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ओणम उपहार विवाद : विरोध कर रहे वामपंथी पार्षदों को हटाने के लिए पुलिस ने किया बल प्रयोग

कांग्रेस नीत यूडीएफ शासित त्रिक्काकारा नगर पालिका (Thrikkakara Municipality) में पुलिस ने नगर अध्यक्ष अजिता थनकप्पन (Municipal chairperson Ajitha Thankappan) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे एलडीएफ पार्षदों (LDF councilors ) को हटाने के लिए कथित तौर पर बल प्रयोग किया.

ओणम उपहार विवाद
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Published : Sep 1, 2021, 10:14 PM IST

कोच्चि : कांग्रेस नीत यूडीएफ शासित त्रिक्काकारा नगर पालिका (Thrikkakara Municipality) में बुधवार को उस समय तनाव पैदा हो गया जब पुलिस ने नगर अध्यक्ष अजिता थनकप्पन (Municipal chairperson Ajitha Thankappan) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे एलडीएफ पार्षदों (LDF councilors ) को हटाने के लिए कथित तौर पर बल प्रयोग किया. थनकप्पन, ओणम के दौरान अपने कार्यालय के सभी पार्षदों को कथित रूप से गुप्त तरीके से पैसे बांटने (secretly distributing money) के आरोप में जांच का सामना कर रहे हैं.

थनकप्पन ने जब अपने कार्यलय पहुंचे तो एलडीएफ पार्षदों ने उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. गौरतलब है कि को भ्रष्टाचार विरोधी ब्यूरो (Anti-Corruption Bureau) के निर्देश के बाद सील कर दिया.

त्योहार से पहले सभी सदस्यों को ओणम उपहार के रूप में 10,000 रुपये के कथित वितरण के सीसीटीवी फुटेज (CCTV footage ) जैसे डिजिटल साक्ष्य एकत्र करने के लिए कार्यालय को सील कर दिया गया था.

जब अध्यक्ष ने शाम को कार्यालय छोड़ने के लिए पुलिस की मदद मांगी, तो एलडीएफ सदस्यों ने विरोध किया, नारे लगाए और सील कार्यालय में प्रवेश (entering the sealed office) करने के लिए उनकी गिरफ्तारी की मांग की.

इस दौरान एलडीएफ सदस्यों ने उनके कक्ष के सामने अपना विरोध जताया, जिस पर पुलिस ने कथित तौर पर उन्हें हटाने के लिए बल प्रयोग किया. बाद में एलडीएफ पार्षदों ने इसका विरोध करते हुए जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

एलडीएफ पार्षदों के अनुसार थंकप्पन ने विपक्षी सदस्यों सहित 43 पार्षदों में से प्रत्येक को अपने केबिन में बुलाया और 'ओनाक्कोडी' (नए कपड़े) के साथ सीलबंद लिफाफे में 10,000 रुपये वितरित किए थे.

उन्होंने दावा किया कि 18 पार्षदों ने बाद में राशि वापस कर दी, क्योंकि उन्हें पैसे के स्रोत के बारे में संदेह था.

पढ़ें - छिंदवाड़ा में गबन कांड : महिला को दो बार मृत बताकर पंचायत सचिव ने हड़पे 6 लाख रुपये

उन्होंने कथित घटना की जांच की मांग करते हुए सतर्कता विभाग (Vigilance department) के पास एक शिकायत भी दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि भ्रष्ट तरीकों से धन एकत्र किया गया था.

थंकप्पन ने इन सभी आरोपों को स्पष्ट रूप से खारिज करते हुए कहा है कि यह कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ शासित नगर पालिका में प्रशासन को गिराने के लिए सीपीएम विपक्ष द्वारा जारी प्रयासों का हिस्सा है.

कोच्चि : कांग्रेस नीत यूडीएफ शासित त्रिक्काकारा नगर पालिका (Thrikkakara Municipality) में बुधवार को उस समय तनाव पैदा हो गया जब पुलिस ने नगर अध्यक्ष अजिता थनकप्पन (Municipal chairperson Ajitha Thankappan) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे एलडीएफ पार्षदों (LDF councilors ) को हटाने के लिए कथित तौर पर बल प्रयोग किया. थनकप्पन, ओणम के दौरान अपने कार्यालय के सभी पार्षदों को कथित रूप से गुप्त तरीके से पैसे बांटने (secretly distributing money) के आरोप में जांच का सामना कर रहे हैं.

थनकप्पन ने जब अपने कार्यलय पहुंचे तो एलडीएफ पार्षदों ने उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. गौरतलब है कि को भ्रष्टाचार विरोधी ब्यूरो (Anti-Corruption Bureau) के निर्देश के बाद सील कर दिया.

त्योहार से पहले सभी सदस्यों को ओणम उपहार के रूप में 10,000 रुपये के कथित वितरण के सीसीटीवी फुटेज (CCTV footage ) जैसे डिजिटल साक्ष्य एकत्र करने के लिए कार्यालय को सील कर दिया गया था.

जब अध्यक्ष ने शाम को कार्यालय छोड़ने के लिए पुलिस की मदद मांगी, तो एलडीएफ सदस्यों ने विरोध किया, नारे लगाए और सील कार्यालय में प्रवेश (entering the sealed office) करने के लिए उनकी गिरफ्तारी की मांग की.

इस दौरान एलडीएफ सदस्यों ने उनके कक्ष के सामने अपना विरोध जताया, जिस पर पुलिस ने कथित तौर पर उन्हें हटाने के लिए बल प्रयोग किया. बाद में एलडीएफ पार्षदों ने इसका विरोध करते हुए जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

एलडीएफ पार्षदों के अनुसार थंकप्पन ने विपक्षी सदस्यों सहित 43 पार्षदों में से प्रत्येक को अपने केबिन में बुलाया और 'ओनाक्कोडी' (नए कपड़े) के साथ सीलबंद लिफाफे में 10,000 रुपये वितरित किए थे.

उन्होंने दावा किया कि 18 पार्षदों ने बाद में राशि वापस कर दी, क्योंकि उन्हें पैसे के स्रोत के बारे में संदेह था.

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उन्होंने कथित घटना की जांच की मांग करते हुए सतर्कता विभाग (Vigilance department) के पास एक शिकायत भी दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि भ्रष्ट तरीकों से धन एकत्र किया गया था.

थंकप्पन ने इन सभी आरोपों को स्पष्ट रूप से खारिज करते हुए कहा है कि यह कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ शासित नगर पालिका में प्रशासन को गिराने के लिए सीपीएम विपक्ष द्वारा जारी प्रयासों का हिस्सा है.

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