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ओडिशा ने कछुओं के कारण DRDO से किया मिसाइल टेस्ट नहीं करने का आग्रह, जानिए क्या है वजह

ओडिशा सरकार ने डीआरडीओ से मिसाइल टेस्ट नहीं करने की अपील की है. दरअसल चांदीपुर और एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से सारे टेस्ट किए जाते हैं. ये जगह सिद्ध गहिरमठ अभयारण्य के करीब हैं, जहां हर साल इस मौसम में लाखों कछुए प्रजनन के लिए आते हैं. Odisha urges DRDO, restrict missile testing, nesting season of turtles

nesting season of turtles
ओलिव रिडले कछुए प्रजनन
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By PTI

Published : Dec 9, 2023, 10:37 PM IST

भुवनेश्वर : ओडिशा सरकार ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) से फरवरी और मार्च के दौरान कछुओं का प्रजनन काल होने के मद्देनजर राज्य के तटीय क्षेत्र में मिसाइल परीक्षण पर रोक लगाने का आग्रह किया है. राज्य सरकार के एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी. अधिकारी ने कहा कि डीआरडीओ के राज्य में दो प्रमुख मिसाइल परीक्षण रेंज हैं- बालासोर जिले में चांदीपुर और भद्रक जिले में एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप.

ओडिशा के वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'इस दौरान डीआरडीओ से मिसाइल परीक्षण प्रतिबंधित करने का अनुरोध करना एक वार्षिक प्रक्रिया है क्योंकि ये स्थान प्रसिद्ध गहिरमठ अभयारण्य के करीब हैं, जिसे ऑलिव रिडले कछुओं का उद्गम स्थल माना जाता है.' उन्होंने कहा कि डीआरडीओ हर साल राज्य सरकार के इस अनुरोध का पालन करता है.

राज्य के मुख्य सचिव पी के जेना की अध्यक्षता में सात दिसंबर को हुई बैठक में डीआरडीओ से इस संबंध में एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने का अनुरोध करने का भी निर्णय लिया गया, जो कछुओं की सुरक्षा के लिए मत्स्य पालन विभाग के साथ समन्वय करेगा.

जनवरी में शुरू होती है प्रजनन प्रक्रिया : हर साल लाखों ओलिव रिडले कछुए प्रजनन के लिए राज्य के तट पर आते हैं. यह प्रक्रिया जनवरी में शुरू होती है, कछुओं के सामूहिक रूप से अंडे देने की प्रक्रिया फरवरी में केंद्रपाड़ा जिले के गहिरमठ समुद्र तट, गंजाम में रुशिकुल्या समुद्र तट और पुरी जिले में देवी नदी और बंगाल की खाड़ी के संगम पर शुरू होती है.

अधिकारी ने कहा कि ये कछुए संवेदनशील हैं और ऐसी आशंका है कि मिसाइल परीक्षणों से उनके संभोग और अंडे देने की प्रक्रिया पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है. उन्होंने कहा कि पिछले सीजन के दौरान रुशिकुल्या में रिकॉर्ड 6.56 लाख कछुओं ने अंडे दिए थे जबकि 5.12 लाख कछुए गहिरमठ समुद्र तट पर बड़े पैमाने पर प्रजनन के लिए आए थे.

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भुवनेश्वर : ओडिशा सरकार ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) से फरवरी और मार्च के दौरान कछुओं का प्रजनन काल होने के मद्देनजर राज्य के तटीय क्षेत्र में मिसाइल परीक्षण पर रोक लगाने का आग्रह किया है. राज्य सरकार के एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी. अधिकारी ने कहा कि डीआरडीओ के राज्य में दो प्रमुख मिसाइल परीक्षण रेंज हैं- बालासोर जिले में चांदीपुर और भद्रक जिले में एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप.

ओडिशा के वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'इस दौरान डीआरडीओ से मिसाइल परीक्षण प्रतिबंधित करने का अनुरोध करना एक वार्षिक प्रक्रिया है क्योंकि ये स्थान प्रसिद्ध गहिरमठ अभयारण्य के करीब हैं, जिसे ऑलिव रिडले कछुओं का उद्गम स्थल माना जाता है.' उन्होंने कहा कि डीआरडीओ हर साल राज्य सरकार के इस अनुरोध का पालन करता है.

राज्य के मुख्य सचिव पी के जेना की अध्यक्षता में सात दिसंबर को हुई बैठक में डीआरडीओ से इस संबंध में एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने का अनुरोध करने का भी निर्णय लिया गया, जो कछुओं की सुरक्षा के लिए मत्स्य पालन विभाग के साथ समन्वय करेगा.

जनवरी में शुरू होती है प्रजनन प्रक्रिया : हर साल लाखों ओलिव रिडले कछुए प्रजनन के लिए राज्य के तट पर आते हैं. यह प्रक्रिया जनवरी में शुरू होती है, कछुओं के सामूहिक रूप से अंडे देने की प्रक्रिया फरवरी में केंद्रपाड़ा जिले के गहिरमठ समुद्र तट, गंजाम में रुशिकुल्या समुद्र तट और पुरी जिले में देवी नदी और बंगाल की खाड़ी के संगम पर शुरू होती है.

अधिकारी ने कहा कि ये कछुए संवेदनशील हैं और ऐसी आशंका है कि मिसाइल परीक्षणों से उनके संभोग और अंडे देने की प्रक्रिया पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है. उन्होंने कहा कि पिछले सीजन के दौरान रुशिकुल्या में रिकॉर्ड 6.56 लाख कछुओं ने अंडे दिए थे जबकि 5.12 लाख कछुए गहिरमठ समुद्र तट पर बड़े पैमाने पर प्रजनन के लिए आए थे.

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