ETV Bharat / bharat

ओडिशा : गहिरमाथा तट पर बड़ी तादाद में पहुंचे ओलिव रिडले कछुए

समुद्री कछुओं की सबसे छोटी प्रजाति ओलिव रिडले कछुए गहिरमाथा समुद्र तट पर बड़ी तादाद में पहुंच गए हैं. इनकी रक्षा के लिए इस इलाके में मछली पकड़ने पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहता है.

turtles
turtles
author img

By

Published : Dec 8, 2020, 6:41 PM IST

केंद्रपाड़ा (ओडिशा) : ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले में गहिरमाथा समुद्र तट पर बड़े पैमाने पर ओलिव रिडले समुद्री कछुए वापस आ गए हैं. गहिरमाथा बीच ओलिव रिडले कछुओं के लिए दुनिया का सबसे बड़ा घर माना जाता है. यह समुद्री कछुओं की सबसे छोटी प्रजाति मानी जाती है.

गहिरमाथा के अलावा, ये जलचर रशिकुल्या नदी और देवी नदी के मुहाने पर बड़े पैमाने पर रहने का ठिकाना बनाते हैं. इनकी सुरक्षा के लिहाज से गहिरामाथा इलाके में मछली पकड़ने पर पूरी तरह से प्रतिबंध है.

गहिरमाथा समुद्र तट

45 से 60 दिन लगते हैं अंडों को बच्चे बनने में
बीते साल लगभग 7.30 लाख कछुए निकले थे. प्रत्येक मादा कछुआ लगभग 100 से 120 अंडे देती है जो 45 से 60 दिनों में तैयार हो जाते हैं. इसके बाद छोटे-छोटे कछुए रेंग कर समुद्र में पहुंच जाते हैं. आमतौर पर ओलिव रिडले समुद्री कछुओं का प्रजनन काल दिसंबर से शुरू होकर जनवरी तक चलता है. इसके बाद नर कछुए वापस आ जाते हैं जबकि मादा फरवरी में घोंसले छोड़ती हैं. इस घटना के साक्षी होने की उम्मीद में दुनिया भर के फोटोग्राफर, पर्यटक यहां आते हैं.

पढ़ें-ओडिशा : कछुओं के लिए अच्छा रहा लॉकडाउन, बड़ी संख्या में होगा इजाफा

ओडिशा में रुशिकुल्या और गहिरमाथा के अलावा, ओलिव रिडलिस - कोस्टा रिका, मैक्सिको, निकारागुआ और सूरीनाम बड़े पैमाने पर घोंसले बनाते हैं. गहिरामाथ समुद्री अभ्यारण्य में पूरे साल समुद्री मछली पकड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है क्योंकि यहां समुद्री जल इन नाजुक प्रजातियों के लिए सबसे अनुकूल है.

केंद्रपाड़ा (ओडिशा) : ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले में गहिरमाथा समुद्र तट पर बड़े पैमाने पर ओलिव रिडले समुद्री कछुए वापस आ गए हैं. गहिरमाथा बीच ओलिव रिडले कछुओं के लिए दुनिया का सबसे बड़ा घर माना जाता है. यह समुद्री कछुओं की सबसे छोटी प्रजाति मानी जाती है.

गहिरमाथा के अलावा, ये जलचर रशिकुल्या नदी और देवी नदी के मुहाने पर बड़े पैमाने पर रहने का ठिकाना बनाते हैं. इनकी सुरक्षा के लिहाज से गहिरामाथा इलाके में मछली पकड़ने पर पूरी तरह से प्रतिबंध है.

गहिरमाथा समुद्र तट

45 से 60 दिन लगते हैं अंडों को बच्चे बनने में
बीते साल लगभग 7.30 लाख कछुए निकले थे. प्रत्येक मादा कछुआ लगभग 100 से 120 अंडे देती है जो 45 से 60 दिनों में तैयार हो जाते हैं. इसके बाद छोटे-छोटे कछुए रेंग कर समुद्र में पहुंच जाते हैं. आमतौर पर ओलिव रिडले समुद्री कछुओं का प्रजनन काल दिसंबर से शुरू होकर जनवरी तक चलता है. इसके बाद नर कछुए वापस आ जाते हैं जबकि मादा फरवरी में घोंसले छोड़ती हैं. इस घटना के साक्षी होने की उम्मीद में दुनिया भर के फोटोग्राफर, पर्यटक यहां आते हैं.

पढ़ें-ओडिशा : कछुओं के लिए अच्छा रहा लॉकडाउन, बड़ी संख्या में होगा इजाफा

ओडिशा में रुशिकुल्या और गहिरमाथा के अलावा, ओलिव रिडलिस - कोस्टा रिका, मैक्सिको, निकारागुआ और सूरीनाम बड़े पैमाने पर घोंसले बनाते हैं. गहिरामाथ समुद्री अभ्यारण्य में पूरे साल समुद्री मछली पकड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है क्योंकि यहां समुद्री जल इन नाजुक प्रजातियों के लिए सबसे अनुकूल है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.