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इस बार 15 दिन का होगा दीपोत्सव कार्यक्रम, सरयू नदी में चलेगा 'रामायण क्रूज'

अयोध्या नगरी में राम मंदिर निर्माण के साथ साथ विजन डॉक्यूमेंट के जरिए शहर की तस्वीर बदलने की योजना है. खास बात यह है कि इस साल रामनगरी में होने वाला दीपोत्सव कार्यक्रम तीन नहीं, बल्कि 15 दिनों का होगा. इसके साथ ही सरयू नदी में 'रामायण क्रूज' चलाने की भी योजना है.

इस बार 15 दिनों का होगा दीपोत्सव कार्यक्रम
इस बार 15 दिनों का होगा दीपोत्सव कार्यक्रम
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Published : Jun 28, 2021, 11:42 PM IST

अयोध्या: उत्तर प्रदेश में धर्म और आध्यात्म की नगरी में भव्य राम मंदिर निर्माण के साथ-साथ विजन डॉक्यूमेंट के जरिए शहर की तस्वीर बदलने की योजना है. प्रधानमंत्री मोदी ने खुद विजन डॉक्यूमेंट की समीक्षा कर निर्माण और पुनरुद्धार से जुड़ी सभी योजनाओं का गहनता से निरीक्षण किया. अब जल्द ही इन योजनाओं पर कार्य शुरू होने वाला है. विजन डॉक्यूमेंट में जिन योजनाओं का जिक्र है, उनमें खास बात यह है कि इस वर्ष 2021 से अयोध्या में होने वाला दीपोत्सव कार्यक्रम 3 दिन का नहीं बल्कि 15 दिन तक होगा. इसके अलावा दीपोत्सव 2021 से सरयू नदी में 'रामायण क्रूज' चलाने की भी योजना है.

बदलेगी राम नगरी की तस्वीर

इस विजन डॉक्यूमेंट में अयोध्या के विकास से जुड़ी तमाम योजनाओं का खाका तैयार किया गया है. जिनमें शहर की सभी सड़कों को चौड़ा करने, प्रवेश के सभी मार्गों पर भव्य गेट बनाने, यहां के मंदिरों के जीर्णोद्धार, सरयू घाट का सौंदर्यीकरण, अयोध्या आने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना, आवागमन के साधनों को और व्यवस्थित करने के साथ-साथ रेलवे स्टेशन और बस स्टेशन को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाना शामिल है

इसके अलावा डॉक्यूमेंट में अयोध्या की प्राचीन धरोहरों का संरक्षण करना, 14 कोसी और पंचकोसी परिक्रमा मार्ग का विकास कार्य, हस्तशिल्प चिकित्सा इतिहास पुरातत्व कला और विज्ञान को नव्या अयोध्या प्रोजेक्ट के जरिए पुरानी अयोध्या के बगल गोंडा बस्ती सीमा पर मौजूद खाली जमीनों पर एक नया शहर बसा कर यहां पर अयोध्या के लोगों को रहने के लिए आवासीय व्यवस्था उपलब्ध कराना, पर्यटकों के लिए बड़े होटल रिजॉर्ट्स और धर्मशाला की व्यवस्था करना शामिल है.

इसे भी पढ़ें-अयोध्याः बदलेगी सूर्यकुंड की तस्वीर, लाइट एंड साउंड शो होगा आकर्षण का केंद्र

15 दिन के दीपोत्सव में होंगे कई कार्यक्रम

इस प्राचीन नगरी को विश्व पर्यटन मानचित्रपर शामिल कराने के लिए यहां पर वर्ष पर्यंत सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. इसी कड़ी में नवरात्रि से दीपावली तक चलने वाले 15 दिनों तक दीपोत्सव कार्यक्रम में कई सारे सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. प्राचीन भरतकुंड सरोवर के सौंदर्यीकरण से लेकर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन ग्रीन फील्ड टाउनशिप में प्रदर्शनों का आयोजन, अयोध्या की विरासत को संजोने के लिए यहां के खानपान को बढ़ावा देने के लिए फूड कोर्ट शिल्प हाट जैसी योजनाओं को चलाने के लिए विजन डॉक्यूमेंट में योजनाएं तय की गई है. इसके अतिरिक्त दीपोत्सव 2021 से सरयू नदी में क्रूज का संचालन शुरू करने की योजना अमल में आएगी जिसे, 'रामायण क्रूज' का नाम दिया जाएगा.

हर बड़े शहर और तीर्थ स्थल से जोड़ने का लक्ष्य

इस प्राचीन शहर को देश के अन्य महानगरों और धार्मिक स्थलों से जोड़ने के लिए बौद्ध सर्किट, अवध सर्किट, बुंदेलखंड सर्किट, विंध्य वाराणसी सर्किट, वाइल्डलाइफ इको पर्यटन सर्किट से जोड़ते हुए यातायात के बेहतर साधन उपलब्ध कराने की भी योजना है. इसके लिए अयोध्या बस स्टैंड को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने और इस बस स्टैंड पर 31 प्लेटफॉर्म बनाते हुए प्रतिदिन 5 हजार बसों का संचालन कराने की योजना है.

