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सोशल मीडिया अकाउंट सत्यापन के लिए सरकारी आईडी लिंक करने का कोई प्रस्ताव नहीं: मंत्री

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Published : Mar 30, 2022, 9:31 PM IST

Updated : Mar 30, 2022, 10:45 PM IST

सरकार का लक्ष्य है कि सोशल मीडिया कंपनियों (social media companies) को भारतीय मोबाइल नंबर के उपयोग सहित उपयुक्त तंत्र के माध्यम से देश में खुला, सुरक्षित, भरोसेमंद और जवाबदेह इंटरनेट माध्यम (accountable internet media) बनाया जाए. हालांकि ऐसा नहीं है कि उपयोगकर्ता के सोशल मीडिया खाते (social media accounts) को सत्यापित करने के लिए सरकारी आईडी को लिंक करने की अनुमति दी जाए.

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राजीव चंद्रशेखर

नई दिल्ली: केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर (Rajeev Chandrashekhar MoS Electronics IT) ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि सरकारी आईडी (link government ID) के साथ सभी सोशल मीडिया खातों (social media accounts) का सत्यापन सुनिश्चित करने के लिए अलग कानून लाने का कोई प्रस्ताव सरकार के समक्ष नहीं है.

एक सवाल के जवाब में चंद्रशेखर ने लोकसभा को बताया कि सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड) नियम 2021 के तहत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को यूजर्स की ऑनलाइन सुरक्षा बढ़ाने के लिए अपने यूजर्स के प्रति जवाबदेह बनाया गया है. मंत्री ने कहा कि उक्त नियमों के अनुसार महत्वपूर्ण सोशल मीडिया मध्यस्थ (SSMI) उन उपयोगकर्ताओं को सक्षम करेगा जो भारत से अपनी सेवाओं के लिए पंजीकरण करते हैं या भारत में अपनी सेवाओं का उपयोग करते हैं. सक्रिय भारतीय किसी भी उपयुक्त तंत्र का उपयोग करके अपने अकाउंट को स्वेच्छा से सत्यापित करने के लिए सक्षम होंगे.

अलग कानून का प्रस्ताव नहीं: उन्होंने कहा कि यदि कोई उपयोगकर्ता स्वेच्छा से अपने खाते का सत्यापन करता है, तो ऐसे उपयोगकर्ता को सत्यापन का स्पष्ट और दृश्यमान चिह्न प्रदान किया जाएगा. हालांकि चंद्रशेखर ने स्पष्ट किया कि वर्तमान में मंत्रालय के पास सभी सोशल मीडिया खातों को सुनिश्चित और प्रमाणित करने या भारतीय सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं के सोशल मीडिया अकाउंट्स के साथ सरकारी पहचान को जोड़ने के लिए अलग कानून लाने का कोई प्रस्ताव नहीं है.

सोशल मीडिया अकाउंट सत्यापन के लिए सरकारी आईडी लिंक करने का कोई प्रस्ताव नहीं: मंत्री

फेक न्यूज बड़ी समस्या: कांग्रेस सांसद अब्दुल खलीक के सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि सरकार फेक समाचारों की बढ़ती घटनाओं और विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से गलत सूचनाओं के प्रसार से उत्पन्न जोखिमों से अच्छी तरह वाकिफ है. साइबरस्पेस में आभासी व्यक्ति, सीमाहीन, ज्यादातर गुमनाम होने के साथ ही किसी के साथ, किसी भी समय, दुनिया भर में कहीं से भी, किसी भी संदेश को पोस्ट करने, साझा करने, संचार करने में सक्षम है. इसलिए सोशल मीडिया पर फेक न्यूज के प्रसार को पहचानना और रोकना वैश्विक चुनौती है.

सरकार ने उठाए कदम: चंद्रशेखर ने लोकसभा सदस्यों को बताया कि सोशल मीडिया, समाचार चैनलों, ऑनलाइन पोर्टलों सहित विभिन्न ऑनलाइन मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से फैल रही गलत सूचना और अफवाह की समस्या को दूर करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कई उपायों को सूचीबद्ध किया गया है. इन उपायों में शामिल है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म गोपनीयता नीति और उनके प्लेटफॉर्म के उपयोग की शर्तों को प्रकाशित करेंगे. उपयोगकर्ताओं को किसी भी जानकारी को होस्ट करने, प्रदर्शित करने, अपलोड करने, संशोधित करने, प्रकाशित करने, प्रसारित करने, अपडेट करने या साझा करने के लिए सूचित करने की आवश्यकता नहीं है.

