनंदन (Dr. Abhinandan) ने बताया कि स्कूल खुलने का फैसला अच्छा है, लेकिन बच्चों का कोरोना से बचाव करने के लिए कोविड नियमों का पालन करना जरूरी है. सभी बच्चों को ध्यान रखना होगा कि सामाजिक दूरी बनाएं रखें, मास्क पहन कर रहें और यदि बच्चों को खांसी, सर्दी जुकाम हो तो अभिभावक बच्चों को स्कूल न भेजें और तुरन्त अस्पताल में चेक करवाएं.

उन्होंने बताया कि अभी हाल ही में आईसीएमआर द्वारा छोटे बच्चों पर सर्वे करवाया गया था, जिसमें यह सामने आया है कि 80 फीसदी बच्चों की इम्युनिटी स्ट्रॉन्ग है और ऐसे में बच्चों पर कोरोना का इतना फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि अब कोरोना धीरे-धीरे कमजोर पड़ रहा है.

वहीं, चाइल्ड विशेषज्ञ डॉ. राजू (Dr. Raju) ने बताया कि कोरोना का खतरा तो है, लेकिन यदि सावधानी बरती जाए तो कोरोना वायरस से बचा जा सकता है. उन्होंने कहा कि अगर अभिभावक और स्कूल प्रबंधन यह सुनिश्चित करे कि बच्चे कोविड नियमों का सख्ती से पालन करेंगे तो कोरोना से बचाव संभव है. वहीं, आईजीएमसी चिल्ड्रेन ओपीडी में डॉक्टर विपिन (Dr. Vipin) ने कहा कि स्कूल खुल गए हैं. ऐसे में परिजन बच्चों को स्कूल जरूर भेजें पर कोरोना नियमों का पालन करना सुनिश्चित बनाएं. उन्होंने कहा कि स्कूल प्रबंधन इस बात का विशेष ख्याल रखे की कोई भी विद्यार्थी कोविड नियमों की अवहेलना न कर पाए.

सर्वे में खुलासा : हिमाचल के बच्चों की इम्यूनिटी मजबूत, कोरोना से घबराने की नहीं जरूरत

कोरोना की तीसरी लहर (third wave of corona) में बच्चों पर खतरे की आशंका मंडरा रही थी, लेकिन हिमाचल के लिए एक राहत की खबर है. आईसीएमआर के सर्वे (ICMR survey)में हिमाचल के 80 फीसदी बच्चों की इम्युनिटी कोरोना के खिलाफ मजबूत पायी गयी है. ऐसे में अभिभावकों को डरने की जरूरत नहीं है. बच्चे भी बेखौफ हो कर स्कूल जा सकते हैं. आईसीएमआर सर्वे के बाद ही हिमाचल सरकार ने छोटे बच्चों की कक्षाएं शुरू करने का फैसला लिया है. इस सर्वे को हिमाचल प्रदेश में अभिभावक और स्कूल प्रबंधन के साथ भी साझा किया जाएगा. सर्वे की रिपोर्ट के बाद हिमाचल सरकार ने राहत की सांस ली है.

ये भी पढ़ें : हिमाचल कैबिनेट का बड़ा फैसला : 15 नवंबर तक खुल जाएंगे सभी स्कूल, इन बच्चाें काे न भेजें अभिभावक

शिमला: हिमाचल प्रदेश में सरकार ने पहली से लेकर बारहवीं तक स्कूल खोलने का फैसला ले लिया है. सोमवार को आयोजित कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया गया है कि 10 नवम्बर से तीसरी से सातवीं तक की कक्षाएं भी लगेंगी, जबकि 15 नवम्बर से पहली व दूसरी की कक्षाएं भी शुरू हो जाएगी.

कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है ऐसे में छोटे बच्चों को स्कूल बुलाने का सरकार का फैसला कितना सही है और कितना गलत यह तय कर पाना मुश्किल है. ईटीवी भारत ने आईजीएमसी के चिल्ड्रेन ओपीडी (Children OPD of IGMC) में विशेषज्ञ डॉक्टरों (specialist doctors) से बात की तो उन्होंने बताया कि स्कूल खुलने से बच्चों में कोरोना का खतरा तो है ही, लेकिन अगर सावधानी बरतें तो संक्रमण से बचा जा सकता है.

स्वास्थ्य विशेषज्ञाें की राय

इस संबंध में डॉक्टर अभिनंदन (Dr. Abhinandan) ने बताया कि स्कूल खुलने का फैसला अच्छा है, लेकिन बच्चों का कोरोना से बचाव करने के लिए कोविड नियमों का पालन करना जरूरी है. सभी बच्चों को ध्यान रखना होगा कि सामाजिक दूरी बनाएं रखें, मास्क पहन कर रहें और यदि बच्चों को खांसी, सर्दी जुकाम हो तो अभिभावक बच्चों को स्कूल न भेजें और तुरन्त अस्पताल में चेक करवाएं.

उन्होंने बताया कि अभी हाल ही में आईसीएमआर द्वारा छोटे बच्चों पर सर्वे करवाया गया था, जिसमें यह सामने आया है कि 80 फीसदी बच्चों की इम्युनिटी स्ट्रॉन्ग है और ऐसे में बच्चों पर कोरोना का इतना फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि अब कोरोना धीरे-धीरे कमजोर पड़ रहा है.

वहीं, चाइल्ड विशेषज्ञ डॉ. राजू (Dr. Raju) ने बताया कि कोरोना का खतरा तो है, लेकिन यदि सावधानी बरती जाए तो कोरोना वायरस से बचा जा सकता है. उन्होंने कहा कि अगर अभिभावक और स्कूल प्रबंधन यह सुनिश्चित करे कि बच्चे कोविड नियमों का सख्ती से पालन करेंगे तो कोरोना से बचाव संभव है. वहीं, आईजीएमसी चिल्ड्रेन ओपीडी में डॉक्टर विपिन (Dr. Vipin) ने कहा कि स्कूल खुल गए हैं. ऐसे में परिजन बच्चों को स्कूल जरूर भेजें पर कोरोना नियमों का पालन करना सुनिश्चित बनाएं. उन्होंने कहा कि स्कूल प्रबंधन इस बात का विशेष ख्याल रखे की कोई भी विद्यार्थी कोविड नियमों की अवहेलना न कर पाए.

सर्वे में खुलासा : हिमाचल के बच्चों की इम्यूनिटी मजबूत, कोरोना से घबराने की नहीं जरूरत

कोरोना की तीसरी लहर (third wave of corona) में बच्चों पर खतरे की आशंका मंडरा रही थी, लेकिन हिमाचल के लिए एक राहत की खबर है. आईसीएमआर के सर्वे (ICMR survey)में हिमाचल के 80 फीसदी बच्चों की इम्युनिटी कोरोना के खिलाफ मजबूत पायी गयी है. ऐसे में अभिभावकों को डरने की जरूरत नहीं है. बच्चे भी बेखौफ हो कर स्कूल जा सकते हैं. आईसीएमआर सर्वे के बाद ही हिमाचल सरकार ने छोटे बच्चों की कक्षाएं शुरू करने का फैसला लिया है. इस सर्वे को हिमाचल प्रदेश में अभिभावक और स्कूल प्रबंधन के साथ भी साझा किया जाएगा. सर्वे की रिपोर्ट के बाद हिमाचल सरकार ने राहत की सांस ली है.

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