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गैंगेस्टर यशपाल तोमर के खिलाफ एक और केस दर्ज, STF ने किया नया खुलासा

गैंगस्टर यशपाल तोमर (Gangster Yashpal Tomar) साल 2002 में अपने तीन-चार साथियों के साथ पुलिस मुठभेड़ में हरिद्वार कोतवाली से जेल में चला गया था. पुलिस ने इसके कब्जे से कुछ हथियार तथा मारूति गाड़ी पकड़ी थी.

Gangster Yashpal Tomar
गैंगस्टर यशपाल तोमर
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Published : Apr 24, 2022, 10:15 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड एसटीएफ ने गैंगेस्टर यशपाल तोमर (Gangster Yashpal Tomar) और उसके गैंग के एक और कारनामे का खुलासा किया है. इस मामले में एसटीएफ ने जांच के बाद गैंगेस्टर यशपाल तोमर के खिलाफ कोतवाली हरिद्वार में मुकदमा दर्ज कर लिया है. यशपाल तोमर व उसके सहयोगियों खिलाफ उत्तराखंड में पांचवा मामला दर्ज हुआ है. एसटीएफ के मुताबिक, गैंगस्टर यशपाल तोमर साल 2002 में अपने तीन-चार साथियों के साथ पुलिस मुठभेड़ के बाद हरिद्वार कोतवाली से जेल में चला गया था और इनके कब्जे से पुलिस ने कुछ हथियार तथा मारूति गाड़ी पकड़ी थी. उस समय उस HR 12D 3289 नंबर की गाड़ी को हरिद्वार पुलिस ने कब्जे में लेकर अपनी कार्रवाई शुरू कर दी थी.

वहीं, जेल से जमानत पर आने के बाद यशपाल तोमर ने एक शातिर चाल चली. हरिद्वार नगर कोतवाली पुलिस द्वारा उससे बरामद कार को फर्जी व्यक्ति और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर न्यायालय हरिद्वार से आदेश प्राप्त कर पुलिस से छुड़ा लिया और किसी को भनक तक नहीं लगी. यशपाल तोमर के पकड़े जाने के बाद एसटीएफ देहरादून उसके हर पुराने मामलों की जांच कर रही थी. जांच में सामने आया कि वर्ष 2002 में कोतवाली नगर में बंद मारूति कार जिस पर HR 12D 3289 नंबर अंकित था, वह दरअसल, रोहतक हरियााणा में एक टीवीएस मोपेड दुपहिया वाहन को आंवटित किया गया था और इसी फर्जी नंबर से यशपाल तोमर उक्त समय मारूति कार चला रहा था.

वहीं, यशपाल तोमर ने इस चोरी के वाहन को छुड़ाने के लिए हरिद्वार न्यायालय में एक फर्जी व्यक्ति मुकेश रोहतक को पेश किया, जिसने न्यायालय को बताया कि वह इस कार का वास्तविक स्वामी है और उससे यशपाल तोमर यह वाहन चलाने के लिए ले गया था. इसके लिए मुकेश के द्वारा न्यायालय हरिद्वार में अपना परिचय पत्र और गाड़ी का रजिस्ट्रेशन प्रस्तुत किया गया था. इसके आधार पर न्यायालय जिला और सत्र न्यायाधीश हरिद्वार वर्ष 2004 में उक्त मारूति कार को मुकेश कुमार के नाम रिलीज कर दिया गया.

यह भी पढ़ें-अल्पसंख्यक विभाग में छात्रवृत्ति घोटाला मामले में 21 के खिलाफ मुकदमा दर्ज

एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह (STF SSP Ajay Singh) ने बताया कि जांच में मुकेश कुमार नाम के व्यक्ति की कोई पहचान नहीं हो पाई. इसके साथ, यह पाया गया कि न्यायालय में मुकेश नाम से फर्जी शपथ पत्र, परिचय पत्र और वाहन का पंजीकरण पत्र दाखिल कराया गया था. इन तथ्यों के आधार पर थाना कोतवाली नगर हरिद्वार यशपाल तोमर और उसके अज्ञात सहयोगियों के खिलाफ एक मामला पुलिस और न्यायालय से धोखाधड़ी करने एवं कूटरचित दस्तावेज प्रस्तुत करने को लेकर पंजीकृत कराया गया है.

