नई दिल्ली : लोक सभा में ओबीसी सूची (OBC List Bill) से जुड़े विधेयक पर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा ये सरकार ओबीसी के लिए नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार ने ये बिल लाकर शाहबानो की परंपरा को बरकरार रखा है.
उन्होंने कहा कि इस बिल के जरिए सरकार ने साबित कर दिया है कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले को रद्द करने के लिए एक कानून ला सकती है. इसलिए अब आपको शाह बानो मामले पर बात नहीं करनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बिल लाने शाह बानो के मुद्दे पर जो हुआ, उसकी परंपरा को आपने कायम रखा है.
उन्होंने सरकार पर केवल कुछ ओबीसी को समर्थन देने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, तेलंगाना पिछड़े मुसलमानों के लिए आरक्षण प्रदान करता है, लेकिन केंद्र इसे मान्यता नहीं देता है. उन्होंने कहा कि सरकार की नजर ओबीसी वोट पर है न कि वास्तविक लोगों पर.
ओवैसी ने कहा, मोदी सरकार क्यों डर रही है, 50 फीसदी की लिमिट क्रॉस कर दीजिए, जब प्यार किया तो डरना क्या. आपकी मोहब्बत ओबीसी से नहीं, वोट से है.
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ओवैसी ने सवाल किया कि 89 सचिवों में से कितने ओबीसी हैं? उन्होंने कहा, कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना केवल मराठा आरक्षण की बात करते हैं जबकि मुसलमान भी वंचित रहे हैं. कोई इस पर बात नहीं करता. हमें सिर्फ इफ्तार की दावत और खजूर मिलेगा, आरक्षण नहीं मिलेगा.
ओवैसी ने ये भी कहा कि जब एससी कास्ट में हिंदू, बुद्ध आ सकते हैं तो फिर मुसलमानों को इसमें क्यों नहीं शामिल कर सकते.