कटक : प्रख्यात उड़िया साहित्यकार एवं पत्रकार मनोरमा महापात्र (Manorama Mohapatra) का शनिवार को यहां निधन हो गया. वह 87 साल की थीं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने उनके निधन पर शोक जताया है.
ओडिया दैनिक 'समाज' की संपादक रह चुकीं मनोरमा को सीने में दर्द की शिकायत के बाद एससीबी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उपचार के दौरान उनका निधन हो गया. अस्पताल के सूत्रों ने इसकी जानकारी दी.
पद्मभूषण से सम्मानित राधानाथ रथ की पुत्री मनोरमा ओडिशा में महिला सशक्तिकरण का चेहरा थीं. उन्हें 1984 में साहित्य अकादमी पुरस्कार, 1988 में सोवियत नेहरू पुरस्कार, 1990 में क्रिटिक सर्किल ऑफ इंडिया पुरस्कार, 1991 में ईश्वरचंद्र विद्यासागर सम्मान और 1994 में रूपमबारा पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने मनोरमा के निधन पर शोक जताते हुये कहा कि वह विभिन्न मुद्दों पर अपने लेखन के लिये याद की जायेंगी.
मोदी ने ट्वीट किया, 'प्रसिद्ध साहित्यकार मनोरमा महापात्र जी के निधन की खबर से दुखी हूं. वह विभिन्न मुद्दों पर अपने लेखन के लिये याद की जायेंगी. मीडिया में भी उन्होंने महती योगदान किया और और व्यापक सामुदायिक सेवा की. उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना. ओम शांति.'
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मुख्यमंत्री नवीन पटनायक एवं केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान समेत अनेक गणमान्य लोगों ने उनके निधन पर शोक जताया है. पटनायक ने कहा कि उनके निधन से प्रदेश ने एक विद्वान हस्ती को खो दिया है.
(पीटीआई-भाषा)