ETV Bharat / bharat

नेशनल कॉन्फेंस कमजोर नहीं हुई होती तो अनुच्छेद 370 हटाना संभव नहीं होता : उमर अब्दुल्ला

केंद्र की सरकारों पर नेशनल कॉन्फ्रेंस को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए पार्टी उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अगर उनकी पार्टी प्रदेश में कमजोर नहीं हुई होती तो अनुच्छेद 370 को निरस्त करना संभव नहीं होता.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Jun 22, 2023, 10:26 AM IST

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने केंद्र की सरकारों पर नेशनल कॉन्फ्रेंस को कमजोर करने का आरोप लगाया. उमर अब्दुल्ला ने दावा किया कि अगर उनकी पार्टी प्रदेश में कमजोर नहीं हुई होती तो अनुच्छेद 370 को निरस्त करना संभव नहीं होता. जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके उमर अब्दुल्ला ने उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले के द्रांग तंगमर्ग में पार्टी के उत्तर क्षेत्र के पदाधिकारियों की एक विशेष बैठक को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की.

अब्दुल्ला ने कहा, "यह कड़वा सच है कि अगर नेशनल कॉन्फ्रेंस कमजोर नहीं हुई होती तो पांच अगस्त, 2019 की कार्रवाई संभव नहीं होती." गौरतलब है कि केंद्र ने पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त कर दिया था तत्कालीन राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख में विभाजित कर दिया था.

'चुनाव हमारा अधिकार है, भीख नहीं मांगेंगे' : उमर अब्दुल्ला ने इससे पहले जम्मू कश्मीर में चुनाव कराने को लेकर कहा था कि चुनाव लोगों का अधिकार है और वह चुनाव कराने के लिए किसी से भीख नहीं मांगेंगे. पत्रकारों से बात करते हुए उमर ने कहा, "हमारा भी कुछ स्वाभिमान है और हम यहां चुनाव कराने के लिए किसी से भीख नहीं मांगेंगे. चुनाव लोगों का अधिकार है और चुनाव आयोग को इस सवाल का जवाब देना चाहिए. उन्होंने कहा, "क्या मुख्य चुनाव आयुक्त ने यह नहीं कहा कि जम्मू-कश्मीर में एक खालीपन है जिसे भरने की जरूरत है. उस खालीपन को क्यों नहीं भरा जा रहा है? यदि चुनाव आयोग दबाव में है तो उसे यह स्पष्ट रूप से कहना चाहिए कि वह दबाव में है और वह यही कारण है कि वे यहां चुनाव नहीं करा सकते.

पढ़ें : निर्वाचन आयोग जम्मू कश्मीर के लोगों को बताए क्यों नहीं हो रहे चुनाव: उमर अब्दुल्ला

उन्होंने कहा कि श्रीनगर में जी20 बैठक आयोजित करना और कश्मीर को दुनिया के सामने दिखाना कि सब ठीक है अलग बात है. उन्होंने जोर देकर कहा कि लोगों को वास्तविकता जाननी चाहिए. उन्होंने कहा, "यातायात यहां गड़बड़ है. आमतौर पर 5 मिनट में तय की जाने वाली दूरी को ट्रैफिक जाम के कारण 40 मिनट लगते हैं. लोग रो रहे हैं. छात्र और सरकारी कर्मचारी समय पर स्कूल और दफ्तर तक नहीं पहुंच सकते। कोई नहीं कश्मीर के बारे में सोचता है.

(पीटीआई-भाषा)

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने केंद्र की सरकारों पर नेशनल कॉन्फ्रेंस को कमजोर करने का आरोप लगाया. उमर अब्दुल्ला ने दावा किया कि अगर उनकी पार्टी प्रदेश में कमजोर नहीं हुई होती तो अनुच्छेद 370 को निरस्त करना संभव नहीं होता. जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके उमर अब्दुल्ला ने उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले के द्रांग तंगमर्ग में पार्टी के उत्तर क्षेत्र के पदाधिकारियों की एक विशेष बैठक को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की.

अब्दुल्ला ने कहा, "यह कड़वा सच है कि अगर नेशनल कॉन्फ्रेंस कमजोर नहीं हुई होती तो पांच अगस्त, 2019 की कार्रवाई संभव नहीं होती." गौरतलब है कि केंद्र ने पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त कर दिया था तत्कालीन राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख में विभाजित कर दिया था.

'चुनाव हमारा अधिकार है, भीख नहीं मांगेंगे' : उमर अब्दुल्ला ने इससे पहले जम्मू कश्मीर में चुनाव कराने को लेकर कहा था कि चुनाव लोगों का अधिकार है और वह चुनाव कराने के लिए किसी से भीख नहीं मांगेंगे. पत्रकारों से बात करते हुए उमर ने कहा, "हमारा भी कुछ स्वाभिमान है और हम यहां चुनाव कराने के लिए किसी से भीख नहीं मांगेंगे. चुनाव लोगों का अधिकार है और चुनाव आयोग को इस सवाल का जवाब देना चाहिए. उन्होंने कहा, "क्या मुख्य चुनाव आयुक्त ने यह नहीं कहा कि जम्मू-कश्मीर में एक खालीपन है जिसे भरने की जरूरत है. उस खालीपन को क्यों नहीं भरा जा रहा है? यदि चुनाव आयोग दबाव में है तो उसे यह स्पष्ट रूप से कहना चाहिए कि वह दबाव में है और वह यही कारण है कि वे यहां चुनाव नहीं करा सकते.

पढ़ें : निर्वाचन आयोग जम्मू कश्मीर के लोगों को बताए क्यों नहीं हो रहे चुनाव: उमर अब्दुल्ला

उन्होंने कहा कि श्रीनगर में जी20 बैठक आयोजित करना और कश्मीर को दुनिया के सामने दिखाना कि सब ठीक है अलग बात है. उन्होंने जोर देकर कहा कि लोगों को वास्तविकता जाननी चाहिए. उन्होंने कहा, "यातायात यहां गड़बड़ है. आमतौर पर 5 मिनट में तय की जाने वाली दूरी को ट्रैफिक जाम के कारण 40 मिनट लगते हैं. लोग रो रहे हैं. छात्र और सरकारी कर्मचारी समय पर स्कूल और दफ्तर तक नहीं पहुंच सकते। कोई नहीं कश्मीर के बारे में सोचता है.

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.