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गंगा नदी के पानी में नहीं मिला कोरोना का अंश : अध्ययन

सरकार के एक अध्ययन में गंगा के पानी में कोरोना वायरस (Corona virus) के कोई अंश नहीं पाये गए हैं. उत्तर प्रदेश और बिहार के कुछ जिलों में नदी से शव निकाले जाने के बाद सरकार द्वारा ये अध्ययन कराया गया था.

गंगा नदी के पानी में नहीं मिला कोरोना का अंश
गंगा नदी के पानी में नहीं मिला कोरोना का अंश
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Published : Jul 8, 2021, 7:37 AM IST

नई दिल्ली : कोविड-19 की दूसरी लहर (Second wave of Covid-19) के चरम पर रहने के दौरान उत्तर प्रदेश और बिहार (Uttar Pradesh and Bihar) के कुछ जिलों में नदी से शव निकाले जाने के बाद सरकार द्वारा कराये गए एक अध्ययन में गंगा के पानी में कोरोना वायरस (Corona virus) के कोई अंश नहीं पाये गए हैं.

यह अध्ययन जल शक्ति मंत्रालय (Ministry of Jal Shakti) के तहत आने वाले राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (National Mission for Clean Ganga) द्वारा वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (Council of Scientific and Industrial Research-CSIR), भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान (Indian Institute of Toxicology Research-IITR), लखनऊ, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board) और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों (State Pollution Control Boards) के सहयोग से किया गया.

पढ़ें : फाइजर, मॉडर्ना के टीकों ने कोरोना जोखिम को 91% तक कम किया: अध्ययन

सूत्रों के मुताबिक अध्ययन दो चरणों में किया गया जिसमें कन्नौज, उन्नाव, कानपुर, हमीरपुर, इलाहाबाद, वाराणसी, बलिया, बक्सर, गाजीपुर, पटना और छपरा से नमूने लिए गए थे. सूत्रों ने कहा कि एकत्र किए गए नमूनों में से किसी में भी सार्स-सीओवी2 (SARS-CoV2) के अंश नहीं मिले. वायरोलॉजिकल अध्ययन के तहत पानी के नमूनों से वायरस के आरएनए को निकाला गया ताकि जलाशय में वायरल लोड निर्धारित करने के लिए आरटी-पीसीआर (RT-PCR) जांच की जा सके.

नई दिल्ली : कोविड-19 की दूसरी लहर (Second wave of Covid-19) के चरम पर रहने के दौरान उत्तर प्रदेश और बिहार (Uttar Pradesh and Bihar) के कुछ जिलों में नदी से शव निकाले जाने के बाद सरकार द्वारा कराये गए एक अध्ययन में गंगा के पानी में कोरोना वायरस (Corona virus) के कोई अंश नहीं पाये गए हैं.

यह अध्ययन जल शक्ति मंत्रालय (Ministry of Jal Shakti) के तहत आने वाले राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (National Mission for Clean Ganga) द्वारा वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (Council of Scientific and Industrial Research-CSIR), भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान (Indian Institute of Toxicology Research-IITR), लखनऊ, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board) और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों (State Pollution Control Boards) के सहयोग से किया गया.

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सूत्रों के मुताबिक अध्ययन दो चरणों में किया गया जिसमें कन्नौज, उन्नाव, कानपुर, हमीरपुर, इलाहाबाद, वाराणसी, बलिया, बक्सर, गाजीपुर, पटना और छपरा से नमूने लिए गए थे. सूत्रों ने कहा कि एकत्र किए गए नमूनों में से किसी में भी सार्स-सीओवी2 (SARS-CoV2) के अंश नहीं मिले. वायरोलॉजिकल अध्ययन के तहत पानी के नमूनों से वायरस के आरएनए को निकाला गया ताकि जलाशय में वायरल लोड निर्धारित करने के लिए आरटी-पीसीआर (RT-PCR) जांच की जा सके.

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