श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में अब स्थानीय महिला से शादी करने वाले बाहरी पुरुष को भी स्थानीय निवासी माना जाएगा. जम्मू-कश्मीर सरकार ने आज केंद्र शासित प्रदेश की डोमसाइल कानून में बदलाव करते हुए ये फैसला लिया है. इस संशोधित कानून के तहत केंद्र शासित प्रदेश की मूल निवासी महिला से शादी करने वाले बाहरी पुरुष को भी आवास प्रमाणपत्र मिल जाएगा. इस प्रमाणपत्र को पाने के लिए दंपत्ती को विवाह प्रमाणपत्र और पत्नी का आवास प्रमाण पत्र दिखाना होगा.
जानकारी के मुताबिक, सामान्य प्रशासन विभाग के आयुक्त सचिव मनोज कुमार द्विवेदी ने गुरुवार को इस संशोधित कानून को जारी किया है, जिसके तहत केंद्र शासित प्रदेश की मूल निवासी महिला यदि राज्य बाहर के पुरुष से विवाह करती है, तो उनके पति स्थायी निवास के लिए आवेदन कर सकते हैं.
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सरकार की ओर से गुरुवार को जारी अधिसूचना के मुताबिक, अधिवास प्रमाण पत्र जारी करने के लिए तहसीलदार को सक्षम प्राधिकारी के रूप में नामित किया गया है. जम्मू और कश्मीर सिविल सेवा विकेंद्रीकरण और भर्ती अधिनियम (Jammu and Kashmir Civil Services Decentralization and Recruitment Act) के 3A(2)(3) के तहत एक मूल निवासी महिला से शादी के बाद उनके पति केंद्र शासित राज्य के अधिवास प्रमाणपत्र को प्राप्त करने के लिए पात्र हो जाएंगे.
बता दें कि 35 ए के तहत, अब तक केवल राज्य के मूल निवासी पति-पत्नी को ही यहां का स्टेट सब्जेक्ट मानकर डोमिसाइल दिया जाता था. डोमिसाइल सर्टिफिकेट (प्रक्रिया) नियम 2020 के जम्मू-कश्मीर अनुदान के अनुसार दंपती शब्द केवल मूल पुरुषों की गैर-कश्मीरी पत्नियों पर लागू होता था.
भाजपा ने इस कानून के संशोधन को महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक और कदम बताया है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रविंदर रैना ने कहा कि इस बदलाव से मोदी सरकार ने महिलाओं को सशक्त बनाया है.