एर्नाकुलम : सोमवार को जिले में शिगेला संक्रमण से पीड़ित एक और व्यक्ति की पहचान हुई है. एर्नाकुलम के वजाहकुलम पंचायत में करीब 39 साल के व्यक्ति में संक्रमण का पता चला है. संक्रमित को शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां उस बैक्टीरिया का परीक्षण किया गया. कालामसेरी के राजकीय मेडिकल कॉलेज के क्षेत्रीय लोक स्वास्थ्य प्रयोगशाला में किए गए परीक्षण में भी इसे पाया गया है.
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हालांकि, व्यक्ति का स्वास्थ्य ठीक है और उपचार का असर दिखाई दे रहा है. जिला स्वास्थ्य विभाग और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने इस क्षेत्र में संक्रामक संक्रमण के खिलाफ चिकित्सा जागरूकता और निवारक उपाय किए हैं.
एर्नाकुलम में शिगेला संक्रमित लोगों की पहचान करने के बाद जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. विवेक कुमार की अध्यक्षता में एक बैठक की गई. जिसमें जिला निगरानी अधिकारी डॉ. श्रीदेवी भी शामिल रहीं. इस दौरान स्थिति का मूल्यांकन किया गया. यहां शिगेला के दो मामले सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को व्यक्तिगत स्वच्छता रखने और पीने के लिए उबले पानी का उपयोग करने के निर्देश जारी कर दिए हैं.
क्या है शिगेला संक्रमण
शिगेला संक्रमण (शिगेलोसिस) आंतों का एक संक्रमण है जो शिगेला नामक बैक्टीरिया के परिवार का है. शिगेला संक्रमण का मुख्य संकेत दस्त होता है जो अक्सर खूनी हो जाता है. शिगेला बहुत संक्रामक है और इससे बचाव के लिए उबला पानी पीना चाहिए.
कितने दिन रहता है संक्रमण
शिगेलोसिस वाले कुछ लोगों में कोई लक्षण नहीं होंगे. हालांकि आमतौर पर 5 से 7 दिनों तक इसके लक्षण रहते हैं. कुछ लोगों को कुछ दिनों से लेकर 4 या अधिक हफ्तों तक भी लक्षण का अनुभव हो सकता है.
यह खाने से हो सकता है शिगेला
शिगेला सलाद खाने के अलावा आलू, मछली, झींगा, मैक्रोनी और चिकन खाने से हो सकता है. कच्ची सब्जियां, दूध और डेयरी उत्पाद सहित मुर्गियों की वजह से शिगेला बैक्टीरिया ट्रवेल कर सकता है.
कैसे काम करता है शिगेला
शिगेला बैक्टीरिया पेट से गुजरते हुए आपकी छोटी आंतों में गुणन करता है. वे फिर आपकी बड़ी आंतों (जिसे पेट के रूप में भी जाना जाता है) में फैलते हैं. जिससे दस्त के साथ-साथ आपके शरीर के उस हिस्से में ऐंठन होनी शुरू हो जाती है.
ऐसे करें संक्रमण से बचाव
शिगेला संक्रमण वाले लोगों में पानी की कमी रोकने के लिए बहुत सारे तरल पदार्थ पीने चाहिए. खूनी दस्त वाले लोगों को एंटी-डायरियल दवा का उपयोग नहीं करना चाहिए. जैसे कि लोपरामाइड (इमोडियम) या एट्रोपिन (लोमोटिल) के साथ डिपेनोक्सिलेट आदि. एंटीबायोटिक्स द्वारा बुखार और दस्त को लगभग 2 दिन में कम कर सकते हैं.