ETV Bharat / bharat

शीतकालीन अवकाश के दौरान न्यायालय की कोई पीठ उपलब्ध नहीं होगी : प्रधान न्यायाधीश - Kiren Rijiju

सुप्रीम कोर्ट में 17 दिसंबर से एक जनवरी तक कोई पीठ उपलब्ध नहीं होगी. यह जानकारी प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ( CJI DY Chnadrachud) ने कोर्ट कक्ष में मौजूद वकीलों से कही.

CJI DY Chnadrachud
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़
author img

By

Published : Dec 16, 2022, 7:37 PM IST

नई दिल्ली : प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ( CJI DY Chnadrachud) ने शुक्रवार को कहा कि शीतकालीन अवकाश के दौरान यानी 17 दिसंबर से एक जनवरी तक उच्चतम न्यायालय की कोई पीठ उपलब्ध नहीं होगी. केंद्रीय विधि मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को राज्य सभा में कहा था कि लोगों को लगता है कि अदालत की लंबी छुट्टियां फरियादियों के लिए सुविधाजनक नहीं है. रिजिजू के इस बयान के मद्देनजर प्रधान न्यायाधीश की यह घोषणा महत्वपूर्ण है.

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने अदालत कक्ष में मौजूदा वकीलों से कहा, 'कल से एक जनवरी तक कोई पीठ उपलब्ध नहीं होगी.' शीर्ष अदालत का शुक्रवार से दो सप्ताह का शीतकालीन अवकाश आरंभ हो जाएगा. इसके बाद न्यायालय का कामकाज दो जनवरी को आरंभ होगा. अदालत की छुट्टियों संबंधी मामला पहले भी उठाया गया था, लेकिन पूर्व प्रधान न्यायाधीश एन वी रमना समेत न्यायाधीशों ने कहा था कि लोगों को यह गलतफहमी है कि न्यायाधीशों का जीवन बहुत आरामदायक होता है और वे अपनी छुट्टियों का आनंद उठाते हैं.

न्यायमूर्ति रमना ने रांची में 'न्यायमूर्ति सत्यब्रत सिन्हा स्मारक व्याख्यान माला' के उद्घाटन भाषण में जुलाई में कहा था कि न्यायाशीध रात भर जागकर अपने फैसलों के बारे में सोचते रहते हैं. उन्होंने कहा था, 'लोगों के मन में यह गलत धारणा है कि न्यायाधीशों की जिंदगी बहुत आराम की होती है, वे सुबह 10 बजे से केवल शाम चार बजे तक काम करते हैं और छुट्टियों का आनंद उठाते हैं, लेकिन यह विमर्श असत्य है...' उन्होंने कहा कि न्यायाधीशों की जिम्मेदारी बहुत ही बड़ी होती है क्योंकि उनके फैसलों का मानव जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है. इसी प्रकार, दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश जयंत नाथ ने पिछले साल नवंबर में कहा था कि लोगों की यह धारणा गलत है कि अदालतें स्कूल की तरह छुट्टियां मनाती हैं.

ये भी पढ़ें - बिहार जहरीली शराब कांड : जांच की मांग वाली याचिका पर तुरंत सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ( CJI DY Chnadrachud) ने शुक्रवार को कहा कि शीतकालीन अवकाश के दौरान यानी 17 दिसंबर से एक जनवरी तक उच्चतम न्यायालय की कोई पीठ उपलब्ध नहीं होगी. केंद्रीय विधि मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को राज्य सभा में कहा था कि लोगों को लगता है कि अदालत की लंबी छुट्टियां फरियादियों के लिए सुविधाजनक नहीं है. रिजिजू के इस बयान के मद्देनजर प्रधान न्यायाधीश की यह घोषणा महत्वपूर्ण है.

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने अदालत कक्ष में मौजूदा वकीलों से कहा, 'कल से एक जनवरी तक कोई पीठ उपलब्ध नहीं होगी.' शीर्ष अदालत का शुक्रवार से दो सप्ताह का शीतकालीन अवकाश आरंभ हो जाएगा. इसके बाद न्यायालय का कामकाज दो जनवरी को आरंभ होगा. अदालत की छुट्टियों संबंधी मामला पहले भी उठाया गया था, लेकिन पूर्व प्रधान न्यायाधीश एन वी रमना समेत न्यायाधीशों ने कहा था कि लोगों को यह गलतफहमी है कि न्यायाधीशों का जीवन बहुत आरामदायक होता है और वे अपनी छुट्टियों का आनंद उठाते हैं.

न्यायमूर्ति रमना ने रांची में 'न्यायमूर्ति सत्यब्रत सिन्हा स्मारक व्याख्यान माला' के उद्घाटन भाषण में जुलाई में कहा था कि न्यायाशीध रात भर जागकर अपने फैसलों के बारे में सोचते रहते हैं. उन्होंने कहा था, 'लोगों के मन में यह गलत धारणा है कि न्यायाधीशों की जिंदगी बहुत आराम की होती है, वे सुबह 10 बजे से केवल शाम चार बजे तक काम करते हैं और छुट्टियों का आनंद उठाते हैं, लेकिन यह विमर्श असत्य है...' उन्होंने कहा कि न्यायाधीशों की जिम्मेदारी बहुत ही बड़ी होती है क्योंकि उनके फैसलों का मानव जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है. इसी प्रकार, दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश जयंत नाथ ने पिछले साल नवंबर में कहा था कि लोगों की यह धारणा गलत है कि अदालतें स्कूल की तरह छुट्टियां मनाती हैं.

ये भी पढ़ें - बिहार जहरीली शराब कांड : जांच की मांग वाली याचिका पर तुरंत सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.