हैदराबाद : ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने बीजू स्वास्थ्य कल्याण योजना स्मार्ट कार्ड योजना (BSKY) नामक एक स्वास्थ्य बीमा योजना लॉन्च कर दी. जनता को स्मार्ट स्वास्थ्य कार्ड देने के मामले में ओडिशा देश का पहला राज्य बन गया. शुक्रवार को आदिवासी बहुल मलकानगिरी जिले में आदिम बोंडा जनजाति की एक आदिवासी महिला सुकरी धंगड़ा मांझी को स्कीम के तहत कार्ड सौंपा.
- 64KB चिप वाले स्मार्टकार्ड में परिवार के सदस्यों का विवरण और 12 अंकों वाला रजिस्ट्रेशन नंबर होगा
- ओडिशा के 96 लाख परिवारों के 3.5 करोड़ लोगों को यह स्मार्ट हेल्थ कार्ड मिलेगा.
- प्रत्येक परिवार प्रति वर्ष 5 लाख रुपये तक का इलाज करा सकेगा . महिला सदस्य हर साल 10 लाख रुपये तक का यह लाभ उठा सकती है.
- लाभार्थी देश की 200 से अधिक इम्पैनल्ड अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं.
नवीन पटनायक के योजना लॉन्च करते ही बीजेपी ने इसकी आलोचना शुरू की और केंद्र सरकार की ओर से चलाए जा रहे आयुष्मान भारत योजना प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) को राज्य में लागू करने की मांग की. अगले साल 2022 में ओडिशा में पंचायत चुनाव होंगे. माना जा रहा है कि यह योजना चुनाव को देखते हुए लाई गई है. बीजेपी नेताओं का आरोप है कि राज्य सरकार केद्र की योजना को सफल नहीं होने देना चाहती है. जवाब में बीजू जनता दल ( BJD) ने आयुष्मान भारत में कई कमियां गिनवा दी. उनका कहना है कि आयुष्मान भारत अगर लागू करते तो प्रदेश में सिर्फ ओडिशा में आयुष्मान भारत के तहत 60 लाख परिवारों को इंश्योरेंस मिलता, जो काफी नहीं है.
पहले दोनों स्कीम में अंतर जान लें :
- आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Scheme) में केंद्र सरकार और अंशदान के तौर पर राज्य सरकार इलाज का खर्च उठाती है, बीजू स्वास्थ्य कल्याण योजना स्मार्ट कार्ड योजना (BSKY) का खर्च ओडिशा सरकार उठाएगी.
- आयुष्मान भारत योजना में अपोलो और फोर्टिस जैसे बड़े और महंगे अस्पताल इंपैनल्ड नहीं हैं जबकि बीएसकेवाई में कई ब्रांडेड हॉस्पिटल भी शामिल हैं.
- आयुष्मान भारत में महिलाओं के लिए अतिरिक्त खर्च की सुविधा नहीं है, उन्हें फैमिली के 5 लाख में से ही काम चलाना होगा. बीजू स्वास्थ्य कल्याण योजना स्मार्ट कार्ड योजना में अतिरिक्त 5 लाख का लाभ जोड़ा गया है.
- ओडिशा सरकार का दावा है कि बीजू स्वास्थ्य कल्याण योजना स्मार्ट कार्ड योजना के तहत उस परिवार को दो कार्ड दिए जाएंगे, जिनके घर में दो लोग गंभीर रूप से बीमार हैं. आयुष्मान भारत (Ayushman Bharat Scheme) में यह प्रावधान नहीं है.
- दोनों योजानाओं में लाभार्थियों की कैटिगरी एक जैसी है. दोनों स्कीम आदिवासी, दलित के अलावा गरीब बीपीएल परिवार, दैनिक मजदूर, रेहड़ी और ठेली चलाने वाले दैनिक कामगारों को कवर करती है.
अब आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) योजना को जानें
देश में अभी तक सरकारी छतरी के नीचे मिलने वाली आयुष्मान भारत पहली योजना थी. अब आने वाली ऐसी किसी स्कीम की सफलता की पड़ताल के लिए जरूरी है कि आयुष्मान भारत योजना का हाल जाना जाए. लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 की सिफारिश के अनुसार, 2018 में सितंबर में इस योजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रांची में लॉन्च किया था. लेकिन उससे पहले अगस्त में ही ट्रायल के दौरान हरियाणा के करनाल में इस योजना के तहत पैदा हुई बच्ची 'करिश्मा' को इसकी पहली लाभार्थी माना जाता है.
