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गले में गुटखे की सुपारी फंसने से एक की मौत

वैधानिक चेतावनी गुटखा-तंबाकू खाना जानलेवा है लिखे होने के बावजूद इसका सेवन कम नहीं हो रहा है. महाराष्ट्र में गुटखे ने एक व्यक्ति की जिंदगी निगल ली. गुटखे की सुपारी इस कदर उसके गले में फंसी कि उसे अस्पताल ले जाना पड़ा, जहां उसने दम तोड़ दिया.

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Published : Mar 12, 2022, 4:51 PM IST

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गणेश जगन्नाथ वाघ

औरंगाबाद : यहां रेलवे स्टेशन इलाके में एक व्यक्ति की गुरुवार शाम गुटखा खाने के बाद मौत हो गई. मृतक की पहचान 37 वर्षीय गणेश जगन्नाथ वाघ (Ganesh Jagannathdas Wagh) के रूप में हुई है. पुलिस ने बताया, गणेश पिछले 20 साल से एक निजी कंपनी में काम करता था. वह गुरुवार की रात अपने ऑनर के घर टीवी पर डिश लगाने गया था. काम करते-करते उसने गुटखा खाया और हिचकी आ गई. वह तुरंत बेहोश हो गया और उसे सरकारी अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया.

पुलिस को शुक्रवार को पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मिली जिसमें बताया गया कि सुपारी का एक टुकड़ा फूड कैनाल में टकरा गया जिससे उसकी मौत हो गई. उस्मानपुरा थाने में दुर्घटनावश मौत का मामला दर्ज किया गया है. गणेश के परिवार में मां, पत्नी, दो बच्चे हैं.

ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे इंडिया के अनुसार, 2016-17 तक भारत में वयस्कों की 29 फीसद आबादी तंबाकू प्रोडक्ट का उपयोग कर रही थी. इसमें से करीब 20 करोड़ लोग स्मोकलेस तंबाकू यानी खैनी, गुटखा, सुपारी जैसे उत्पाद चबा रहे हैं. हालांकि तंबाकू में सेवन सबसे बड़ा हिस्सा सिगरेट का है. लैंसेट जर्नल की रिपोर्ट 'ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज' भारत में 15 से 24 साल के 2 करोड़ युवा स्मोकिंग करते हैं.

गौरतलब है कि भारत चीन के बाद दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी तंबाकू का सेवन करने वाली आबादी है. तंबाकू के सेवन से देश में 6 में से 1 एनसीडी (गैर-संचारी रोग) मौत होती है. इस स्थिति से निपटने के लिए, सरकार सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (कोटपा) संशोधन विधेयक, 2020 के माध्यम से मौजूदा तंबाकू कानून को मजबूत करके तंबाकू नियंत्रण के प्रयासों में सुधार करना चाह रही है.

एक रिपोर्ट के मुताबिक यदि तंबाकू का सेवन शुरू करने की वास्तविक आयु 21 से 30 वर्ष और 30 वर्ष से अधिक की है, तो इससे बहुत पहले इन आयु समूहों के लोगों के लिए जागरुकता अभियान शुरू हो जाना चाहिए. यह महत्वपूर्ण है क्योंकि किसी भी अच्छी या बुरी आदत को किसी भी व्यक्ति में पूरी तरह से विकसित होने में समय लगता है और इस अवधि को समाप्त करने की आवश्यकता है. सर्वेक्षण ने पुष्टि की है कि लगभग 57 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने 18 वर्ष की आयु में पहली बार तंबाकू का सेवन किया था.

स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से करवाए गए अध्ययन के मुताबिक भारत में 13 से 15 साल की उम्र के 14.6 प्रतिशत किशोर किसी ना किसी तरह के तंबाकू उत्पाद का उपयोग करते हैं. मंत्रालय ने कॉटपा कानूनों में संशोधन का मसौदा पिछले दिनों सार्वजनिक किया है और लोगों से इस पर प्रतिक्रिया मांगी है.

पढ़ें- सिगरेट-गुटखा और खैनी के कारण 13 लाख लोग हर साल मरते हैं, सरकार तंबाकू पर ही बैन क्यों नहीं लगाती ?

