ETV Bharat / bharat

Dussehra Festival in Gujarat: दशहरे के दिन 15 करोड़ के फाफड़ा, जलेबी, गाठिया और चोराफड़ी खा गए गुजराती - वाहन और शस्त्र पूजा

दशहरे के अवसर पर गुजरात के अहमदाबाद शहर में फाफड़ा, जलेबी, गाठिया और चोराफड़ी की बंपर बिक्री हुई. अनुमान के अनुसार पूरे शहर में करीब 15 करोड़ रुपये के फाफड़ा, जलेबी, गाठिया और चोराफड़ी बेचे गए. Dussehra in Gujarat, Dussehra Festival in Gujarat.

Fafda-Jalebi fun on Dussehra
दशहरे पर फाफड़ा-जलेबी की धूम
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 24, 2023, 7:56 PM IST

दशहरे पर खूब बिकी फाफड़ा, जलेबी, गाठिया और चोराफड़ी

अहमदाबाद: दशहरे के दिन सुबह से ही गुजराती लोग फाफड़ा-जलेबी के लिए फरसाण की दुकानों पर लाइन लगा लेते हैं. दशहरे के दिन गुजराती वाहन और शस्त्र पूजा के बाद नाश्ते में फाफड़ा-जलेबी खाते हैं. एक अनुमान के मुताबिक, गुजरात में छह लाख किलो फाफड़ा, गाठिया, चोराफड़ी और जलेबी की खपत होती है. जिसकी अनुमानित लागत 15 करोड़ आंकी गई है. यहां दशहरे के दिन फाफड़ा, गाठिया, चोराफड़ी और जलेबी लोग चाव से खाते हैं.

अहमदाबाद के रहने वाले त्योहार मनाने में दिल खोल कर पैसा खर्च करते हैं. इसका प्रमाण इस बात से मिलता है कि फाफड़ा, गाठिया, चोराफड़ी और जलेबी की कीमतें पिछले साल की तुलना में इस साल औसतन 15 से 20 फीसदी तक बढ़ी हैं, लेकिन फाफड़ा-जलेबी के शौकीन जमकर खा रहे हैं. पिछले साल प्रति किलो 450 से 550 रुपये में फाफड़ा बिके थे, इस साल कीमत 650 प्रति किलो पहुंच गई.

जलेबी का भाव पिछले साल 700 रुपये प्रति किलो थी, वह इस साल 700 से 800 रुपये प्रति किलो पहुंच गई है. यह सुनिश्चित करने के लिए कि ग्राहकों को शुद्ध फरसाण मिले, कुछ दुकानदार ब्रांडेड घी का उपयोग करने पर जोर देते हैं और केवल प्रयोगशाला-परीक्षणित घी का उपयोग करते हैं.

इस्कॉन, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चाय पर चर्चा शुरू की थी, वह अपने ग्राहकों के सामने गाठिया-फाफड़ा और जलेबी बनाता और बेचता है. दशहरा उत्सव के मौके पर इन सभी चीजों की बिक्री करीब 15 करोड़ रुपये के आस-पास रही.

दशहरे पर खूब बिकी फाफड़ा, जलेबी, गाठिया और चोराफड़ी

अहमदाबाद: दशहरे के दिन सुबह से ही गुजराती लोग फाफड़ा-जलेबी के लिए फरसाण की दुकानों पर लाइन लगा लेते हैं. दशहरे के दिन गुजराती वाहन और शस्त्र पूजा के बाद नाश्ते में फाफड़ा-जलेबी खाते हैं. एक अनुमान के मुताबिक, गुजरात में छह लाख किलो फाफड़ा, गाठिया, चोराफड़ी और जलेबी की खपत होती है. जिसकी अनुमानित लागत 15 करोड़ आंकी गई है. यहां दशहरे के दिन फाफड़ा, गाठिया, चोराफड़ी और जलेबी लोग चाव से खाते हैं.

अहमदाबाद के रहने वाले त्योहार मनाने में दिल खोल कर पैसा खर्च करते हैं. इसका प्रमाण इस बात से मिलता है कि फाफड़ा, गाठिया, चोराफड़ी और जलेबी की कीमतें पिछले साल की तुलना में इस साल औसतन 15 से 20 फीसदी तक बढ़ी हैं, लेकिन फाफड़ा-जलेबी के शौकीन जमकर खा रहे हैं. पिछले साल प्रति किलो 450 से 550 रुपये में फाफड़ा बिके थे, इस साल कीमत 650 प्रति किलो पहुंच गई.

जलेबी का भाव पिछले साल 700 रुपये प्रति किलो थी, वह इस साल 700 से 800 रुपये प्रति किलो पहुंच गई है. यह सुनिश्चित करने के लिए कि ग्राहकों को शुद्ध फरसाण मिले, कुछ दुकानदार ब्रांडेड घी का उपयोग करने पर जोर देते हैं और केवल प्रयोगशाला-परीक्षणित घी का उपयोग करते हैं.

इस्कॉन, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चाय पर चर्चा शुरू की थी, वह अपने ग्राहकों के सामने गाठिया-फाफड़ा और जलेबी बनाता और बेचता है. दशहरा उत्सव के मौके पर इन सभी चीजों की बिक्री करीब 15 करोड़ रुपये के आस-पास रही.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.