नई दिल्ली : ऑनलाइन परीक्षा में कंप्यूटर हैक कर पेपर हल करवाने वाले गैंग का खुलासा हुई है. ऑनलाइन परीक्षा में हैकिंग (Online Exam Hacking) के जरिए गड़बड़ी करने वाले एक गैंग का दिल्ली स्पेशल सेल (Special Cell) की साइबर सेल ने पर्दाफाश किया है. इस गैंग के तीन सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इनमें अहमदाबाद से पिता-पुत्र को गिरफ्तार किया गया है, जबकि दिल्ली से हैकिंग के जरिए परीक्षा सॉल्व (Online Exam Hacking) करने वाले एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों ने अब तक 200 से ज्यादा परीक्षार्थियों का पेपर फर्जीवाड़े से सॉल्व किया था. इसके लिए वह मोटी रकम वसूलते थे.
डीसीपी केपीएस मल्होत्रा (DCP KPS Malhotra) ने बताया कि आज कल कई निजी कंपनियां नौकरी के लिए ऑनलाइन परीक्षा करवाती हैं. ऑनलाइन प्लेटफॉर्म (Online platform) पर परीक्षा देने वाला खुद को पंजीकृत करता है. जिसके बाद उनके सिस्टम में एक सॉफ्टवेयर डाउनलोड किया जाता है, जिससे उस डिवाइस पर कोई दूसरा एक्सेस नहीं कर सकता. परीक्षा लेने वाला वेब कैमरा के माध्यम से पूरे कमरे की जांच करता है कि वहां पर कोई मौजूद तो नहीं है. वहां पर माइक भी ऑन रहता है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artifical Intelligence) के जरिए भी परीक्षा देने वाले पर नजर रखी जाती है. संस्थान की तरफ से यह पूरी कोशिश की जाती है कि किसी प्रकार की गड़बड़ी ना हो.
कंप्यूटर हैक कर पेपर हल करवाने वाले गैंग का खुलासा डीसीपी केपीएस मल्होत्रा के अनुसार क्राइम ब्रांच (Crime Branch) को सूचना मिली थी कि डार्कवेब (Darkweb) पर ऐसी कई सुविधाएं हैं, जिसमें यह दावा किया जा रहा है कि हैकिंग के जरिये हैकर्स अच्छे नंबर दिलवा सकते हैं. इसके बदले में हैकर्स मोटी रकम भी वसूलते हैं. डीसीपी केपीएस मल्होत्रा ने बताया कि इस फर्जीवाड़े के खुलासे के लिए उन्होंने एक नकली ग्राहक बनाकर परीक्षा के लिए तैयार किया. उसने हैकर्स से संपर्क किया. उसके द्वारा बताई गई रकम बैंक खाते में भेज दी गई. उसे एक सॉफ्टवेयर आई पेरियस रिमोट डाउनलोड करने के लिए कहा गया. इसके बाद उसके लैपटॉप का कंट्रोल हैकर्स के पास चला गया. 25 अक्टूबर को हुई परीक्षा में नकली ग्राहक को 736 नंबर मिले. इससे यह साफ हो गया कि ऑनलाइन प्रतियोगिता में हैकिंग के जरिए सेंध लगाई जा रही है. एसीपी रमन लांबा की देखरेख में इंस्पेक्टर विजय और भानु प्रताप की टीम को छानबीन में लगाया गया. टीम ने टेक्निकल जांच और बैंक खातों की मदद से अहमदाबाद के डी. शाह को गिरफ्तार किया. उसका मोबाइल और लैपटॉप सीज किया गया. जांच पड़ताल में पता चला कि आरोपी का पिता ग्रास सॉल्यूशन के नाम से आईटी कोर्स कराने का एक संस्थान चलाता है. उन्हें पता चला कि आरोपी का पिता आर. कुमार भी इस पूरे फर्जीवाड़े में शामिल है. वह लोगों को चयनित करने के लिए 100 फीसदी की गारंटी देता था. आरोपी पिता-पुत्र ने बताया कि इस काम के लिए ए. आलम नामक युवक को दिल्ली में रखा हुआ है, जिसका नोएडा में सात नेटवर्क सर्विस के नाम से एक ऑफिस है. वह विभिन्न वेबसाइट को हैक (Hack website) करता है और परीक्षा को सॉल्व करता है. इससे परीक्षार्थियों के बहुत बेहतर नंबर आते हैं. पुलिस ने आलम को भी गिरफ्तार कर लिया है.पुलिस के अनुसार, इनमें मुख्य साजिशकर्ता सहित दो लोग अहमदाबाद से गिरफ्तार किए गए हैं, जबकि परीक्षा सॉल्व करने वाला दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है. सबसे पहले वह कैंडिडेट को रिमोट एक्सेस (Remote Access) सॉफ्टवेयर जैसे अल्ट्राव्यूअर, एनीडेस्क आदि डाउनलोड करने के लिए कहते थे. इसके जरिए वह उसके सिस्टम में कई सॉफ्टवेयर डाउनलोड करते थे जो सॉफ्टवेयर सिक्योरिटी (Software Security) में नहीं पकड़े जाते थे. इस सॉफ्टवेयर के जरिए वह परीक्षा दे रहे शख्स का कंप्यूटर पूरा कंट्रोल करते और उसका एग्जाम देते थे.
पढ़ेंः ऑल इंडिया महिला हॉकी टूर्नामेंट के फाइनल मैच में हंगामा, खिलाड़ी ने हॉकी स्टिक से किया वार