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चांदी सा चमकने वाले केदारनाथ का प्रकृति ने नहीं किया श्रृंगार! जनवरी में भी नहीं हुई बर्फबारी - Director of Meteorological Department Bikram Singh

केदारनाथ में दिसंबर और जनवरी के महीने भी बर्फबारी (No snowfall in Kedarnath) नहीं हुई है. जिसके कारण जानकार चिंतित (Scientists worried about no snowfall in Kedarnath) हैं. आमतौर पर केदारनाथ जैसे उच्च हिमालयी क्षेत्रों (snowfall in high himalayan region kedarnath) में दिसंबर के अंत तक बर्फबारी हो जाती है, मगर इस बार इसके उलट हुआ है. केदारनाथ के साथ ही गंगोत्री, यमुनोत्री और बदरीनाथ में भी मौसम मेहरबान नहीं हुआ है. यहां भी बर्फबारी नहीं हुई है.

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चांदी सा चमकने वाले केदारनाथ का प्रकृति ने नहीं किया श्रृंगार!
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Published : Jan 9, 2023, 9:43 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में आमतौर पर दिसंबर, जनवरी के महीने में जमकर बर्फबारी (Snowfall in the hilly areas of Uttarakhand) होती थी, इस समय उच्च हिमालयी क्षेत्रों में 10 से 12 फीट तक बर्फ जम जाती थी, मगर इस बार ऐसा कुछ नहीं हुआ है. केदारनाथ (No snowfall in Kedarnath) से इस समय जो तस्वीरें सामने आई हैं उन्हें देखकर अंदाजा लगाया जा सकती है कि इस बार उच्च हिमालयी क्षेत्रों और पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी ना के बराबर हुई है. मौसम वैज्ञानिक भी केदारनाथ को बर्फविहीन देखकर बेहद चिंतित हैं. हर साल दिसंबर के अंत में या जनवरी के शुरुआत में केदारनाथ चांदी की तरह चमकने लगता था.

केदारनाथ में नहीं पड़ी बर्फ: पहाड़ से लेकर मैदान तक भीषण ठंड पड़ रही है, यह ठंड सूखी है. हिमालय क्षेत्रों में अभी तक बर्फबारी नहीं हुई है. केदारनाथ धाम जनवरी महीने में बर्फ से लकदक हो जाता था वो अभी भी सूखा पड़ा है. बाबा केदारनाथ के आसपास सारे पर्वत साफ दिखाई दे रहे हैं. जबकि हर साल इस मौसम में इन पर्वतों पर अत्यधिक बर्फबारी होने की वजह से पर्वत भी दिखने बंद हो जाते थे. केदारनाथ धाम के प्रांगण में पाले के अलावा और कुछ दिखाई नहीं दे रहा है. बिना बर्फबारी के बाबा का धाम बेहद वीरान सा लग रहा है.

No snowfall in Kedarnath
केदारनाथ की ताजा तस्वीर

पढे़ं- उत्तराखंड में बर्फबारी होने की संभावना बेहद कम, स्नोफॉल नहीं हुआ तो तेजी से पिघलेंगे ग्लेशियर

केदारनाथ में बीते साल नवंबर में हुई थी बर्फबारी: साल 2022 में केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री जैसे धामों में बर्फबारी हुई थी. इस बार दिसंबर तो छोड़िए आधा जनवरी बीतने के बाद भी हिमालय बर्फबारी के लिए तरस रहा है. ऐसा नहीं है कि इस बार यात्रा के दौरान बर्फबारी नहीं हुई. अक्टूबर माह में बाबा केदारनाथ धाम में बर्फबारी हुई थी, लेकिन जैसे ही कपाट बंद हुए. वैसे ही 27 अक्टूबर के बाद बर्फबारी का सिलसिला बिल्कुल रुक सा गया. नवंबर महीने में भी बर्फबारी की छुटपुट बौछार हुई. पूरा दिसंबर और जनवरी बीतने को है, मगर अब तक धाम में बर्फबारी नहीं हुई है.

