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Aditya L1 camera takes images : आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान ने ली पृथ्वी और चंद्रमा की सेल्फी : इसरो - Aditya L1 camera

आदित्य एल1 (Aditya L1) अंतरिक्ष यान ने पृथ्वी और चंद्रमा की सेल्फी और तस्वीरें ली हैं (selfie images of Earth Moon). भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपलोड की हैं.

Aditya L1 camera takes images
अंतरिक्ष यान ने ली सेल्फी
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 7, 2023, 3:23 PM IST

चेन्नई : भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने गुरुवार को कहा कि आदित्य-एल1 (Aditya L1) अंतरिक्ष यान ने पृथ्वी और चंद्रमा की सेल्फी और तस्वीरें ली हैं. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अनुसार, सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंज बिंदु (एल1) के लिए निर्धारित आदित्य-एल1 ने एक सेल्फी ली है और साथ ही पृथ्वी और चंद्रमा की तस्वीरें भी ली हैं.

इसरो ने तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपलोड की हैं. भारत की अंतरिक्ष आधारित सौर वेधशाला, आदित्य-एल1 को 2 सितंबर को ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान -एक्सएल (पीएसएलवी-एक्सएल) संस्करण नामक एक भारतीय रॉकेट द्वारा निम्न पृथ्वी कक्षा (एलईओ) में कक्षा में स्थापित किया गया था.

तब से इसरो द्वारा अंतरिक्ष यान की कक्षा दो बार बढ़ाई गई है. जैसे ही अंतरिक्ष यान लैग्रेंज पॉइंट (L1) की ओर यात्रा करेगा, यह पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र (SOI) से बाहर निकल जाएगा.

एसओआई से बाहर निकलने के बाद, क्रूज़ चरण शुरू हो जाएगा और बाद में अंतरिक्ष यान को एल 1 के चारों ओर एक बड़ी प्रभामंडल कक्षा में इंजेक्ट किया जाएगा - वह बिंदु जहां दो बड़े पिंडों - सूर्य और पृथ्वी - का गुरुत्वाकर्षण खिंचाव बराबर होगा और इसलिए अंतरिक्ष यान किसी भी ग्रह की ओर गुरुत्वाकर्षण नहीं करेगा.

लॉन्च से एल1 तक की कुल यात्रा में आदित्य-एल1 को लगभग चार महीने लगेंगे और पृथ्वी से दूरी लगभग 1.5 मिलियन किमी होगी.

ये भी पढ़ें

'Aditya L1' ISRO Update : इसरो के Aditya L1 का पृथ्वी से जुड़ा दूसरा अभ्यास सफलतापूर्वक पूरा

(आईएएनएस)

चेन्नई : भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने गुरुवार को कहा कि आदित्य-एल1 (Aditya L1) अंतरिक्ष यान ने पृथ्वी और चंद्रमा की सेल्फी और तस्वीरें ली हैं. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अनुसार, सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंज बिंदु (एल1) के लिए निर्धारित आदित्य-एल1 ने एक सेल्फी ली है और साथ ही पृथ्वी और चंद्रमा की तस्वीरें भी ली हैं.

इसरो ने तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपलोड की हैं. भारत की अंतरिक्ष आधारित सौर वेधशाला, आदित्य-एल1 को 2 सितंबर को ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान -एक्सएल (पीएसएलवी-एक्सएल) संस्करण नामक एक भारतीय रॉकेट द्वारा निम्न पृथ्वी कक्षा (एलईओ) में कक्षा में स्थापित किया गया था.

तब से इसरो द्वारा अंतरिक्ष यान की कक्षा दो बार बढ़ाई गई है. जैसे ही अंतरिक्ष यान लैग्रेंज पॉइंट (L1) की ओर यात्रा करेगा, यह पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र (SOI) से बाहर निकल जाएगा.

एसओआई से बाहर निकलने के बाद, क्रूज़ चरण शुरू हो जाएगा और बाद में अंतरिक्ष यान को एल 1 के चारों ओर एक बड़ी प्रभामंडल कक्षा में इंजेक्ट किया जाएगा - वह बिंदु जहां दो बड़े पिंडों - सूर्य और पृथ्वी - का गुरुत्वाकर्षण खिंचाव बराबर होगा और इसलिए अंतरिक्ष यान किसी भी ग्रह की ओर गुरुत्वाकर्षण नहीं करेगा.

लॉन्च से एल1 तक की कुल यात्रा में आदित्य-एल1 को लगभग चार महीने लगेंगे और पृथ्वी से दूरी लगभग 1.5 मिलियन किमी होगी.

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