झांसी : उत्तर प्रदेश के झांसी स्टेशन पर दो नन और लड़कियों को ट्रेन से उतारने के मामले में पुलिस ने अपनी जांच पूरी कर ली है. झांसी जीआरपी के प्रभारी सुनील कुमार सिंह ने बताया कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के एक कार्यकर्ता ने शिकायत की थी कि महिलाओं ने दबाव बनाकर दो लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन कराया है. जांच में शिकायत झूठी निकली. उन्होंने नन से दुर्व्यवहार के आरोपों से इनकार किया है.
नई दिल्ली से राउरकेला जा रहीं थीं दो लड़कियां
जीआरपी प्रभारी ने बताया कि शुक्रवार को उत्कल एक्सप्रेस के बी-2 कोच में सवार दो ननों के साथ दो लड़कियां नई दिल्ली से राउरकेला जा रही थीं. ट्रेन के बी-1 कोच में इनके साथ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का एक कार्यकर्ता अजय शंकर तिवारी भी सफर कर रहा था. एबीवीपी कार्यकर्ता ने जीआरपी को शिकायत दी थी कि दो महिलाएं अपने साथ दो लड़कियों को ले जा रही हैं.
उसने शक जताते हुए बताया कि ननों ने दोनों लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन कराया है. उसने फोन पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और हिन्दू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं को इस बात की जानकारी दी. इसके बाद स्टेशन पर एबीवीपी और हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ता भी पहुंच गए और मामले की जांच की मांग करने लगे.
युवतियों को उनके गंतव्य रवाना किया
राजकीय रेलवे पुलिस झांसी के सीओ नईम खान मंसूरी ने मामले में पूरी जांच की, तो पता चला कि दोनों युवतियां राऊरकेला की थीं और दिल्ली में ट्रेनिंग कर रही थीं. दोनों लड़कियों के प्रमाण पत्र की जांच की गई, तो उनके पास 2003 का नामकरण प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ, जिससे यह प्रमाणित हुआ कि दोनों ही लड़कियां जन्म से ईसाई थीं. किसी तरह का धर्मांतरण नहीं कराया जा रहा था. उन्हें केवल शक था, जिसका निराकरण किया गया. मामले का निस्तारण करने के बाद दोनों ननों और दोनों युवतियों को उनके गंतव्य राऊरकेला के लिए रवाना किया गया.