क्या कहते हैं मौसम वैज्ञानिक: हर साल दिसंबर के अंत में केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण कामों (Reconstruction work in Kedarnath Dham) को रोका जाता था. यह काम बर्फबारी के कारण रोका जाता था, मगर इस बार ऐसा कुछ नहीं है. इस सीजन में पुनर्निर्माण काम आज भी लगातार जारी है. मजदूर लगातार केदारनाथ धाम में मरम्मत के कामों में जुटे हुए हैं.

No snowfall in Kedarnath
केदारनाथ में जनवरी में भी नहीं हुई बर्फबारी

मौसम विभाग के निदेशक विक्रम सिंह कहते हैं फिलहाल उत्तराखंड में लोगों को ठंड से थोड़ी राहत जरूर मिलेगी. अगर बर्फबारी की बात करें तो 14 जनवरी के बाद हो सकता है कि उत्तरकाशी, चमोली पिथौरागढ़ जैसे ऊंचे इलाकों में हल्की फुल्की बर्फबारी हो जाए. अभी यह कहना थोड़ा मुश्किल है कि केदारनाथ धाम या उसके समकक्ष पर्वतों पर कब बर्फबारी होगी. विक्रम सिंह कहते हैं फिलहाल तो राजधानी देहरादून का अधिकतम तापमान ही 23.3 न्यूनतम 6 डिग्री दर्ज किया गया है इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि फिलहाल अत्यधिक बर्फबारी और ठंड की संभावना है कुछ दिनों तक नहीं है.

पढे़ं- पिछले 40 सालों में 700 मीटर पीछे खिसका पिंडारी ग्लेशियर, बुग्यालों में भूस्खलन ने बढ़ाई चिंता

चिंता में पर्यावरणविद्: उत्तराखंड में बदलते मौसम को देखते हुए पर्यावरणविद भी चिंतित हैं. गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर और भूवैज्ञानिक बीडी जोशी कहते हैं हमने हमेशा से यह सुना है कि उत्तराखंड में दिसंबर महीने में बर्फबारी का आनंद लेने के लिए पर्यटक पहुंच जाते हैं. जनवरी महीने में तो मसूरी के ऊपरी इलाकों में भी बर्फबारी हो जाती थी. लेकिन, बर्फबारी नहीं हो रही है तो यह चिंता का विषय है. इसका मतलब उत्तराखंड के पहाड़ों में ऐसा कुछ तो हो रहा है जिसको हमारी प्रकृति और आबोहवा सहन नहीं कर पा रही है. ऐसे में इसका अध्ययन करना बेहद जरूरी है.

देहरादून: उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में आमतौर पर दिसंबर, जनवरी के महीने में जमकर बर्फबारी (Snowfall in the hilly areas of Uttarakhand) होती थी, इस समय उच्च हिमालयी क्षेत्रों में 10 से 12 फीट तक बर्फ जम जाती थी, मगर इस बार ऐसा कुछ नहीं हुआ है. केदारनाथ (No snowfall in Kedarnath) से इस समय जो तस्वीरें सामने आई हैं उन्हें देखकर अंदाजा लगाया जा सकती है कि इस बार उच्च हिमालयी क्षेत्रों और पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी ना के बराबर हुई है. मौसम वैज्ञानिक भी केदारनाथ को बर्फविहीन देखकर बेहद चिंतित हैं. हर साल दिसंबर के अंत में या जनवरी के शुरुआत में केदारनाथ चांदी की तरह चमकने लगता था.

केदारनाथ में नहीं पड़ी बर्फ: पहाड़ से लेकर मैदान तक भीषण ठंड पड़ रही है, यह ठंड सूखी है. हिमालय क्षेत्रों में अभी तक बर्फबारी नहीं हुई है. केदारनाथ धाम जनवरी महीने में बर्फ से लकदक हो जाता था वो अभी भी सूखा पड़ा है. बाबा केदारनाथ के आसपास सारे पर्वत साफ दिखाई दे रहे हैं. जबकि हर साल इस मौसम में इन पर्वतों पर अत्यधिक बर्फबारी होने की वजह से पर्वत भी दिखने बंद हो जाते थे. केदारनाथ धाम के प्रांगण में पाले के अलावा और कुछ दिखाई नहीं दे रहा है. बिना बर्फबारी के बाबा का धाम बेहद वीरान सा लग रहा है.