जनस्वास्थ्य समूह और डब्ल्यूएचओ ने तंबाकू प्रोडक्ट पर 75 फीसदी टैक्स लगाने की सिफारिश की है, ताकि इसके यूजर्स की तादाद कम हो. मगर सच यह है कि तंबाकू उत्पादों की खपत तभी कम होगी, जब लोग इससे खुद ही दूरी बनाएंगे.

औरंगाबाद : यहां रेलवे स्टेशन इलाके में एक व्यक्ति की गुरुवार शाम गुटखा खाने के बाद मौत हो गई. मृतक की पहचान 37 वर्षीय गणेश जगन्नाथ वाघ (Ganesh Jagannathdas Wagh) के रूप में हुई है. पुलिस ने बताया, गणेश पिछले 20 साल से एक निजी कंपनी में काम करता था. वह गुरुवार की रात अपने ऑनर के घर टीवी पर डिश लगाने गया था. काम करते-करते उसने गुटखा खाया और हिचकी आ गई. वह तुरंत बेहोश हो गया और उसे सरकारी अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया.

पुलिस को शुक्रवार को पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मिली जिसमें बताया गया कि सुपारी का एक टुकड़ा फूड कैनाल में टकरा गया जिससे उसकी मौत हो गई. उस्मानपुरा थाने में दुर्घटनावश मौत का मामला दर्ज किया गया है. गणेश के परिवार में मां, पत्नी, दो बच्चे हैं.

ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे इंडिया के अनुसार, 2016-17 तक भारत में वयस्कों की 29 फीसद आबादी तंबाकू प्रोडक्ट का उपयोग कर रही थी. इसमें से करीब 20 करोड़ लोग स्मोकलेस तंबाकू यानी खैनी, गुटखा, सुपारी जैसे उत्पाद चबा रहे हैं. हालांकि तंबाकू में सेवन सबसे बड़ा हिस्सा सिगरेट का है. लैंसेट जर्नल की रिपोर्ट 'ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज' भारत में 15 से 24 साल के 2 करोड़ युवा स्मोकिंग करते हैं.

गौरतलब है कि भारत चीन के बाद दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी तंबाकू का सेवन करने वाली आबादी है. तंबाकू के सेवन से देश में 6 में से 1 एनसीडी (गैर-संचारी रोग) मौत होती है. इस स्थिति से निपटने के लिए, सरकार सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (कोटपा) संशोधन विधेयक, 2020 के माध्यम से मौजूदा तंबाकू कानून को मजबूत करके तंबाकू नियंत्रण के प्रयासों में सुधार करना चाह रही है.

एक रिपोर्ट के मुताबिक यदि तंबाकू का सेवन शुरू करने की वास्तविक आयु 21 से 30 वर्ष और 30 वर्ष से अधिक की है, तो इससे बहुत पहले इन आयु समूहों के लोगों के लिए जागरुकता अभियान शुरू हो जाना चाहिए. यह महत्वपूर्ण है क्योंकि किसी भी अच्छी या बुरी आदत को किसी भी व्यक्ति में पूरी तरह से विकसित होने में समय लगता है और इस अवधि को समाप्त करने की आवश्यकता है. सर्वेक्षण ने पुष्टि की है कि लगभग 57 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने 18 वर्ष की आयु में पहली बार तंबाकू का सेवन किया था.

स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से करवाए गए अध्ययन के मुताबिक भारत में 13 से 15 साल की उम्र के 14.6 प्रतिशत किशोर किसी ना किसी तरह के तंबाकू उत्पाद का उपयोग करते हैं. मंत्रालय ने कॉटपा कानूनों में संशोधन का मसौदा पिछले दिनों सार्वजनिक किया है और लोगों से इस पर प्रतिक्रिया मांगी है.

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जनस्वास्थ्य समूह और डब्ल्यूएचओ ने तंबाकू प्रोडक्ट पर 75 फीसदी टैक्स लगाने की सिफारिश की है, ताकि इसके यूजर्स की तादाद कम हो. मगर सच यह है कि तंबाकू उत्पादों की खपत तभी कम होगी, जब लोग इससे खुद ही दूरी बनाएंगे.

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