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बाइक बोट घोटाले में कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने दर्ज किया एक और मुकदमा, जानिए क्या है मामला - बाइक बोट घोटाला

गर्वित इनोवेटिव लिमिटेड कंपनी ने 2018 में बाइक बोट नाम से स्टार्टअप शुरू किया. दावा किया गया कि 1.24 लाख रुपये के निवेश पर एक साल तक हर महीने 17 हजार रुपये दिए जाएंगे. बाद में कंपनी के बंद होने से काफी निवेशकों के पैसे डूब गए.

लखनऊ में बाइक बोट घोटाले में एक और मुकदमा दर्ज किया गया है.
लखनऊ में बाइक बोट घोटाले में एक और मुकदमा दर्ज किया गया है.
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Published : Apr 25, 2023, 7:55 AM IST

लखनऊ : बाइक बोट घोटाले के नाम पर पीड़ितों से करोड़ों रुपए हड़प लिए गए. इस घोटाले में देश भर में कई मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं. कई लोगों को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा जा चुका है. इस मामले में महानगर कोतवाली में एक और मुकदमा दर्ज कराया गया है. पीड़ित ने पुलिस पर मामला न दर्ज करने का आरोप लगाते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था. कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की. पीड़ित का आरोप है कि जालसाजों ने उनके चार लाख 37 हजार रुपये हड़प लिए.

बाइक बोट कंपनी में निवेश करने वाले महानगर के अकबरपुर निवासी मुसाहिद आरिफ खान के मुताबिक साल 2018 में उनकी मुलाकात गौतम बुद्धनगर के रहने वाले आलोक शुक्ला से हुई. आलोक ने बताया कि वह गौतम बुद्धनगर स्थित गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड कंपनी के एजेंट हैं. उन्होंने बाइक बोट स्कीम के बारे में बताया. कहा कि कम्पनी के माध्यम से ओला, उबर कार की तरह बाइक की भी सेवा दी जाती है. इसके बाद आलोक ने कम्पनी के निदेशक संजय भाटी से फोन पर बात कराई.

संजय भाटी ने कंपनी में 4.37 लाख रुपए लगाकर एक साल में दोगुना रुपये वापस करने का भरोसा दिलाया. इसके बाद मुसाहिद आरिफ खान ने पैसों का भुगतान कर दिया. कंपनी द्वारा एक वर्ष के बाद उन्हें चेक दिया गया. खाते में चेक लगाते ही वह बाउंस हो गया. शिकायत करने पर कुछ दिनों में रुपये खाते में पहुंचने की जानकारी दी गई. इसके बावजूद रुपये नहीं आए. वह गौतमबुद्ध नगर स्थित कंपनी के कार्यालय में गए तो वहां ताला लटका था.

इसी बीच पीड़ित को जानकारी मिली कि कंपनी ने कई राज्यों के लोगों के साथ ठगी की है. इसके बाद उन्होंने महानगर थाने में शिकायत की. इसके बावजूद मुकदमा नहीं दर्ज किया गया. बाद में पीड़ित ने कोर्ट की शरण ली. कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया. वहीं घोटाले की जांच विजलेंस की टीम भी कर रही है. डीसीपी सेंट्रल अपर्णा रजत कौशिक के मुताबिक पीड़ित की शिकायत पर कोर्ट के आदेश के बाद महानगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है. पुलिस जांच कर रही है.

यह भी पढ़ें : लखनऊ में सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर 23 लाख की ठगी, पिता-पुत्र के खिलाफ FIR दर्ज

लखनऊ : बाइक बोट घोटाले के नाम पर पीड़ितों से करोड़ों रुपए हड़प लिए गए. इस घोटाले में देश भर में कई मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं. कई लोगों को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा जा चुका है. इस मामले में महानगर कोतवाली में एक और मुकदमा दर्ज कराया गया है. पीड़ित ने पुलिस पर मामला न दर्ज करने का आरोप लगाते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था. कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की. पीड़ित का आरोप है कि जालसाजों ने उनके चार लाख 37 हजार रुपये हड़प लिए.

बाइक बोट कंपनी में निवेश करने वाले महानगर के अकबरपुर निवासी मुसाहिद आरिफ खान के मुताबिक साल 2018 में उनकी मुलाकात गौतम बुद्धनगर के रहने वाले आलोक शुक्ला से हुई. आलोक ने बताया कि वह गौतम बुद्धनगर स्थित गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड कंपनी के एजेंट हैं. उन्होंने बाइक बोट स्कीम के बारे में बताया. कहा कि कम्पनी के माध्यम से ओला, उबर कार की तरह बाइक की भी सेवा दी जाती है. इसके बाद आलोक ने कम्पनी के निदेशक संजय भाटी से फोन पर बात कराई.

संजय भाटी ने कंपनी में 4.37 लाख रुपए लगाकर एक साल में दोगुना रुपये वापस करने का भरोसा दिलाया. इसके बाद मुसाहिद आरिफ खान ने पैसों का भुगतान कर दिया. कंपनी द्वारा एक वर्ष के बाद उन्हें चेक दिया गया. खाते में चेक लगाते ही वह बाउंस हो गया. शिकायत करने पर कुछ दिनों में रुपये खाते में पहुंचने की जानकारी दी गई. इसके बावजूद रुपये नहीं आए. वह गौतमबुद्ध नगर स्थित कंपनी के कार्यालय में गए तो वहां ताला लटका था.

इसी बीच पीड़ित को जानकारी मिली कि कंपनी ने कई राज्यों के लोगों के साथ ठगी की है. इसके बाद उन्होंने महानगर थाने में शिकायत की. इसके बावजूद मुकदमा नहीं दर्ज किया गया. बाद में पीड़ित ने कोर्ट की शरण ली. कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया. वहीं घोटाले की जांच विजलेंस की टीम भी कर रही है. डीसीपी सेंट्रल अपर्णा रजत कौशिक के मुताबिक पीड़ित की शिकायत पर कोर्ट के आदेश के बाद महानगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है. पुलिस जांच कर रही है.

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