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कोशिश करेंगे कि संसद के नए भवन का निर्माण अगले साल 15 अगस्त से पहले हो जाए : ओम बिरला

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Published : Aug 11, 2021, 2:20 PM IST

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला (Lok Sabha Speaker Om Birla) ने सेंट्रल विस्टा परियोजना (Central Vista Project) के तहत बनाई जा रही संसद भवन में नई बिल्डिंग के निर्माण को लेकर कहा कि इसका निर्माण अगले 15 अगस्त तक पूरा करने की कोशिश करेंगे.

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नई दिल्ली : लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बुधवार को कहा कि यह प्रयास किया जाएगा कि आजादी के 75 साल पूरा होने के मौके पर अगले वर्ष 15 अगस्त से पहले नये संसद भवन का निर्माण पूरा हो जाए.

बिरला ने मॉनसून सत्र के लिए लोकसभा की बैठक अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में यह टिप्पणी की.

उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा, 'हम कोशिश करेंगे कि (अगले साल) 15 अगस्त से पहले नये भवन का निर्माण हो जाए और हम संसद के नये भवन में आजादी का यह पर्व मनाएं.'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल दिसंबर में संसद के नये भवन का भूमि पूजन किया था. नये संसद भवन के निर्माण पर कुल 971 करोड़ रुपये खर्च हो सकते हैं.

सेंट्रल विस्टा मॉडर्नाइजेशन
कोविड-19 के दौरान जिसमें शारीरिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) रखने का आह्वान किया गया था, उसमें मानसून सत्र के संचालन में जिन समस्याओं का सामना करना पड़ा, देश के लोग उसके गवाह रहे हैं. सत्र के संचालन के लिए जगह की कमी पूरे देश के सामने स्पष्ट नजर आई थी. इस पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के नए भवन के लिए सेंट्रल विस्टा मॉडर्नाइजेशन परियोजना के तहत 10 दिसंबर 2020 को इसकी आधारशिला रखी.

100 वर्षों की जरूरतों के लिए पर्याप्त
सर्वोच्च न्यायालय ने शुरू में केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह इस मुद्दे पर उसके अंतिम फैसले के आधार पर ही परियोजना को निष्पादित करे. हालांकि, पीठ ने बाद में इस परियोजना पर की गई आपत्तियों को खारिज करते हुए बहुमत से इसके पक्ष में फैसला दिया. यह पूरे देश के लोगों के लिए गर्व की बात है कि अगले 100 वर्षों की जरूरतों को को पूरा करने के लिए एक भव्य संरचना का निर्माण अगले वर्ष तक हकीकत में बदलने जा रहा है.

त्रिकोणीय आकार में नई संसद

विभिन्न धर्मों की ओर से त्रिकोण को दी गई पवित्र मान्यता को ध्यान में रखते हुए नए संसद भवन को त्रिकोणीय आकार में बनाया जाना है. लोक सभा, राज्य सभा और संविधान हॉल राष्ट्रीय प्रतीकों मोर, कमल और केले के पेड़ को प्रतिबिंबित करेंगे. यह श्रेष्ठ भारत के उद्देश्यों को प्राप्त करने की दिशा में एक मील का पत्थर है.

पढ़ें :- लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने बताया, संसद की नई इमारत क्यों है जरूरी

लोकसभा की योजना
भारत रत्न प्रणब मुखर्जी ने सुझाव दिया था कि 130 करोड़ की आबादी वाला देश होने के नाते भारत में संसद के सदस्यों की संख्या कम से कम 1000 होनी चाहिए. जैसा कि सांसदों की अधिकतम संख्या वर्ष 2026 तक तय होने जा रही है, केंद्र ने 888 सदस्यों के बैठने की क्षमता वाली लोकसभा की योजना बनाई है.

भूकंप का जोखिम
राज्य सभा में 384 सदस्यों की बैठने की क्षमता है. इसका फिर से मूल्यांकन किया जाना है कि क्या यह बैठने की क्षमता आने वाले 100 साल की जरूरतों को पूरा करेगी ? भूकंप के जोखिमों के हिसाब से पूरे देश को पांच क्षेत्रों में विभाजित किया गया है. सेंट्रल विस्टा चौथे क्षेत्र में बनाया जा रहा है जो एक अधिक जोखिम वाला क्षेत्र है.

