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NSA अजीत डोभाल और CDS बिपिन रावत आज कर सकते हैं अजमेर का दौरा

एनएसए अजीत डोभाल और सीडीएस बिपिन रावत बुधवार को अजमेर मिलिट्री स्कूल के दौरे पर आ सकते हैं. फिलहाल आधिकारिक तौर पर उनके दौरे की पुष्टि नहीं हुई है. लेकिन मिलिट्री स्कूल प्रबंधन इस दौरे की तैयारियां कर रहा है. डोभाल इसी मिलिट्री स्कूल से पढ़े हुए हैं.

अजमेर का दौरा
अजमेर का दौरा
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Published : Apr 7, 2021, 8:31 AM IST

अजमेर : राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत बुधवार को अजमेर आ सकते हैं. डोभाल और जनरल रावत राजस्थान के मिलिट्री स्कूल अजमेर में बच्चों से मुखातिब होंगे. फिलहाल कोई भी इस कार्यक्रम की पुष्टि नहीं कर रहा है, लेकिन दिल्ली के आधिकारिक सूत्र डोभाल और रावत के अजमेर आने के कार्यक्रम की संभावना जता रहे हैं. मिलिट्री स्कूल प्रबंधन की ओर से इस दौरे को लेकर तैयारियां की जा रही हैं. बताया जा रहा है कि इस दौरे से मीडिया को दूर रखा गया है.

अजमेर मिलिट्री स्कूल की स्थापना 1930 में हुई थी. अजीत डोभाल का अजमेर मिलिट्री स्कूल से खास कनेक्शन है. 60 के दशक में डोभाल ने इसी मिलिट्री स्कूल से 10वीं पास की थी. उसके बाद वे आईपीएस बने और फिर आईबी और रॉ में अपनी सेवाएं दी. वहीं बिपिन रावत प्रधानमंत्री के काफी करीब माने जाते हैं, वो मोदी सरकार में थल सेनाध्यक्ष रहे और फिर उनको चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद दिया गया.

पढे़ं-सार्वजनिक सेवाओं में सुधार के लिए एआईएम-सीआईपीएस मिलकर करेंगे काम

बताया जा रहा है कि सीडीएस और एनएसए अजमेर मिलिट्री स्कूल के बच्चों से मुखातिब होंगे और मिलिट्री स्कूल की व्यवस्थाओं को परखेंगे. डोभाल और बिपिन रावत मोदी सरकार की रक्षा नीतियों में अहम दखल रखते हैं. चाहे चीन से सीमा तनाव का मुद्दा हो या फिर पाकिस्तान को लेकर भारत की क्या रणनीति होगी. इसमें दोनों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण रही है.

अजमेर : राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत बुधवार को अजमेर आ सकते हैं. डोभाल और जनरल रावत राजस्थान के मिलिट्री स्कूल अजमेर में बच्चों से मुखातिब होंगे. फिलहाल कोई भी इस कार्यक्रम की पुष्टि नहीं कर रहा है, लेकिन दिल्ली के आधिकारिक सूत्र डोभाल और रावत के अजमेर आने के कार्यक्रम की संभावना जता रहे हैं. मिलिट्री स्कूल प्रबंधन की ओर से इस दौरे को लेकर तैयारियां की जा रही हैं. बताया जा रहा है कि इस दौरे से मीडिया को दूर रखा गया है.

अजमेर मिलिट्री स्कूल की स्थापना 1930 में हुई थी. अजीत डोभाल का अजमेर मिलिट्री स्कूल से खास कनेक्शन है. 60 के दशक में डोभाल ने इसी मिलिट्री स्कूल से 10वीं पास की थी. उसके बाद वे आईपीएस बने और फिर आईबी और रॉ में अपनी सेवाएं दी. वहीं बिपिन रावत प्रधानमंत्री के काफी करीब माने जाते हैं, वो मोदी सरकार में थल सेनाध्यक्ष रहे और फिर उनको चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद दिया गया.

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बताया जा रहा है कि सीडीएस और एनएसए अजमेर मिलिट्री स्कूल के बच्चों से मुखातिब होंगे और मिलिट्री स्कूल की व्यवस्थाओं को परखेंगे. डोभाल और बिपिन रावत मोदी सरकार की रक्षा नीतियों में अहम दखल रखते हैं. चाहे चीन से सीमा तनाव का मुद्दा हो या फिर पाकिस्तान को लेकर भारत की क्या रणनीति होगी. इसमें दोनों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण रही है.

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