श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में चल रहे अतिक्रमण विरोधी अभियान के बीच जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार समाज में अराजकता पैदा करना चाहती है. उमर ने श्रीनगर में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि रोजाना बुलडोजर निकालने और ड्राइव करने से लोगों में डर का माहौल है. इस अभियान के दौरान सरकार अवैध प्रक्रिया का पालन कर रही है.
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार ने हाईकोर्ट में स्वीकार किया है कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रही सूची फर्जी है. उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी बहन उच्च न्यायालय गई, जहां सरकार ने स्वीकार किया कि उसने कोई सूची प्रकाशित या प्रसारित नहीं की है.उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रही लिस्ट ने लोगों में चिंता पैदा कर दी है. गुपकर में उनकी बहन के घर की जमीन का पट्टा अभी भी लीज पर है, जो समाप्त नहीं हुआ है. फिर भी उनकी बहन को अदालत जाना पड़ा.
उमर अब्दुल्ला ने सरकार से पूछा कि जब सरकारी वकील ने हाईकोर्ट में कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल लिस्ट फर्जी है तो वे किस आधार पर संपत्तियों पर बुलडोजर चलवा रहे हैं, जबकि सूची सरकार द्वारा जारी ही नहीं की गई है, जैसा कि हाईकोर्ट में दावा किया गया है. उन्होंने कहा कि वे जहां भी बुलडोजर की कार्रवाई कर रहे हैं, वहां कागजात या दस्तावेज नहीं दिखाते हैं. सभी को धमकी दी जा रही है कि अगर उसने कोई सवाल किया तो अगले दिन उसके घर पर भी बुलडोजर चला दिया जाएगा. यह अब समाज में भ्रष्टाचार और अराजकता को जन्म दे रहा है.
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उन्होंने प्रशासन से सूची जारी करने की मांग की है, जिन लोगों ने यहां की जमीन पर कब्जा किया है, उनके नाम का उल्लेख करें, फिर उन्हें नोटिस देकर जमीन वापस लेने के लिए कानूनी प्रक्रिया का पालन करें. उमर अब्दुल्ला ने कहा कि 'हम राज्य की भूमि पर अतिक्रमण के पक्ष में नहीं हैं लेकिन इसे वापस लेने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल करना कानूनी नहीं है. कानूनी प्रक्रिया का पालन करें और हम इसका समर्थन करेंगे.'