26 वर्ग किलोमीटर की सीमा
राष्ट्रपति भवन, संसद, कार्यालयों और उपराष्ट्रपति के आधिकारिक निवास, प्रधानमंत्री, केंद्र सरकार के कार्यालय, सुप्रीम कोर्ट और निचली अदालतें, तीनों सशस्त्र बलों और कई अन्य लोगों के क्वार्टर, कार्यालय और आधिकारिक निवास इसी 26 वर्ग किलोमीटर की सीमा वाले जिले में स्थित है.

नई दिल्ली : लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बुधवार को कहा कि यह प्रयास किया जाएगा कि आजादी के 75 साल पूरा होने के मौके पर अगले वर्ष 15 अगस्त से पहले नये संसद भवन का निर्माण पूरा हो जाए.

बिरला ने मॉनसून सत्र के लिए लोकसभा की बैठक अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में यह टिप्पणी की.

उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा, 'हम कोशिश करेंगे कि (अगले साल) 15 अगस्त से पहले नये भवन का निर्माण हो जाए और हम संसद के नये भवन में आजादी का यह पर्व मनाएं.'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल दिसंबर में संसद के नये भवन का भूमि पूजन किया था. नये संसद भवन के निर्माण पर कुल 971 करोड़ रुपये खर्च हो सकते हैं.

सेंट्रल विस्टा मॉडर्नाइजेशन
कोविड-19 के दौरान जिसमें शारीरिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) रखने का आह्वान किया गया था, उसमें मानसून सत्र के संचालन में जिन समस्याओं का सामना करना पड़ा, देश के लोग उसके गवाह रहे हैं. सत्र के संचालन के लिए जगह की कमी पूरे देश के सामने स्पष्ट नजर आई थी. इस पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के नए भवन के लिए सेंट्रल विस्टा मॉडर्नाइजेशन परियोजना के तहत 10 दिसंबर 2020 को इसकी आधारशिला रखी.

100 वर्षों की जरूरतों के लिए पर्याप्त
सर्वोच्च न्यायालय ने शुरू में केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह इस मुद्दे पर उसके अंतिम फैसले के आधार पर ही परियोजना को निष्पादित करे. हालांकि, पीठ ने बाद में इस परियोजना पर की गई आपत्तियों को खारिज करते हुए बहुमत से इसके पक्ष में फैसला दिया. यह पूरे देश के लोगों के लिए गर्व की बात है कि अगले 100 वर्षों की जरूरतों को को पूरा करने के लिए एक भव्य संरचना का निर्माण अगले वर्ष तक हकीकत में बदलने जा रहा है.

त्रिकोणीय आकार में नई संसद

विभिन्न धर्मों की ओर से त्रिकोण को दी गई पवित्र मान्यता को ध्यान में रखते हुए नए संसद भवन को त्रिकोणीय आकार में बनाया जाना है. लोक सभा, राज्य सभा और संविधान हॉल राष्ट्रीय प्रतीकों मोर, कमल और केले के पेड़ को प्रतिबिंबित करेंगे. यह श्रेष्ठ भारत के उद्देश्यों को प्राप्त करने की दिशा में एक मील का पत्थर है.

पढ़ें :- लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने बताया, संसद की नई इमारत क्यों है जरूरी

लोकसभा की योजना
भारत रत्न प्रणब मुखर्जी ने सुझाव दिया था कि 130 करोड़ की आबादी वाला देश होने के नाते भारत में संसद के सदस्यों की संख्या कम से कम 1000 होनी चाहिए. जैसा कि सांसदों की अधिकतम संख्या वर्ष 2026 तक तय होने जा रही है, केंद्र ने 888 सदस्यों के बैठने की क्षमता वाली लोकसभा की योजना बनाई है.

भूकंप का जोखिम
राज्य सभा में 384 सदस्यों की बैठने की क्षमता है. इसका फिर से मूल्यांकन किया जाना है कि क्या यह बैठने की क्षमता आने वाले 100 साल की जरूरतों को पूरा करेगी ? भूकंप के जोखिमों के हिसाब से पूरे देश को पांच क्षेत्रों में विभाजित किया गया है. सेंट्रल विस्टा चौथे क्षेत्र में बनाया जा रहा है जो एक अधिक जोखिम वाला क्षेत्र है.

26 वर्ग किलोमीटर की सीमा
राष्ट्रपति भवन, संसद, कार्यालयों और उपराष्ट्रपति के आधिकारिक निवास, प्रधानमंत्री, केंद्र सरकार के कार्यालय, सुप्रीम कोर्ट और निचली अदालतें, तीनों सशस्त्र बलों और कई अन्य लोगों के क्वार्टर, कार्यालय और आधिकारिक निवास इसी 26 वर्ग किलोमीटर की सीमा वाले जिले में स्थित है.

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