कोयंबटूर: देश में कोरोना महामारी के वक्त हर कोई अपने परिवार का पेट भरने के लिए जद्दोजहद कर रहा था. लेकिन इसी समय कई लोगों ने अपनी आय के बंद होने की स्थिति में किसी नए तरह के रोजगार को अपनाया और आज वे उसी रोजगार से पहले से भी अच्छा कमा रहे हैं. ऐसी ही एक बात का उदाहरण दिया है कोयंबटूर के रहने वाले मणिकंदन ने. पार्सल सेवा चलाने वाले मणिकंदन का काम कोरोना महामारी के दौरान प्रभावित हुआ जिसके बाद उन्होंने ऊंटनी के दूध का फार्म शुरू करने की सोची और आज वे इसे सफलता की नई ऊंचाईयों पर पहुंचा रहे हैं.
उन्होंने बताया कि इसके लिए उन्होंने ऊंटनी का दूध पीने के उन फायदों के बारे में जानकारी इकट्ठी की जिसमें उन्हें पता चला की यह इम्युनिटी बढ़ाने में मदद करता है. इसके बाद, मणिकंदन ने सभी लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए ऊंटनी के दूध फार्म शुरू करने का फैसला किया. इसके लिए उन्होंने सरकार से अनुमति लेकर उन्होंने गुजरात से 6 ऊंट खरीदे और नीलांबुर के बगल में कुलाथुर इलाके में 'संगमित्रा' नाम से ऊंट फार्म स्थापित कर इसका दूध बेचना शुरू किया.
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वे बताते हैं, 'मैं 450 रूपए प्रति लीटर बेचता हूं. इससे चाय, कॉफी और रोजमिल्क बनाई जाती है. इस चाय की कीमत 30 रूपए होती है. ऊंटनी का दूध मधुमेह रोगियों के लिए काफी अच्छा होता है. यह शुगर लेवल को नियंत्रित रखता है. इसके साथ ही इससे इम्यूनिटी भी बढ़ती है.' उन्होंने यह भी बताया कि, यहां घुड़सवारी भी उपलब्ध है. जिसका टिकट वयस्कों के लिए 20 रुपये और बच्चों के लिए 10 रुपये है. वहीं एक ग्राहक कविता ने कहा कि, 'हमें यहां ऊंटनी के दूध की बिक्री के बारे में पता चला है. पहली बार ऊंटनी के दूध की चाय पीना एक अलग ही अनुभव रहा. यहां ऊंट, खरगोश और मछलियां देखकर बच्चे खुश हो जाते हैं. मनोरंजन के लिए यह एक अच्छी जगह है.' मणिकंदन जल्द ही पूरे तमिलनाडु में ऊंट फार्म स्थापित करने की योजना बना रहे हैं. इसके लिए उन्होंने एमओयू पर हस्ताक्षर करने के लिए गुजरात ऊंट शोधकर्ताओं के साथ बात कर रहे हैं.