नई दिल्ली : एनएसई फ्रॉड मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार और शुक्रवार की मध्यरात्रि को चेन्नई से नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के पूर्व मुख्य रणनीतिक सलाहकार आनंद सुब्रमण्यिन को गिरफ्तार कर लिया. आनंद को आज अदालत में पेश किया जाएगा, जहां सीबीआई उसकी कस्टडी रिमांड की मांग करेगी. सीबीआई पिछले तीन दिनों से चेन्नई में आनंद से पूछताछ कर रही थी. वह पूछताछ के दौरान टाल-मटोल कर रहा था.
एनएसई की पूर्व MD और CEO चित्रा रामकृष्ण ही आनंद सुब्रमण्यिन को बतौर चीफ स्ट्रैटजिक एडवाइजर की हैसियत से एनएसई में लाई थीं. जांच एजेंसी को शक है कि आनंद सुब्रमण्यम उस ईमेल आईडी का पासवर्ड जानते थे, जिस पर चित्रा उस अज्ञात योगी को मेल भेजती थीं. सीबीआई ने हाल ही में सेबी ऑफिस में भी छापेमारी की थी, जहां से डिजिटल दस्तावेजों सहित कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए. सीबीआई का दावा है कि छापे में बरामद दस्तावेज महत्वपूर्ण, जो इस खेल में शामिल आरोपियों के झूठ को उजागर करते हैं. सीबीआई इसे बतौर सबूत पेशकर आरोपियों के खिलाफ केस फुलप्रूफ बनाने की तैयारी कर रही है.
सीबीआई ने 19 फरवरी को पूर्व एनएसई डायरेक्टर रवि नारायण से भी पूछताछ की थी. चित्रा रामकृष्ण से पहले रवि नारायण ही एनएसई के सीईओ थे. पहले यह चर्चा थी कि रवि लंदन भाग गए हैं मगर सीबीआई के सूत्रों ने बताया कि रवि नारायण फिलहाल दिल्ली में हैं, जहां उनका बयान दर्ज किया गया. रवि नारायण को सम्मन देकर सीबीआई के दिल्ली ऑफिस में बुलाया गया था, जहां जांच टीम ने उससे पूछताछ की. वह भी इस मामले में एक संदिग्ध है. सीबीआई सूत्रों के अनुसार, पूछताछ के दौरान रवि भी टालमटोल कर रहा था और उसने बहुत सारे सवालों से बचने की कोशिश की. उन्होंने यह भी अनुरोध किया कि उनके खिलाफ जारी लुकआउट सर्कुलर को वापस लिया जाए.
बता दें कि सीबीआई ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की पूर्व एमडी और सीईओ चित्रा रामकृष्ण से हाल ही में मुंबई में पूछताछ की थी. 18 फरवरी को चित्रा ने अपना बयान दर्ज कराया था. सीबीआई ने हिमालय के अदृश्य योगी को भेजे गए मेल के बारे में पूछताछ की थी. इसके अलावा उनसे करीब 50 सवाल पूछे थे. अपने जवाब में उन्होंने विक्टिम कार्ड खेलने की कोशिश की थी कि उसे बहुत कुछ पता नहीं है. उसने यह भी दावा किया था कि वह निर्दोष है और कोई उसे फंसाने की कोशिश कर रहा है. सीबीआई पहले ही चित्रा, आनंद सुब्रमण्यम और रवि नारायण के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी कर चुकी है. सीबीआई ने सेबी की 192 पन्नों की रिपोर्ट के आधार पर चित्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. उस रिपोर्ट में चित्रा पर हिमालय में रहने वाले एक अनाम योगी को गोपनीय जानकारी लीक करने का आरोप लगाया गया था. सेबी ने उन पर 3 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था.
सीबीआई को अभी तक रहस्यमयी योगी का पता नहीं चला है, जिसे चित्रा ई-मेल भेजती थी. उसकी पड़ताल के लिए 17 फरवरी को आयकर विभाग ने भी मुंबई और चेन्नई में चित्रा के घर पर छापेमारी की थी. छापेमारी के दौरान आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए थे.
बता दें कि एनएसई की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण ने 2014 और 2016 के बीच किसी गुमनाम योगी को उसकी आईडी rigyajursama@outlook.com पर कई मेल भेजे थे. चित्रा ने हीआनंद सुब्रमण्यिन को NSE का मुख्य रणनीतिक सलाहकार बनाया था.
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