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Odisha train mishap : एम्स भुवनेश्वर में रखे जाएंगे 100 शव: डीसीपी सिंह - undefined

ओडिशा सरकार बेहतर संरक्षण और मृतकों के परिवार के सदस्यों द्वारा सुगम पहचान की सुविधा के लिए बालासोर में दुखद ट्रेन दुर्घटना के पीड़ितों के लगभग 100 शवों को भुवनेश्वर एम्स ले आई है. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, करीब 55 शवों की पहचान कर ली गई है, जिन्हें पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया है.

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Published : Jun 4, 2023, 11:57 AM IST

भुवनेश्वर : भुवनेश्वर डीसीपी प्रतीक गीता सिंह ने बताया कि ओडिशा ट्रिपल ट्रेन दुर्घटना के 160 अज्ञात यात्रियों के शवों में से 100 को एम्स भुवनेश्वर में रखा जाएगा. डीसीपी ने कहा कि शेष शवों को भुवनेश्वर के विभिन्न अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों की मोर्चरी में रखा जाएगा. मरने वाले 288 यात्रियों में से 160 शवों की अब तक पहचान नहीं हो पाई है. डीसीपी सिंह ने कहा कि जिन शवों की पहचान हो गई है. उन्हें उनके संबंधित पते पर भेज दिया गया है. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, करीब 55 शवों की पहचान कर ली गई है, जिन्हें पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया है.

एम्स भुवनेश्वर में अधिकतम 100 शव रखे जाएंगे. अन्य शवों को KIMS, SUM, हाईटेक, कैपिटल हॉस्पिटल और SCB मेडिकल कॉलेज, कटक में रखा जाएगा. उन्होंने आगे कहा कि अज्ञात यात्रियों की तस्वीरों के साथ 24 घंटे का नियंत्रण कक्ष खोला गया है. डीसीपी ने कहा कि अपने रिश्तेदारों के शवों की शिनाख्त के लिए भुवनेश्वर पुलिस आयुक्तालय से संपर्क किया जा सकता है. इस बीच, बालासोर से प्रभावित यात्रियों को लेकर एक विशेष ट्रेन आज तड़के चेन्नई पहुंची.

तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार, आने वाले सभी यात्री सुरक्षित हैं. जिनको भी चिकित्सा या देखभाल की जरूरत है जो उन्हें सुविधा मुहैया कराई जा रही है. मंत्री ने कहा अभी चेन्नई पहुंचे कुल यात्रियों में सात को मामूली चोटें आई हैं, जबकि दो अन्य को गंभीर चोट है. गंभीर मरीजों को हमने एक्स-रे और आगे के इलाज के लिए राजीव गांधी सरकारी अस्पताल भेज दिया है.

इधर, ओडिशा के बालासोर जिले के बाहानगा बाजार में हुए भीषण रेल हादसे के दो दिन बाद बुलडोजर और क्रेन की मदद से शनिवार रातभर में अधिकतर रेल पटरियों से रेलगाड़ियों के क्षतिग्रस्त डिब्बों को हटा दिया गया. ताकि पूर्वी एवं दक्षिणी भारत को जोड़ने वाली मुख्य ट्रंक लाइन पर रेल सेवा बहाल की जा सके. रेलवे अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि हादसे के दौरान टूटी इलेक्ट्रिक लाइन और पटरियों की मरम्मत का काम जारी है.

दुर्घटनास्थल पर मौजूद रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमारे दल चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि पटरियों से हटाए गए यात्री डिब्बों की गहन तलाशी ली जा रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि क्षतिग्रस्त डिब्बों के स्टील के पुर्जों में कोई शव फंसा न रह गया हो.

भुवनेश्वर : भुवनेश्वर डीसीपी प्रतीक गीता सिंह ने बताया कि ओडिशा ट्रिपल ट्रेन दुर्घटना के 160 अज्ञात यात्रियों के शवों में से 100 को एम्स भुवनेश्वर में रखा जाएगा. डीसीपी ने कहा कि शेष शवों को भुवनेश्वर के विभिन्न अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों की मोर्चरी में रखा जाएगा. मरने वाले 288 यात्रियों में से 160 शवों की अब तक पहचान नहीं हो पाई है. डीसीपी सिंह ने कहा कि जिन शवों की पहचान हो गई है. उन्हें उनके संबंधित पते पर भेज दिया गया है. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, करीब 55 शवों की पहचान कर ली गई है, जिन्हें पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया है.

एम्स भुवनेश्वर में अधिकतम 100 शव रखे जाएंगे. अन्य शवों को KIMS, SUM, हाईटेक, कैपिटल हॉस्पिटल और SCB मेडिकल कॉलेज, कटक में रखा जाएगा. उन्होंने आगे कहा कि अज्ञात यात्रियों की तस्वीरों के साथ 24 घंटे का नियंत्रण कक्ष खोला गया है. डीसीपी ने कहा कि अपने रिश्तेदारों के शवों की शिनाख्त के लिए भुवनेश्वर पुलिस आयुक्तालय से संपर्क किया जा सकता है. इस बीच, बालासोर से प्रभावित यात्रियों को लेकर एक विशेष ट्रेन आज तड़के चेन्नई पहुंची.

तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार, आने वाले सभी यात्री सुरक्षित हैं. जिनको भी चिकित्सा या देखभाल की जरूरत है जो उन्हें सुविधा मुहैया कराई जा रही है. मंत्री ने कहा अभी चेन्नई पहुंचे कुल यात्रियों में सात को मामूली चोटें आई हैं, जबकि दो अन्य को गंभीर चोट है. गंभीर मरीजों को हमने एक्स-रे और आगे के इलाज के लिए राजीव गांधी सरकारी अस्पताल भेज दिया है.

इधर, ओडिशा के बालासोर जिले के बाहानगा बाजार में हुए भीषण रेल हादसे के दो दिन बाद बुलडोजर और क्रेन की मदद से शनिवार रातभर में अधिकतर रेल पटरियों से रेलगाड़ियों के क्षतिग्रस्त डिब्बों को हटा दिया गया. ताकि पूर्वी एवं दक्षिणी भारत को जोड़ने वाली मुख्य ट्रंक लाइन पर रेल सेवा बहाल की जा सके. रेलवे अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि हादसे के दौरान टूटी इलेक्ट्रिक लाइन और पटरियों की मरम्मत का काम जारी है.

दुर्घटनास्थल पर मौजूद रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमारे दल चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि पटरियों से हटाए गए यात्री डिब्बों की गहन तलाशी ली जा रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि क्षतिग्रस्त डिब्बों के स्टील के पुर्जों में कोई शव फंसा न रह गया हो.

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