No snowfall in Kedarnath
केदारनाथ की ताजा तस्वीर

पढे़ं- उत्तराखंड में बर्फबारी होने की संभावना बेहद कम, स्नोफॉल नहीं हुआ तो तेजी से पिघलेंगे ग्लेशियर

केदारनाथ में बीते साल नवंबर में हुई थी बर्फबारी: साल 2022 में केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री जैसे धामों में बर्फबारी हुई थी. इस बार दिसंबर तो छोड़िए आधा जनवरी बीतने के बाद भी हिमालय बर्फबारी के लिए तरस रहा है. ऐसा नहीं है कि इस बार यात्रा के दौरान बर्फबारी नहीं हुई. अक्टूबर माह में बाबा केदारनाथ धाम में बर्फबारी हुई थी, लेकिन जैसे ही कपाट बंद हुए. वैसे ही 27 अक्टूबर के बाद बर्फबारी का सिलसिला बिल्कुल रुक सा गया. नवंबर महीने में भी बर्फबारी की छुटपुट बौछार हुई. पूरा दिसंबर और जनवरी बीतने को है, मगर अब तक धाम में बर्फबारी नहीं हुई है.

क्या कहते हैं मौसम वैज्ञानिक: हर साल दिसंबर के अंत में केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण कामों (Reconstruction work in Kedarnath Dham) को रोका जाता था. यह काम बर्फबारी के कारण रोका जाता था, मगर इस बार ऐसा कुछ नहीं है. इस सीजन में पुनर्निर्माण काम आज भी लगातार जारी है. मजदूर लगातार केदारनाथ धाम में मरम्मत के कामों में जुटे हुए हैं.

No snowfall in Kedarnath
केदारनाथ में जनवरी में भी नहीं हुई बर्फबारी

मौसम विभाग के निदेशक विक्रम सिंह कहते हैं फिलहाल उत्तराखंड में लोगों को ठंड से थोड़ी राहत जरूर मिलेगी. अगर बर्फबारी की बात करें तो 14 जनवरी के बाद हो सकता है कि उत्तरकाशी, चमोली पिथौरागढ़ जैसे ऊंचे इलाकों में हल्की फुल्की बर्फबारी हो जाए. अभी यह कहना थोड़ा मुश्किल है कि केदारनाथ धाम या उसके समकक्ष पर्वतों पर कब बर्फबारी होगी. विक्रम सिंह कहते हैं फिलहाल तो राजधानी देहरादून का अधिकतम तापमान ही 23.3 न्यूनतम 6 डिग्री दर्ज किया गया है इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि फिलहाल अत्यधिक बर्फबारी और ठंड की संभावना है कुछ दिनों तक नहीं है.

पढे़ं- पिछले 40 सालों में 700 मीटर पीछे खिसका पिंडारी ग्लेशियर, बुग्यालों में भूस्खलन ने बढ़ाई चिंता

चिंता में पर्यावरणविद्: उत्तराखंड में बदलते मौसम को देखते हुए पर्यावरणविद भी चिंतित हैं. गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर और भूवैज्ञानिक बीडी जोशी कहते हैं हमने हमेशा से यह सुना है कि उत्तराखंड में दिसंबर महीने में बर्फबारी का आनंद लेने के लिए पर्यटक पहुंच जाते हैं. जनवरी महीने में तो मसूरी के ऊपरी इलाकों में भी बर्फबारी हो जाती थी. लेकिन, बर्फबारी नहीं हो रही है तो यह चिंता का विषय है. इसका मतलब उत्तराखंड के पहाड़ों में ऐसा कुछ तो हो रहा है जिसको हमारी प्रकृति और आबोहवा सहन नहीं कर पा रही है. ऐसे में इसका अध्ययन करना बेहद जरूरी है.

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