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बालासोर में होगा देश का पहला वज्रपात परीक्षण : आईएमडी

ओडिशा के बालासोर में देश का पहला वज्रपात का परीक्षण किया जाएगा. इसका उद्देश्य बिजली के प्रहार से होने वाले जानमाल और संपत्ति के नुकसान को कम करना है.

पहला वज्रपात अनुसंधान
पहला वज्रपात अनुसंधान
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Published : Feb 5, 2021, 2:25 PM IST

Updated : Feb 5, 2021, 2:45 PM IST

भुवनेश्वर : ओडिशा के बालासोर में देश का पहला वज्रपात का परीक्षण किया जाएगा, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने यह जानकारी दी.

बता दें वज्रपात का परीक्षण करने का उद्देश्य बिजली के प्रहारों से जन और धन के नुकसान को कम करना हैै. आईएमडी के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि भोपाल के पास मानसून का पहला परीक्षण किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बनाई जा रही है.

उन्होंने कहा कि वज्रपात की जांच पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, आईएमडी, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (आईएसआर) के बीच सहयोग से किया जाऐगा. आईएमडी के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्रा को अक्सर भारतीय उपमहाद्वीप में चक्रवातों की सटीक भविष्यवाणी के लिए साइक्लोन मैन ऑफ इंडिया कहा जाता है. उन्होंने बताया कि हर साल अप्रैल से जून के बीच बिजली गिरने के कारण ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड में कई जानें चली जाती हैं. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि हर साल ओडिशा में बिजली गिरने से औसतन 350 से अधिक लोगों की मृत्यु हो जाती है.

पढ़ें : पश्चिम बंगाल में वज्रपात की चपेट में आने से 11 लोगों की मौत

  • ओडिशा में नौ वर्षों में बिजली गिरने से 3,218 लोगों की जान गई है.
  • 2016-17 में बिजली गिरने से 400 से अधिक लोगों की जान गई है.
  • 2017-18 में 470 लोगों की जान गई.
  • 2018-19 में 334 लोगों ने अपनी जान गवाई है.

भुवनेश्वर : ओडिशा के बालासोर में देश का पहला वज्रपात का परीक्षण किया जाएगा, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने यह जानकारी दी.

बता दें वज्रपात का परीक्षण करने का उद्देश्य बिजली के प्रहारों से जन और धन के नुकसान को कम करना हैै. आईएमडी के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि भोपाल के पास मानसून का पहला परीक्षण किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बनाई जा रही है.

उन्होंने कहा कि वज्रपात की जांच पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, आईएमडी, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (आईएसआर) के बीच सहयोग से किया जाऐगा. आईएमडी के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्रा को अक्सर भारतीय उपमहाद्वीप में चक्रवातों की सटीक भविष्यवाणी के लिए साइक्लोन मैन ऑफ इंडिया कहा जाता है. उन्होंने बताया कि हर साल अप्रैल से जून के बीच बिजली गिरने के कारण ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड में कई जानें चली जाती हैं. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि हर साल ओडिशा में बिजली गिरने से औसतन 350 से अधिक लोगों की मृत्यु हो जाती है.

पढ़ें : पश्चिम बंगाल में वज्रपात की चपेट में आने से 11 लोगों की मौत

  • ओडिशा में नौ वर्षों में बिजली गिरने से 3,218 लोगों की जान गई है.
  • 2016-17 में बिजली गिरने से 400 से अधिक लोगों की जान गई है.
  • 2017-18 में 470 लोगों की जान गई.
  • 2018-19 में 334 लोगों ने अपनी जान गवाई है.
Last Updated : Feb 5, 2021, 2:45 PM IST
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