फरीदाबाद: 31 जुलाई को हिंदू संगठनों ने हरियाणा के नूंह जिले में ब्रजमंडल यात्रा निकाली थी. इस यात्रा में दो पक्षों के बीच हिंसा हुई. 50 से ज्यादा वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया. 6 लोगों की मौत हुई और 60 से ज्यादा लोग घायल हुए. नूंह हिंसा का जिम्मेदार दो लोगों को ठहराया जा रहा है. पहला मोनू मानेसर और दूसरा बिट्टू बजरंगी. दोनों पर ही लोगों को भड़काने का आरोप है. इस पूरे मुद्दे पर ईटीवी भारत के साथ नूंह हिंसा के आरोपी बिट्टू बजरंग ने बातचीत की. जिसमें उसने नूंह हिंसा की घटना विस्तार से बताई.
'साजिश के तहत हुई हिंसा': बिट्टू बजरंगी ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि जब हम लोग यात्रा के दौरान मंदिर से लौट रहे थे. उस वक्त धार्मिक स्थल के पास सैकड़ों की संख्या में उपद्रवी मौजूद थे. उन्होंने पत्थर बरसाना शुरू कर दिया. इसके बाद वहां मौजूद पुलिस ने भीड़ को रोकने की कोशिश की, लेकिन उपद्रवियों ने वाहनों में आग लगानी शुरू कर दी. जिसके बाद पुलिस ने यात्रा में शामिल लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया. ये हिंसा साजिश के तहत की गई थी. क्योंकि इनते बड़े स्तर पर उपद्रव करना एक दिन की बात नहीं.
वायरल वीडियो पर बोला बिट्टू बजरंगी: नूंह हिंसा के कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे. जिसमें ब्रजमंडल यात्रा में शामिल लोगों के हाथों में हथियार दिखाई दिए. इस सवाल पर बिट्टू बजरंगी ने कहा कि यात्रा कर रहे लोगों के पास जो बंदूक थी. वो लाइसेंसी थी. बहुत सारे ऐसे भक्त हैं. जिन्होंने सुरक्षा के मद्देनजर लाइसेंसी बंदूकें ली हुई हैं. वो कहीं भी जाते हैं तो सुरक्षा के लिए अपनी बंदूक साथ ले जाते हैं. तलवार के सवाल पर बिट्टू ने कहा कि मुझे नहीं पता कि यात्रा में तलवार लेकर कौन चल रहा था.
डिप्टी सीएम के बयान पर किया पलटवार: हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा था कि आयोजकों ने यात्रा के बारे में पूरी जानकारी नहीं दी थी. डिप्टी सीएम के बयान पर बिट्टू बजरंगी ने कहा कि यात्रा कोई एक दिन का काम नहीं है. इसके लिए कई महीने पहले ही तैयारियां शुरू हो जाती हैं. ऐसा तो है नहीं कि हमने पहली बार ये यात्रा निकाली है. हर साल हम ये यात्रा निकालते आए हैं. इस बार भी हमने डीसी से परमिशन ली थी. अब सही से परमिशन कैसे ली जाती है, या पूरी जानकारी कैसे दी जाती है. ये हमें नहीं पता. ये दो डिप्टी सीएम ही बता सकते हैं.
मोनू मानेसर पर क्या बोला बिट्टू बजरंगी?: बिट्टू बजरंगी ने बताया कि मैं मोनू मानेसर को जानता हूं. मेरी साल में एक या दो बार मोनू मानेसर से जरूर बात होती है. उसने दावा किया कि ना तो मोनू मानेसर और ना ही मैंने ऐसे कोई वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया. जिसकी वजह से हिंसा भड़की हो. जो वीडियो मैंने पोस्ट किया था. वो यात्रा से आधे घंटे पहले किया था. आधे घंटे में इतनी बड़ी हिंसा नहीं हो सकती. ये हिंसा साजिश के तहत हुई.
'जान से मारने की मिल रही धमकी': बिट्टू बजरंगी ने बताया कि उसे जान से मारने की धमकी मिल रही है. जब उससे पूछा किया कि क्या उसने धमकी देने वालों के खिलाफ एफआईआर करवाई. तब उसने कहा कि कोई एक या दो धमकी नहीं आ रही. अगर एफआईआर करवाता रहा तो मैं पूरे दिन थाने में बैठा रहूंगा. बता दें कि बिट्टू बजरंगी का असली नाम राजकुमार है. बिट्टू बजरंगी गौ रक्षा बजरंग फोर्स का अध्यक्ष है. वैसे बिट्टू बजरंगी पर ये पहला आरोप नहीं लगा है. इससे पहले भी बिट्टू बजरंगी पर चार मुकदमे दर्ज हैं. बिट्टू के मुताबिक सभी मामले लव जिहाद को लेकर हैं. नूंह हिंसा को लेकर बल्लभगढ़ पुलिस ने बिट्टू बजरंगी पर एफआईआर दर्ज की है. बिट्टू के मुताबिक इस मामले में वो जमानत पर बाहर चल रहा है.