यह भी पढ़ें- रूपा गांगुली के सवाल पर गडकरी ने कहा, कैरेक्टर रोल के बाद हीरोइन बनना मुश्किल, गूंजे ठहाके

नियमों में यह भी आवश्यक है कि ऑनलाइन समाचार के प्रकाशक आचार संहिता का पालन करें. जिसमें प्रेस परिषद अधिनियम 1978 के तहत भारतीय प्रेस परिषद के पत्रकारिता आचरण के मानदंडों और केबल टेलीविजन की धारा 5 के तहत कार्यक्रम कोड का पालन शामिल है. साथ ही किसी भी कानून के तहत निषिद्ध कोई भी सामग्री प्रकाशित या प्रसारित नहीं की जाएगी.

नई दिल्ली: केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर (Rajeev Chandrashekhar MoS Electronics IT) ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि सरकारी आईडी (link government ID) के साथ सभी सोशल मीडिया खातों (social media accounts) का सत्यापन सुनिश्चित करने के लिए अलग कानून लाने का कोई प्रस्ताव सरकार के समक्ष नहीं है.

एक सवाल के जवाब में चंद्रशेखर ने लोकसभा को बताया कि सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड) नियम 2021 के तहत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को यूजर्स की ऑनलाइन सुरक्षा बढ़ाने के लिए अपने यूजर्स के प्रति जवाबदेह बनाया गया है. मंत्री ने कहा कि उक्त नियमों के अनुसार महत्वपूर्ण सोशल मीडिया मध्यस्थ (SSMI) उन उपयोगकर्ताओं को सक्षम करेगा जो भारत से अपनी सेवाओं के लिए पंजीकरण करते हैं या भारत में अपनी सेवाओं का उपयोग करते हैं. सक्रिय भारतीय किसी भी उपयुक्त तंत्र का उपयोग करके अपने अकाउंट को स्वेच्छा से सत्यापित करने के लिए सक्षम होंगे.

अलग कानून का प्रस्ताव नहीं: उन्होंने कहा कि यदि कोई उपयोगकर्ता स्वेच्छा से अपने खाते का सत्यापन करता है, तो ऐसे उपयोगकर्ता को सत्यापन का स्पष्ट और दृश्यमान चिह्न प्रदान किया जाएगा. हालांकि चंद्रशेखर ने स्पष्ट किया कि वर्तमान में मंत्रालय के पास सभी सोशल मीडिया खातों को सुनिश्चित और प्रमाणित करने या भारतीय सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं के सोशल मीडिया अकाउंट्स के साथ सरकारी पहचान को जोड़ने के लिए अलग कानून लाने का कोई प्रस्ताव नहीं है.

सोशल मीडिया अकाउंट सत्यापन के लिए सरकारी आईडी लिंक करने का कोई प्रस्ताव नहीं: मंत्री

फेक न्यूज बड़ी समस्या: कांग्रेस सांसद अब्दुल खलीक के सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि सरकार फेक समाचारों की बढ़ती घटनाओं और विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से गलत सूचनाओं के प्रसार से उत्पन्न जोखिमों से अच्छी तरह वाकिफ है. साइबरस्पेस में आभासी व्यक्ति, सीमाहीन, ज्यादातर गुमनाम होने के साथ ही किसी के साथ, किसी भी समय, दुनिया भर में कहीं से भी, किसी भी संदेश को पोस्ट करने, साझा करने, संचार करने में सक्षम है. इसलिए सोशल मीडिया पर फेक न्यूज के प्रसार को पहचानना और रोकना वैश्विक चुनौती है.

सरकार ने उठाए कदम: चंद्रशेखर ने लोकसभा सदस्यों को बताया कि सोशल मीडिया, समाचार चैनलों, ऑनलाइन पोर्टलों सहित विभिन्न ऑनलाइन मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से फैल रही गलत सूचना और अफवाह की समस्या को दूर करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कई उपायों को सूचीबद्ध किया गया है. इन उपायों में शामिल है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म गोपनीयता नीति और उनके प्लेटफॉर्म के उपयोग की शर्तों को प्रकाशित करेंगे. उपयोगकर्ताओं को किसी भी जानकारी को होस्ट करने, प्रदर्शित करने, अपलोड करने, संशोधित करने, प्रकाशित करने, प्रसारित करने, अपडेट करने या साझा करने के लिए सूचित करने की आवश्यकता नहीं है.

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नियमों में यह भी आवश्यक है कि ऑनलाइन समाचार के प्रकाशक आचार संहिता का पालन करें. जिसमें प्रेस परिषद अधिनियम 1978 के तहत भारतीय प्रेस परिषद के पत्रकारिता आचरण के मानदंडों और केबल टेलीविजन की धारा 5 के तहत कार्यक्रम कोड का पालन शामिल है. साथ ही किसी भी कानून के तहत निषिद्ध कोई भी सामग्री प्रकाशित या प्रसारित नहीं की जाएगी.

Last Updated : Mar 30, 2022, 10:45 PM IST
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