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बजरंग पूनिया : गांव की कुश्ती से लेकर ओलंपिक मेडल हासिल करने तक का सफर

हरियाणा के एक छोटे से गांव में जन्मे बजरंग पूनिया ने भारत की झोली में एक और कांस्य पदक डाल दिया है. उन्होंने टोक्यो ओलंपिक 2021 में शानदार प्रदर्शन करते हुए 65 किग्रा भार वर्ग में कांस्य पदक जीता. पूनिया के पिता भी पहलवान रह चुके है. आइए जानते हैं कि पूनिया का गांव की कुश्ती से लेकर ओलंपिक मेडल जीतने तक का सफर कैसा रहा...

बजरंग पुनिया
बजरंग पुनिया
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Published : Aug 7, 2021, 5:39 PM IST

Updated : Aug 7, 2021, 10:49 PM IST

हैदराबाद : भारत के स्टार पहलवान बजरंग पूनिया ने टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीत लिया है. उन्होंने कजाखस्तान के दौलत नियाजबेकोव को 8-0 से हराकर टोक्यो ओलंपिक की कुश्ती प्रतियोगिता में पुरुषों के 65 किग्रा भार वर्ग में यह पदक जीता. यह भारत का कुश्ती में दूसरा और वर्तमान खेलों में कुल सात पदक है. भारत ने इस तरह से एक ओलंपिक में सर्वाधिक पदक जीतने के अपने पिछले रिकार्ड की बराबरी की.

पहलवान बजरंग पूनिया ने जीता कांस्य पदक.
पहलवान बजरंग पूनिया ने जीता कांस्य पदक.

हरियाणा के एक छोटे से गांव में हुआ जन्म
बजरंग पूनिया का जन्म हरियाणा के झज्जर जिले में हुआ था. उनका परिवार तकरीबन सात पहले सोनीपत में इसलिए चला गया था ताकि अच्छे तरीके से अभ्यास कर सकें. सोनीपत आने के बाद उन्हें योगेश्वर दत्त का भी आशीर्वाद प्राप्त हुआ. दिलचस्प बात है कि बजरंग पूनिया के पिता भी पहलवान हैं. उनके पिता का नाम बलवान पूनिया है. उनकी उंगली को पकड़कर अखाड़े तक का सफर तय करने वाले बजरंग का नाम हनुमान जी के नाम पर रखा गया है. बचपन में देखे सपने और अपने गुरु योगेश्वर दत्त की तरह चैंपियन बनने का सपना उन्होंने यह मेडल हासिल करके सच कर दिखाया है.

बजरंग पूनिया
बजरंग पूनिया

पूनिया के गांव में जश्न का माहौल
इस जीत पर बजरंग पूनिया के पिता बलवान सिंह ने कहा कि मैं खुशी बयान नहीं कर सकता, मेरे बेटे ने मेरा सपना पूरा कर दिया. बजरंग पूनिया की जीत से उनके गांव में भी जश्न का माहौल है. पूनिया की जीत के बाद उनके बड़े भाई की आंखें आंसू से भर आईं. वो सिर्फ इतना ही कह सके कि अगली बार उनका भाई देश के लिए गोल्ड जरूर लेकर आएगा.

बजरंग पूनिया
बजरंग पूनिया

दृढ़ इरादों के साथ आज मैट पर उतरे थे पूनिया
इससे पहले रवि दहिया ने कुश्ती में पुरुषों के 57 किग्रा भार वर्ग में रजत पदक जीता था. भारत ने इससे पहले लंदन ओलंपिक 2012 में छह पदक जीते थे तब कुश्ती में सुशील कुमार ने रजत और योगेश्वर दत्त ने कांस्य पदक हासिल किया था. बजरंग शुरू से ही दृढ़ इरादों के साथ मैट पर उतरे. उन्होंने पहले पीरियड दो अंक बनाये और इस बीच अपने रक्षण का अच्छा नमूना पेश किया. वह दूसरे पीरियड में अधिक आक्रामक नजर आये, जिसमें उन्होंने छह अंक हासिल किये. इस जीत से बजरंग ने नियाजबेकोव से विश्व चैंपियनशिप 2019 के सेमीफाइनल में मिली हार का बदला भी चुकता कर दिया.

यह भी पढ़ें- Tokyo olympics 2020: पहलवान बजरंग पूनिया ने जीता कांस्य पदक, कजाकिस्तान के रेसलर को हराया

मिल चुका है खेल रत्न
इससे पहले बजरंग पूनिया ने विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में तीन बार (2013, 2018, 2019) मेडल अपने नाम किया है. इसमें से दो बार उन्होंने सिल्वर और एक बार कांस्य पदक जीता है. इसके अलावा एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में सात खिताब जीते हैं. इसमें से दो गोल्ड, तीन सिल्वर और दो ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं. पूनिया ने इसके अलावाकॉमनवेल्थ गेम्स गोल्ड कोस्ट 2018 में गोल्ड, कॉमनवेल्थ गेम्स ग्लासगो 2014 में सिल्वर पदक जीता और एशियन गेम्स 2014 में सिल्वर व एशियन गेम्स 2018 में गोल्ड मेडल जीते हैं. वहीं पूनिया को 2019 का राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार भी मिला .

