नई दिल्ली : सरकार ने बताया कि कोविशील्ड टीके (Covishield doses ) की दोनों खुराकों के मध्य समयावधि का अंतराल बढ़ाने के लिए विशेषज्ञ समूह द्वारा की गई सिफारिश पारदर्शी तरीके से वैज्ञानिक प्रमाण पर आधारित थी.
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार (Minister of State for Health Bharati Pravin Pawar ) ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) की बैठक में किसी भी सदस्य ने सिफारिश के संबंध में कोई असहमति नहीं जताई थी.
उन्होंने बताया कि एनटीएजीआई के कोविड कार्यकारी समूह ने कोविशील्ड टीके की पहली और दूसरी खुराक के बीच अंतराल बढ़ा कर 12 से 16 सप्ताह करने की सिफारिश खास तौर पर ब्रिटेन से प्राप्त वैज्ञानिक प्रमाण और विश्व स्वास्थ्य संगठन के वैश्विक दिशा-निर्देश पर आधारित थी.
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पवार ने बताया कि इस सिफारिश पर विचार किया गया और 'कोविड-19 के लिए टीकाकरण पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह' (एनईजीवीएसी) ने भी यह सिफारिश की. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण ने कोविशील्ड टीके की पहली और दूसरी खुराक के बीच अंतराल बढ़ा कर 12 से 16 सप्ताह करने की यह सिफारिश स्वीकार कर ली.
एक अन्य प्रश्न में पूछा गया कि क्या सरकार को यह जानकारी है कि एनटीएजीआई के 14 सदस्यों में से तीन ने कहा था कि निकाय के पास ऐसी सिफारिश करने के लिए पर्याप्त आंकड़े नहीं हैं. इस पर पवार ने बताया 'कोविशील्ड की दो खुराक के बीच समय के अंतराल को बढ़ाने की, एनटीएजीआई के कोविड कार्यकारी समूह की सिफारिश पारदर्शी तरीके से वैज्ञानिक प्रमाण पर आधारित है. एनटीएजीआई की बैठक में सिफारिश को लेकर किसी भी सदस्य ने असहमति नहीं जताई थी.'
(पीटीआई भाषा)