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आंध्र प्रदेश : इलाज के अभाव में डेढ़ साल की मासूम की मौत, डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप - आंध्र प्रदेश में चिकित्सक की लापरवाही

आंध्र प्रदेश में चिकित्सक की लापरवाही की वजह से डेढ़ साल की बच्ची की मौत हो गई. बच्ची की मौत पर अस्पताल में विवाद खड़ा हो गया. विवाद के कारण अस्पताल में कुछ वक्त के लिए तनाव बना रहा.

डेढ़ साल की मासूम की चली गई जान
डेढ़ साल की मासूम की चली गई जान
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Published : Apr 28, 2021, 4:36 PM IST

विशाखापत्तनम : आंध्र प्रदेश में चिकित्सक की लापरवाही की वजह से डेढ़ साल की बच्ची की जान चली गई. बच्ची की मौत को लेकर अस्पताल में विवाद खड़ा हो गया. गुस्साए परिजन यह आरोप लगाते हुए मेडिकल स्टाफ से बहस शुरू कर दी. जिससे अस्पताल में तनाव बना रहा.

दरअसल, अचुथापुरम निवासी वीराबाबू की बच्ची को सामान्य सर्दी हुई थी. इलाज के लिए बच्ची के पिता उसे स्थानीय अस्पताल ले गए थे. यहां डॉक्टर ने दूसरे अस्पताल में इलाज कराने की सलाह दी.

वीराबाबू ने बच्ची को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया था. जब उस अस्पताल में भी डॉक्टर से कोई मदद नहीं मिली तब वह बच्ची को लेकर कई अस्पतालों के चक्कर काटने लगा. अंत में उसे केजीएच अस्पताल में इलाज के लिए ले गया. यहां भी डेढ़ घंटे तक उन्हें इंतजार करना पड़ा और इस बीच बच्ची की मौत हो गई.

पढ़ेंः कृष्णागिरी कोर्ट परिसर में सिक्योरिटी गार्ड ने खुद को मारी गोली

बच्ची के माता-पिता का कहना है कि बेटी को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. लेकिन सही वक्त पर इलाज नहीं हो पाया और उसकी मौत हो गई.

इस घटना के बाद बच्ची के माता-पिता शोक स्तब्ध हो गए थे. परिजनों ने चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए उनसे बहसबाजी भी की. इससे अस्पताल में तनाव का माहौल बन गया था.

विशाखापत्तनम : आंध्र प्रदेश में चिकित्सक की लापरवाही की वजह से डेढ़ साल की बच्ची की जान चली गई. बच्ची की मौत को लेकर अस्पताल में विवाद खड़ा हो गया. गुस्साए परिजन यह आरोप लगाते हुए मेडिकल स्टाफ से बहस शुरू कर दी. जिससे अस्पताल में तनाव बना रहा.

दरअसल, अचुथापुरम निवासी वीराबाबू की बच्ची को सामान्य सर्दी हुई थी. इलाज के लिए बच्ची के पिता उसे स्थानीय अस्पताल ले गए थे. यहां डॉक्टर ने दूसरे अस्पताल में इलाज कराने की सलाह दी.

वीराबाबू ने बच्ची को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया था. जब उस अस्पताल में भी डॉक्टर से कोई मदद नहीं मिली तब वह बच्ची को लेकर कई अस्पतालों के चक्कर काटने लगा. अंत में उसे केजीएच अस्पताल में इलाज के लिए ले गया. यहां भी डेढ़ घंटे तक उन्हें इंतजार करना पड़ा और इस बीच बच्ची की मौत हो गई.

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बच्ची के माता-पिता का कहना है कि बेटी को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. लेकिन सही वक्त पर इलाज नहीं हो पाया और उसकी मौत हो गई.

इस घटना के बाद बच्ची के माता-पिता शोक स्तब्ध हो गए थे. परिजनों ने चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए उनसे बहसबाजी भी की. इससे अस्पताल में तनाव का माहौल बन गया था.

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