इंदौर। इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने दिल्ली के एंटी रैगिंग कमेटी को मेल भेजकर सीनियर छात्रों द्वारा रैंगिग की शिकायत की थी. मामले में एंटी रैगिंग कमेटी ने जांच करते हुए एक मेल एमजीएम मेडिकल कॉलेज को भेजा और पूरे मामले में पुलिस कार्रवाई के निर्देश दिए. कॉलेज ने दोषी छात्रों के खिलाफ संयोगितागंज थाने पर केस दर्ज करवा दिया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है. पुलिस जल्द ही छात्रों के साथ ही कॉलेज प्रबंधन के बयान लेने बात कर रही है.
लगातार हो रही थी रैगिंग : बता दें कि एमजीएम मेडिकल कॉलेज के सीनियर छात्रों द्वारा लगातार जूनियर छात्रों की रैगिंग ली जा रही थी. शिकायत के बाद भी कॉलेज प्रबंधन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा था. दिल्ली की एंटी रैगिंग कमेटी ने जब सख्ती दिखाई तो कॉलेज ने कई साक्ष्य पुलिस को सौंपे. ETV भारत से संयोगितगंज थाना प्रभारी तहजीब काजी का कहना है कि संबंधित छात्रों के बयान लिए जाएंगे. साथ ही कॉलेज प्रबंधन के बयान भी होंगे. तहजीब काजी ने कहा कि जूनियर छात्रों के साथ अप्राकृतिक कृत्य नहीं हुआ, इस प्रकार की धमकी सीनियर्स देते थे.
अश्लील कमेंट करते थे सीनियर्स : अभी तक की जांच में यह बात सामने आई है कि जूनियर छात्रों को सीनियर छात्रों द्वारा धमकी दी जाती थी कि यदि वह उनकी बात नहीं मानेंगे तो उनके साथ अप्राकृतिक कृत्य जैसी घटना को अंजाम देंगे. इस तरह की धमकी लगातार सीनियर छात्रों द्वारा दी जा रही थी. इस पूरे मामले में अलग तरह के बयान छात्रों ने पुलिस को दिए हैं और उसी के आधार पर जांच- पड़ताल की जा रही है. जांच में ये जानकारी सामने आई है कि सीनियर छात्र जूनियर छात्रों पर लगातार अश्लील कमेंट कर परेशान करते थे. जूनियर छात्रों को सीनियर छात्र ठीक तरह से पढ़ाई भी नहीं करने देते थे. जब वह पढ़ाई करने जाते थे तो उन्हें विभिन्न तरह की लोकेशन अलग-अलग फ्लैटों की भेजकर वहां पर बुलाते थे. वहां पर उनके साथ अश्लील बातों के साथ ही आपत्तिजनक कमेंट भी करते थे. (Not unnatural acts with junior students) (Seniors used to threaten unnatural acts) (Ragging in MGM college)
सामने आई ऑडियो रिकॉर्डिंग और व्हाट्सएप चैटिंग: फिलहाल अब जांच के दौरान पीड़ित छात्र द्वारा दिए गए ऑडियो रिकॉर्डिंग और व्हाट्सएप चैटिंग भी सामने आई है. अभी भी पुलिस जांच में जुटी हुई है, जांच के दौरान चैटिंग के आधार पर कुछ सीनियर की पहचान भी की गई है. वहीं एंटी रैगिंग कमेटी द्वारा भी मामले की जांच की जा रही है, शिकायत में पीड़ित और सीनियर छात्रों के नाम नहीं बताए गए हैं.