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चीन के मंसूबों की सामने आई सैटेलाइट तस्वीरें, 2020 से LAC के पास पीएलए था सक्रिय

चीन की सेना एक सुनियोजित साजिश के तहत नौ दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के यांग्त्से इलाके में स्थित भारतीय चौकी को हटाने के लिए 300 सैनिकों के साथ एलएसी के पास पहुंची थी. इस नाकाम कोशिश के बाद झड़प पर चीन का बयान भी आया है. चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत से लगी उसकी सीमा पर स्थिति स्थिर है.

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Published : Dec 16, 2022, 7:01 PM IST

नई दिल्ली : चीन ने भारत की सीमा से सटे कई गांवों का निर्माण किया है. उत्तराखंड हो, लद्दाख हो या अरुणाचल प्रदेश का तवांग, सैटेलाइट इमेज से पता चलता है कि उन्होंने अपनी तरफ सड़कें, गांव और एयरबेस बना लिए हैं. चीन न केवल अक्टूबर से सक्रिय था, वे 2020 से अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहे थे. चीन ने एलएसी के पास अपनी तरफ एक एयरबेस भी बनाया था. सैटेलाइट तस्वीरों से यह भी पता चलता है कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश में तवांग से लगी सीमा के पास गांवों का निर्माण किया है. चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने उस तरफ एक सड़क भी बना ली है.

सूत्रों के मुताबिक, चीनी बुनियादी ढांचे का निर्माण 16 अक्टूबर को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की 20वीं कांग्रेस शुरू होने से ठीक पहले शुरू हो गया था. चीनी सेना ने अपनी ताकत बढ़ाने के बाद 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण 17,000 फीट ऊंची चोटी तक पहुंचने की कोशिश की. भारत ने भी नंबरों का मिलान किया था. पूरी तरह से तैयार और जागरूक, भारतीय सैनिकों ने अरुणाचल प्रदेश में अपने प्रयास में चीनियों को हराया. सेना के सूत्र ने कहा कि इस संघर्ष में 34 भारतीय और 40 से अधिक चीनी सैनिकों को चोटें आईं.

बता दें कि, चीन की सेना एक सुनियोजित साजिश के तहत नौ दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के यांग्त्से इलाके में स्थित भारतीय चौकी को हटाने के लिए 300 सैनिकों के साथ एलएसी के पास पहुंची थी. इस नाकाम कोशिश के बाद झड़प पर चीन का बयान भी आया है. चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत से लगी उसकी सीमा पर स्थिति स्थिर है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, जहां तक हम समझते हैं, चीन-भारत सीमा पर स्थिति कुल मिलाकर स्थिर है.

(आईएएनएस)

नई दिल्ली : चीन ने भारत की सीमा से सटे कई गांवों का निर्माण किया है. उत्तराखंड हो, लद्दाख हो या अरुणाचल प्रदेश का तवांग, सैटेलाइट इमेज से पता चलता है कि उन्होंने अपनी तरफ सड़कें, गांव और एयरबेस बना लिए हैं. चीन न केवल अक्टूबर से सक्रिय था, वे 2020 से अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहे थे. चीन ने एलएसी के पास अपनी तरफ एक एयरबेस भी बनाया था. सैटेलाइट तस्वीरों से यह भी पता चलता है कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश में तवांग से लगी सीमा के पास गांवों का निर्माण किया है. चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने उस तरफ एक सड़क भी बना ली है.

सूत्रों के मुताबिक, चीनी बुनियादी ढांचे का निर्माण 16 अक्टूबर को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की 20वीं कांग्रेस शुरू होने से ठीक पहले शुरू हो गया था. चीनी सेना ने अपनी ताकत बढ़ाने के बाद 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण 17,000 फीट ऊंची चोटी तक पहुंचने की कोशिश की. भारत ने भी नंबरों का मिलान किया था. पूरी तरह से तैयार और जागरूक, भारतीय सैनिकों ने अरुणाचल प्रदेश में अपने प्रयास में चीनियों को हराया. सेना के सूत्र ने कहा कि इस संघर्ष में 34 भारतीय और 40 से अधिक चीनी सैनिकों को चोटें आईं.

बता दें कि, चीन की सेना एक सुनियोजित साजिश के तहत नौ दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के यांग्त्से इलाके में स्थित भारतीय चौकी को हटाने के लिए 300 सैनिकों के साथ एलएसी के पास पहुंची थी. इस नाकाम कोशिश के बाद झड़प पर चीन का बयान भी आया है. चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत से लगी उसकी सीमा पर स्थिति स्थिर है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, जहां तक हम समझते हैं, चीन-भारत सीमा पर स्थिति कुल मिलाकर स्थिर है.

(आईएएनएस)

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