लखनऊ : राजधानी समेत उत्तर प्रदेश के करोड़ों उपभोक्ताओं के लिए बड़ी खुशखबरी है. अब उत्तर प्रदेश में बिजली की दरें नहीं बढ़ेंगी. यह फैसला उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने लिया है.
बता दें कि उत्तर प्रदेश में 12 फीसद दरें बढ़ाने का प्रस्ताव बिजली कंपनियों की तरफ से दिया गया था, जिसका उपभोक्ता परिषद की तरफ से नियामक आयोग में कड़ा विरोध किया गया था. अब नियामक आयोग ने रेगुलेटरी सरचार्ज लगाने का प्रस्ताव खारिज कर दिया है.
विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन आरपी सिंह, सदस्य केके शर्मा और पीके श्रीवास्तव की पीठ ने यह फैसला सुनाया है. उन्होंने फैसले में साफ तौर पर कहा है कि 2021-22 के लिए बिजली दरों में किसी तरह का कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा. वर्तमान में जो टैरिफ लागू है, वही आगे भी लागू रहेगा. इतना ही नहीं 2021-22 के साथ ही 2019-20 के ट्रू-अप के लिए बिजली कंपनियों की तरफ से निकाली गई बड़ी राशि को भी खत्म कर दिया है.
एक महीने तक मामले की सुनवाई चली थी. बिजली कंपनियों ने उपभोक्ताओं पर 49 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया दिखाया था. नियामक आयोग की तरफ से गुरुवार को इस पर आदेश जारी कर दिया गया.
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उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने बिजली दर बढ़ाए जाने को लेकर नियामक आयोग में याचिका दाखिल की थी. अवधेश वर्मा ने कहा कि अभी भी यह लड़ाई खत्म नहीं हुई है. पुनर्विचार याचिका दाखिल की जाएगी.