प्रॉब्लम क्यों है केंद्र सरकार को : आयुष्मान भारत योजना में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) को भी शामिल किया गया था. पीएम-जय पूरी तरह से एक सरकार द्वारा वित्त-पोषित योजना है, जिसकी कार्यान्वयन की लागत केंद्र और राज्य सरकारों के बीच बांटी गई है. अगर ओडिशा सरकार अपनी हेल्थ स्कीम को व्यापक तौर पर लागू करती है तो आयुष्मान योजना का वहां फ्लॉप होना तय है. बीजेपी नेताओं का कहना है कि अब राज्य सरकार आयुष्मान योजना में रुचि नहीं लेगी. इसका नुकसान लाभार्थियों को होगा.
कई राज्यों ने आयुष्मान भारत को लागू करने से किया मना : इसमें 28 राज्य और 8 केन्द्र शासित प्रदेश हैं. जब आयुष्मान भारत योजना का ऐलान हुआ तब दिल्ली, केरल, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, पंजाब और तेलंगाना ने इसे लागू करने से मना कर दिया था. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इसे 'सफेद हाथी' बताकर आलोचना की थी. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने राज्य में इस योजना को लागू करने से साफ इनकार कर दिया था. बाद में तेलंगाना, पंजाब और केरल ने इसे लागू कर दिया. मगर पश्चिम बंगाल, दिल्ली और ओडिशा इससे दूर ही रहे.
आयुष्मान भारत (AB-PMJAY) से देश को अब तक क्या लाभ हुआ
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के अनुसार, 23 अगस्त 2021 तक 2 करोड़ 58 हजार 648 लोगों का इलाज स्कीम के तहत हुआ
- आपके द्वार आयुष्मान के तहत अभी तक 8 करोड़ 35 लाख लोगों को आयुष्मान योजना के तहत हेल्थ इंश्योरेंस दिया गया.
- अब तक 33 राज्यों में कुल 22 करोड़ 65 लाख 93 हजार 557 परिवारों को आयुष्मान भारत की बीमा योजना में शामिल किया गया है.
- 16 करोड़ 20 लाख 03 हजार 748 (10.35Cr PM-JAY Cards+ 5.85Cr State Cards) परिवारों को हेल्थ कार्ड दिया गया है.
- स्कीम के दायरे में उत्तर प्रदेश के 3 करोड़ 24 लाख 75 लाख 784 परिवार शामिल हैं, इसके बाद महाराष्ट्र, तमिलनाडु, बिहार, आंध्रप्रदेश में सर्वाधिक लोगों का इंश्योर्ड हैं.
- अब तक देश भर में आयुष्मान भारत योजना के तहत कम से कम 1.99 करोड़ गरीब लोगों को अस्पताल में इलाज मिल चुका है. इसके लिए अब तक सरकार 24,683 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है.
- सबसे अधिक कैंसर, हृदय रोग, हड्डी की और पथरी की बीमारियों से परेशान लोगों ने इस योजना में इलाज कराया है. इसका लाभ लेने में आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल और झारखंड के लोग आगे रहे.
- अब तक लगभग 23,000 सार्वजनिक और निजी अस्पतालों का एक नेटवर्क देश भर में आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) के साथ जुड़ चुका है.
कोरोना काल में खास काम नहीं आया आयुष्मान कार्ड
मॉनसून सत्र के दौरान स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने राज्यसभा को बताया कि आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) के तहत 25 जुलाई तक 20.32 लाख कोविड-19 मरीजों की जांच की गई. इस दौरान 7.08 लाख मरीज अस्पताल में भर्ती हुए. मगर न्यूज चैनल आजतक के आरटीआई में RTI के जरिए पता चला है कि 11 करोड़ से ज्यादा की आबादी वाले बिहार में आयुष्मान भारत योजना के तहत सिर्फ 19 लोगों का ही कोविड इलाज हुआ. इस योजना के तहत उत्तर प्रदेश में 875 और झारखंड में 1,419 मरीजों का इलाज किया गया. तीन राज्यों आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र ने आयुष्मान भारत योजना के तहत 1.50 लाख से अधिक लोगों का इलाज किया गया.
आयुष्मान योजना के लागू होने के करीब चार साल बाद नवीन पटनायक की सरकार ने ओडिसा में बीजू स्वास्थ्य कल्याण योजना स्मार्ट कार्ड योजना (BSKY) लॉन्च की है. मगर राज्य सरकार के स्तर पर ऐसी स्कीम लाना सुखद है. देखना यह होगा कि अगले साल होने वाले पंचायत चुनाव से पहले कितने लोग इस स्कीम का फायदा उठाते हैं. लोगों को फायदा मिला तो चुनाव में लाभ भी मिलेगा.