देहरादून: उत्तराखंड एसटीएफ ने गैंगेस्टर यशपाल तोमर (Gangster Yashpal Tomar) और उसके गैंग के एक और कारनामे का खुलासा किया है. इस मामले में एसटीएफ ने जांच के बाद गैंगेस्टर यशपाल तोमर के खिलाफ कोतवाली हरिद्वार में मुकदमा दर्ज कर लिया है. यशपाल तोमर व उसके सहयोगियों खिलाफ उत्तराखंड में पांचवा मामला दर्ज हुआ है. एसटीएफ के मुताबिक, गैंगस्टर यशपाल तोमर साल 2002 में अपने तीन-चार साथियों के साथ पुलिस मुठभेड़ के बाद हरिद्वार कोतवाली से जेल में चला गया था और इनके कब्जे से पुलिस ने कुछ हथियार तथा मारूति गाड़ी पकड़ी थी. उस समय उस HR 12D 3289 नंबर की गाड़ी को हरिद्वार पुलिस ने कब्जे में लेकर अपनी कार्रवाई शुरू कर दी थी.

वहीं, जेल से जमानत पर आने के बाद यशपाल तोमर ने एक शातिर चाल चली. हरिद्वार नगर कोतवाली पुलिस द्वारा उससे बरामद कार को फर्जी व्यक्ति और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर न्यायालय हरिद्वार से आदेश प्राप्त कर पुलिस से छुड़ा लिया और किसी को भनक तक नहीं लगी. यशपाल तोमर के पकड़े जाने के बाद एसटीएफ देहरादून उसके हर पुराने मामलों की जांच कर रही थी. जांच में सामने आया कि वर्ष 2002 में कोतवाली नगर में बंद मारूति कार जिस पर HR 12D 3289 नंबर अंकित था, वह दरअसल, रोहतक हरियााणा में एक टीवीएस मोपेड दुपहिया वाहन को आंवटित किया गया था और इसी फर्जी नंबर से यशपाल तोमर उक्त समय मारूति कार चला रहा था.

वहीं, यशपाल तोमर ने इस चोरी के वाहन को छुड़ाने के लिए हरिद्वार न्यायालय में एक फर्जी व्यक्ति मुकेश रोहतक को पेश किया, जिसने न्यायालय को बताया कि वह इस कार का वास्तविक स्वामी है और उससे यशपाल तोमर यह वाहन चलाने के लिए ले गया था. इसके लिए मुकेश के द्वारा न्यायालय हरिद्वार में अपना परिचय पत्र और गाड़ी का रजिस्ट्रेशन प्रस्तुत किया गया था. इसके आधार पर न्यायालय जिला और सत्र न्यायाधीश हरिद्वार वर्ष 2004 में उक्त मारूति कार को मुकेश कुमार के नाम रिलीज कर दिया गया.

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एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह (STF SSP Ajay Singh) ने बताया कि जांच में मुकेश कुमार नाम के व्यक्ति की कोई पहचान नहीं हो पाई. इसके साथ, यह पाया गया कि न्यायालय में मुकेश नाम से फर्जी शपथ पत्र, परिचय पत्र और वाहन का पंजीकरण पत्र दाखिल कराया गया था. इन तथ्यों के आधार पर थाना कोतवाली नगर हरिद्वार यशपाल तोमर और उसके अज्ञात सहयोगियों के खिलाफ एक मामला पुलिस और न्यायालय से धोखाधड़ी करने एवं कूटरचित दस्तावेज प्रस्तुत करने को लेकर पंजीकृत कराया गया है.

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