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Odisha train accident: शवों की पहचान केवल AIIMS भुवनेश्वर में होगी, परिजनों से रेलवे की अपील

पूर्व तट रेलवे (East Coast Railway) ने ओडिशा ट्रेन हादसे में मारे गए लोगों की पहचान के लिए एकमात्र जगह भुवनेश्वर एम्स सुनिश्चित की है. परिजनों को अपने- सगे संबंधियों की पहचान के लिए अब यहां- वहां जाने की जरूरत नहीं है.

Relatives Of Bahanaga Train Accident Need To Visit Only AIIMS Bhubaneswar To Identify Bodies
शवों की पहचान केवल एम्स भुवनेश्वर में होगी, रेलवे ने उठाए कदम
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Published : Jun 7, 2023, 10:50 AM IST

भुवनेश्वर: ओडिशा ट्रेन हादसे में मारे गए लोगों की पहचान की व्यवस्था भुवनेश्वर एम्स में की गई है. शवों की शिनाख्त के लिए अब अलग-अलग अस्पतालों में जाने की जरूरत नहीं है. सभी शव एम्स में रखे गए हैं. ईस्ट कोस्ट रेलवे ने पीड़ित परिजनों से अन्य अस्पतालों में न जाकर केवल भुवनेश्वर के एम्स अस्पताल पहुंचने की अपील है.

सभी शवों को 5 कंटेनरों में सुरक्षित रखा गया है. 162 शव एम्स अस्पताल लाए गए. इनमें से 71 शव परिजनों को सौंप दिए गए हैं. इसके अलावा, अस्पताल में एक हेल्पडेस्क स्थापित किया गया है जहां राज्य फोरेंसिक प्रयोगशाला क्षत-विक्षत शवों की पहचान करने के लिए दावेदारों का डीएनए परीक्षण कर रही है.

शवों को अलग-अलग अस्पतालों में रखे जाने के कारण बहानागा बाजार ट्रेन हादसे के परिजनों को शवों की शिनाख्त करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. परिजनों को समझ नहीं आ रहा था कि किस अस्पताल में जाकर अपने परिजनों को ढूंढ़ें. इसे देखते हुए सभी शवों को एक जगह एम्स में ही रखने का निर्णय लिया गया. परिजन यहां आकर शव की शिनाख्त कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें- Odisha Train Accident : हादसे से सहमे टॉप यूट्यूबर कैरी मिनाटी, पीड़ितों के लिए जुटाए 13 लाख रुपये

बता दें कि पश्चिम बंगाल से काफी संख्या में परिजन हादसे में मारे गए रिश्तेदारों की पहचान के लिए आए हैं. दुर्घटना में शामिल ट्रेन में काफी संख्या में पश्चिम बंगाल के मजदूर थे जो चेन्नई मजदूरी करने के लिए जा रहे थे. पश्चिम बंगाल सरकार ने पीड़ित परिवारों की मदद के लिए व्यापक प्रबंध किए है. ओडिशा सरकार की ओर से पीड़ित परिवारों की मदद के लिए कई कदम उठाए गए है.

भुवनेश्वर: ओडिशा ट्रेन हादसे में मारे गए लोगों की पहचान की व्यवस्था भुवनेश्वर एम्स में की गई है. शवों की शिनाख्त के लिए अब अलग-अलग अस्पतालों में जाने की जरूरत नहीं है. सभी शव एम्स में रखे गए हैं. ईस्ट कोस्ट रेलवे ने पीड़ित परिजनों से अन्य अस्पतालों में न जाकर केवल भुवनेश्वर के एम्स अस्पताल पहुंचने की अपील है.

सभी शवों को 5 कंटेनरों में सुरक्षित रखा गया है. 162 शव एम्स अस्पताल लाए गए. इनमें से 71 शव परिजनों को सौंप दिए गए हैं. इसके अलावा, अस्पताल में एक हेल्पडेस्क स्थापित किया गया है जहां राज्य फोरेंसिक प्रयोगशाला क्षत-विक्षत शवों की पहचान करने के लिए दावेदारों का डीएनए परीक्षण कर रही है.

शवों को अलग-अलग अस्पतालों में रखे जाने के कारण बहानागा बाजार ट्रेन हादसे के परिजनों को शवों की शिनाख्त करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. परिजनों को समझ नहीं आ रहा था कि किस अस्पताल में जाकर अपने परिजनों को ढूंढ़ें. इसे देखते हुए सभी शवों को एक जगह एम्स में ही रखने का निर्णय लिया गया. परिजन यहां आकर शव की शिनाख्त कर सकते हैं.

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बता दें कि पश्चिम बंगाल से काफी संख्या में परिजन हादसे में मारे गए रिश्तेदारों की पहचान के लिए आए हैं. दुर्घटना में शामिल ट्रेन में काफी संख्या में पश्चिम बंगाल के मजदूर थे जो चेन्नई मजदूरी करने के लिए जा रहे थे. पश्चिम बंगाल सरकार ने पीड़ित परिवारों की मदद के लिए व्यापक प्रबंध किए है. ओडिशा सरकार की ओर से पीड़ित परिवारों की मदद के लिए कई कदम उठाए गए है.

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