नई दिल्ली : असम और मिजोरम (Assam and Mizoram) के बीच चल रहे सीमा संघर्ष रुकने का नाम नहीं ले रहा है, ताजा घटनाक्रम में मिजोरम सरकार ने एक बार फिर असम पुलिस पर एक मजदूर के अपहरण का आरोप लगाया है.
इस बीच मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने बताया कि मेघालय और असम के बीच मतभेदों के क्षेत्रों पर उनके निष्कर्षों पर चर्चा करने के लिए राज्य की क्षेत्रीय समितियों के साथ एक बैठक की गई. बैठक के दौरान डीसी ने जमीनी रिपोर्ट के आधार पर एक प्रस्तुति दी है और हम एक सौहार्दपूर्ण समाधान तक पहुंचने के लिए इस अभ्यास को जारी रखेंगे.
घटना का कड़ा संज्ञान लेते हुए, कोलासिब (मिजोरम) के उपायुक्त डॉ एच लालथलंगलियाना (Deputy Commissioner Dr H Lalthalangliana ) ने हैलाकांडी (असम) के उपायुक्त को तैनात पुलिस अधिकारियों खिलाफ चूक करने के चलते कड़ी कार्रवाई करने के लिए एक पत्र लिखा है.
डॉ लालथलंगलियाना ने आगे आगाह किया कि इस घटना को एक बहुत ही गंभीर मुद्दा माना जाए. यह अब तक शांति की पहल के लिए एक बड़ा झटका है. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के आसपास तैनात बलों की संख्या को और अधिक बढ़ाया जा सकता है.
गौरतलब है कि 26 जुलाई को असम और मिश्रान ( Assam and Mishran) के बीच हुए सीमा संघर्ष में छह असम पुलिस कर्मियों सहित सात लोग अपनी जान गंवा चुके हैं.
नवीनतम धटना को ध्यान में रखते हुए, डॉ लालथलंगलियाना ने कहा कि गुरुवार दोपहर को पु ललनगैसबगा की भूमि (Pu Lalngaisabga's land ) के ऐतलांग में जहां किसानों द्वारा खुदाई करने वाले जेसीबी का उपयोग करके झूक क्षेत्र को जोड़ने वाली सड़क का निर्माण किया जा रहा है.
असम पुलिस उनकी गतिविधि को बाधित करने के लिए गई और खुदाई मशीन के दरवाजे (door of excavator) को क्षतिग्रस्त कर दिया और जेसीबी संचालक पु ललनारम्माविया (JCB operator Pu Lalnarammawia) से चाबियां छीन लीं.
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इसके अलावा असम पुलिस ने कमांडो वर्दी (wearing commando uniform) पहने हुए जेसीबी ऑपरेटर की आंखों पर पट्टी बांधकर उसके सिर पर बंदूक तानी और उसका अपहरण कर लिया.इसके बाद उसे नदी की ओर घसीटा गया और जान से मारने की धमकी दी गई. फिर असम पुलिस ने जेसीबी की चाबियों के साथ उसका मोबाइल फोन ले लिया.
उन्होंने कहा कि मनोहर परिकर इंस्टीट्यूट ऑफ डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस (Manohar Parikar Institute of Defence Studies and Analysis) से केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त एक टीम जल्द ही सीमावर्ती क्षेत्रों का दौरा करेगी और गृह मंत्रालय (Home Ministry) को संघर्ष के कारण और उसके समाधान पर एक रिपोर्ट सौंपेगी.