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एफसीआरए के तहत रिटर्न दाखिल नहीं करने पर एनजीओ के खिलाफ कड़े कदम नहीं : HC - नई दिल्ली

दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को केंद्र को निर्देश दिया कि उस गैर सरकारी संगठन के खिलाफ कठोर कदम नहीं उठाया जाए जिसने गृह मंत्रालय के पोर्टल पर फॉर्म भरने में तकनीकी दिक्कतों के चलते विदेशी अंशदान विनियमन कानून (एफसीआरए) के तहत आवश्यक वार्षिक रिटर्न दाखिल नहीं किया है.

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Published : Aug 16, 2021, 8:47 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने केंद्र को निर्देश दिया कि उस गैर सरकारी संगठन के खिलाफ कठोर कदम नहीं उठाया जाए जिसने एफसीआरए रिटर्न दाखिल नहीं किया है. इस मामले में गृह मंत्रालय को नोटिस जारी कर उससे जवाब भी मांगा है. इस मामले में अब तीन सितबंर को आगे सुनवाई होगी.

अदालत ने कहा प्रतिवादी संख्या एक (गृह मंत्रालय) को नोटिस जारी करते हुए निर्देश दिया जाता है कि याचिकाकर्ता (एनजीओ) के खिलाफ सुनवाई की अगली तारीख तक कोई कठोर कदम नहीं उठाया जाए.

याचिकाकर्ता श्री स्वामी नारायण मंदिर ने कहा कि वह एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) है, जो सामाजिक, दान संबंधी, चिकित्सीय और धार्मिक चैरीटेबल गतिविधियां करता है और गृह मंत्रालय की वेबसाइट पर फॉर्म भरने में तकनीकी दिक्कत के चलते वह आवश्यक एफसीआरए के तहत वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए वार्षिक रिटर्न दाखिल नहीं कर सका.

यह भी पढ़ें-अदालत ने डाटा लीक मामले में केंद्र का रुख जानना चाहा, पढ़ें पूरा मामला

एनजीओ की ओर से अधिवक्ता मनोज खन्ना एवं रजत भाटिया ने पीठ से कहा कि पोर्टल में तकनीकी दिक्कतों के चलते याचिकाकर्ता के लिए यह असंभव था कि फॉर्म भर पाता और कानून के तहत आवश्यक प्रावधानों का अनुपालन कर पाता.

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने केंद्र को निर्देश दिया कि उस गैर सरकारी संगठन के खिलाफ कठोर कदम नहीं उठाया जाए जिसने एफसीआरए रिटर्न दाखिल नहीं किया है. इस मामले में गृह मंत्रालय को नोटिस जारी कर उससे जवाब भी मांगा है. इस मामले में अब तीन सितबंर को आगे सुनवाई होगी.

अदालत ने कहा प्रतिवादी संख्या एक (गृह मंत्रालय) को नोटिस जारी करते हुए निर्देश दिया जाता है कि याचिकाकर्ता (एनजीओ) के खिलाफ सुनवाई की अगली तारीख तक कोई कठोर कदम नहीं उठाया जाए.

याचिकाकर्ता श्री स्वामी नारायण मंदिर ने कहा कि वह एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) है, जो सामाजिक, दान संबंधी, चिकित्सीय और धार्मिक चैरीटेबल गतिविधियां करता है और गृह मंत्रालय की वेबसाइट पर फॉर्म भरने में तकनीकी दिक्कत के चलते वह आवश्यक एफसीआरए के तहत वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए वार्षिक रिटर्न दाखिल नहीं कर सका.

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एनजीओ की ओर से अधिवक्ता मनोज खन्ना एवं रजत भाटिया ने पीठ से कहा कि पोर्टल में तकनीकी दिक्कतों के चलते याचिकाकर्ता के लिए यह असंभव था कि फॉर्म भर पाता और कानून के तहत आवश्यक प्रावधानों का अनुपालन कर पाता.

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