पीएम मोदी सहित देश कई हस्तियों ने पूनिया को दी बधाई
भारत के स्टार पहलवान बजरंग पूनिया को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सहित कई हस्तियों ने बधाई दी है.

हैदराबाद : भारत के स्टार पहलवान बजरंग पूनिया ने टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीत लिया है. उन्होंने कजाखस्तान के दौलत नियाजबेकोव को 8-0 से हराकर टोक्यो ओलंपिक की कुश्ती प्रतियोगिता में पुरुषों के 65 किग्रा भार वर्ग में यह पदक जीता. यह भारत का कुश्ती में दूसरा और वर्तमान खेलों में कुल सात पदक है. भारत ने इस तरह से एक ओलंपिक में सर्वाधिक पदक जीतने के अपने पिछले रिकार्ड की बराबरी की.

पहलवान बजरंग पूनिया ने जीता कांस्य पदक.
पहलवान बजरंग पूनिया ने जीता कांस्य पदक.

हरियाणा के एक छोटे से गांव में हुआ जन्म
बजरंग पूनिया का जन्म हरियाणा के झज्जर जिले में हुआ था. उनका परिवार तकरीबन सात पहले सोनीपत में इसलिए चला गया था ताकि अच्छे तरीके से अभ्यास कर सकें. सोनीपत आने के बाद उन्हें योगेश्वर दत्त का भी आशीर्वाद प्राप्त हुआ. दिलचस्प बात है कि बजरंग पूनिया के पिता भी पहलवान हैं. उनके पिता का नाम बलवान पूनिया है. उनकी उंगली को पकड़कर अखाड़े तक का सफर तय करने वाले बजरंग का नाम हनुमान जी के नाम पर रखा गया है. बचपन में देखे सपने और अपने गुरु योगेश्वर दत्त की तरह चैंपियन बनने का सपना उन्होंने यह मेडल हासिल करके सच कर दिखाया है.

बजरंग पूनिया
बजरंग पूनिया

पूनिया के गांव में जश्न का माहौल
इस जीत पर बजरंग पूनिया के पिता बलवान सिंह ने कहा कि मैं खुशी बयान नहीं कर सकता, मेरे बेटे ने मेरा सपना पूरा कर दिया. बजरंग पूनिया की जीत से उनके गांव में भी जश्न का माहौल है. पूनिया की जीत के बाद उनके बड़े भाई की आंखें आंसू से भर आईं. वो सिर्फ इतना ही कह सके कि अगली बार उनका भाई देश के लिए गोल्ड जरूर लेकर आएगा.

बजरंग पूनिया
बजरंग पूनिया

दृढ़ इरादों के साथ आज मैट पर उतरे थे पूनिया
इससे पहले रवि दहिया ने कुश्ती में पुरुषों के 57 किग्रा भार वर्ग में रजत पदक जीता था. भारत ने इससे पहले लंदन ओलंपिक 2012 में छह पदक जीते थे तब कुश्ती में सुशील कुमार ने रजत और योगेश्वर दत्त ने कांस्य पदक हासिल किया था. बजरंग शुरू से ही दृढ़ इरादों के साथ मैट पर उतरे. उन्होंने पहले पीरियड दो अंक बनाये और इस बीच अपने रक्षण का अच्छा नमूना पेश किया. वह दूसरे पीरियड में अधिक आक्रामक नजर आये, जिसमें उन्होंने छह अंक हासिल किये. इस जीत से बजरंग ने नियाजबेकोव से विश्व चैंपियनशिप 2019 के सेमीफाइनल में मिली हार का बदला भी चुकता कर दिया.

यह भी पढ़ें- Tokyo olympics 2020: पहलवान बजरंग पूनिया ने जीता कांस्य पदक, कजाकिस्तान के रेसलर को हराया

मिल चुका है खेल रत्न
इससे पहले बजरंग पूनिया ने विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में तीन बार (2013, 2018, 2019) मेडल अपने नाम किया है. इसमें से दो बार उन्होंने सिल्वर और एक बार कांस्य पदक जीता है. इसके अलावा एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में सात खिताब जीते हैं. इसमें से दो गोल्ड, तीन सिल्वर और दो ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं. पूनिया ने इसके अलावाकॉमनवेल्थ गेम्स गोल्ड कोस्ट 2018 में गोल्ड, कॉमनवेल्थ गेम्स ग्लासगो 2014 में सिल्वर पदक जीता और एशियन गेम्स 2014 में सिल्वर व एशियन गेम्स 2018 में गोल्ड मेडल जीते हैं. वहीं पूनिया को 2019 का राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार भी मिला .

पीएम मोदी सहित देश कई हस्तियों ने पूनिया को दी बधाई
भारत के स्टार पहलवान बजरंग पूनिया को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सहित कई हस्तियों ने बधाई दी है.

Last Updated : Aug 7, 2021, 10:49 PM IST
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