वहीं, अंतरराष्ट्रीय स्तर के रेलवे स्टेशन का निर्माण कार्य भी चल रहा है. बाराबंकी से जफराबाद के बीच रेल ट्रैक के विद्युतीकरण की योजना भी तेजी से चल रही है. जिससे इस रेल मार्ग पर ट्रेनों के संचालन में और रफ्तार मिले. कुल मिलाकर आने वाले दो से 3 वर्षों में धार्मिक नगरी अयोध्या का स्वरूप पूरी तरह से बदल चुका होगा.

अयोध्या: उत्तर प्रदेश में धर्म और आध्यात्म की नगरी में भव्य राम मंदिर निर्माण के साथ-साथ विजन डॉक्यूमेंट के जरिए शहर की तस्वीर बदलने की योजना है. प्रधानमंत्री मोदी ने खुद विजन डॉक्यूमेंट की समीक्षा कर निर्माण और पुनरुद्धार से जुड़ी सभी योजनाओं का गहनता से निरीक्षण किया. अब जल्द ही इन योजनाओं पर कार्य शुरू होने वाला है. विजन डॉक्यूमेंट में जिन योजनाओं का जिक्र है, उनमें खास बात यह है कि इस वर्ष 2021 से अयोध्या में होने वाला दीपोत्सव कार्यक्रम 3 दिन का नहीं बल्कि 15 दिन तक होगा. इसके अलावा दीपोत्सव 2021 से सरयू नदी में 'रामायण क्रूज' चलाने की भी योजना है.

बदलेगी राम नगरी की तस्वीर

इस विजन डॉक्यूमेंट में अयोध्या के विकास से जुड़ी तमाम योजनाओं का खाका तैयार किया गया है. जिनमें शहर की सभी सड़कों को चौड़ा करने, प्रवेश के सभी मार्गों पर भव्य गेट बनाने, यहां के मंदिरों के जीर्णोद्धार, सरयू घाट का सौंदर्यीकरण, अयोध्या आने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना, आवागमन के साधनों को और व्यवस्थित करने के साथ-साथ रेलवे स्टेशन और बस स्टेशन को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाना शामिल है

इसके अलावा डॉक्यूमेंट में अयोध्या की प्राचीन धरोहरों का संरक्षण करना, 14 कोसी और पंचकोसी परिक्रमा मार्ग का विकास कार्य, हस्तशिल्प चिकित्सा इतिहास पुरातत्व कला और विज्ञान को नव्या अयोध्या प्रोजेक्ट के जरिए पुरानी अयोध्या के बगल गोंडा बस्ती सीमा पर मौजूद खाली जमीनों पर एक नया शहर बसा कर यहां पर अयोध्या के लोगों को रहने के लिए आवासीय व्यवस्था उपलब्ध कराना, पर्यटकों के लिए बड़े होटल रिजॉर्ट्स और धर्मशाला की व्यवस्था करना शामिल है.

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15 दिन के दीपोत्सव में होंगे कई कार्यक्रम

इस प्राचीन नगरी को विश्व पर्यटन मानचित्रपर शामिल कराने के लिए यहां पर वर्ष पर्यंत सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. इसी कड़ी में नवरात्रि से दीपावली तक चलने वाले 15 दिनों तक दीपोत्सव कार्यक्रम में कई सारे सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. प्राचीन भरतकुंड सरोवर के सौंदर्यीकरण से लेकर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन ग्रीन फील्ड टाउनशिप में प्रदर्शनों का आयोजन, अयोध्या की विरासत को संजोने के लिए यहां के खानपान को बढ़ावा देने के लिए फूड कोर्ट शिल्प हाट जैसी योजनाओं को चलाने के लिए विजन डॉक्यूमेंट में योजनाएं तय की गई है. इसके अतिरिक्त दीपोत्सव 2021 से सरयू नदी में क्रूज का संचालन शुरू करने की योजना अमल में आएगी जिसे, 'रामायण क्रूज' का नाम दिया जाएगा.

हर बड़े शहर और तीर्थ स्थल से जोड़ने का लक्ष्य

इस प्राचीन शहर को देश के अन्य महानगरों और धार्मिक स्थलों से जोड़ने के लिए बौद्ध सर्किट, अवध सर्किट, बुंदेलखंड सर्किट, विंध्य वाराणसी सर्किट, वाइल्डलाइफ इको पर्यटन सर्किट से जोड़ते हुए यातायात के बेहतर साधन उपलब्ध कराने की भी योजना है. इसके लिए अयोध्या बस स्टैंड को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने और इस बस स्टैंड पर 31 प्लेटफॉर्म बनाते हुए प्रतिदिन 5 हजार बसों का संचालन कराने की योजना है.

वहीं, अंतरराष्ट्रीय स्तर के रेलवे स्टेशन का निर्माण कार्य भी चल रहा है. बाराबंकी से जफराबाद के बीच रेल ट्रैक के विद्युतीकरण की योजना भी तेजी से चल रही है. जिससे इस रेल मार्ग पर ट्रेनों के संचालन में और रफ्तार मिले. कुल मिलाकर आने वाले दो से 3 वर्षों में धार्मिक नगरी अयोध्या का स्वरूप पूरी तरह से बदल चुका होगा.

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