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'प्राइवेट पावर कंपनियों से कांग्रेस को नहीं कोई राजनीतिक फंडिंग'

पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह ने निजी बिजली कंपनियों से राजनीतिक फंडिंग के मुद्दे पर आप और शिअद पर निशाना साधते हुए कहा, विभिन्न शेल द्वारा इन पार्टियों को किए गए अवैध चंदे के विपरीत कंपनियों, कांग्रेस को प्रदान किए गए धन का पंजाब चुनाव से कोई लेना-देना नहीं था.

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Published : Jul 14, 2021, 7:15 AM IST

अमरिंदर सिंह
अमरिंदर सिंह

चंडीगढ़ : पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (Punjab Chief Minister Amarinder Singh) ने विपक्षी आप और शिअद पर निजी बिजली कंपनियों से राजनीतिक फंडिंग (Political funding) के मुद्दे पर 'झूठ बोलने' के लिए निशाना साधते हुए कहा, विभिन्न शेल द्वारा इन पार्टियों को किए गए अवैध चंदे के विपरीत कंपनियों, कांग्रेस को प्रदान किए गए धन का पंजाब चुनाव से कोई लेना-देना नहीं था.

मुख्यमंत्री ने शिरोमणि अकाली दल (शिअद) की आलोचना करते हुए कहा कि कुछ बिजली कंपनियों द्वारा 2009 और 2014 में पंजाब कांग्रेस को नहीं, बल्कि एआईसीसी (AICC) को राजनीतिक चंदा दिया गया था, जिसका राज्य की मौजूदा सरकार से कोई संबंध नहीं था. आम आदमी पार्टी (आप) 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले लोगों को गुमराह करने की एक हताश कोशिश में झूठ फैला रही है.

पढ़ें- Kanwar Yatra : उत्तराखंड सरकार ने रद्द करने की घोषणा की

उन्होंने आगे कहा कि बिजली खरीद समझौतों (PPA) पर पिछली शिअद-भाजपा सरकार द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे और कानूनी रूप से बाध्यकारी थे, ताकि उनकी सरकार नकदी की कमी वाले राज्यपर भारी दंड के बिना इसे रद्द न कर सके.

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार राज्य के खजाने पर और बोझ डाले बिना पीपीए के दुष्परिणामों को बेअसर करने के लिए कानूनी सहारा तलाश रही है.

(आईएएनएस)

चंडीगढ़ : पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (Punjab Chief Minister Amarinder Singh) ने विपक्षी आप और शिअद पर निजी बिजली कंपनियों से राजनीतिक फंडिंग (Political funding) के मुद्दे पर 'झूठ बोलने' के लिए निशाना साधते हुए कहा, विभिन्न शेल द्वारा इन पार्टियों को किए गए अवैध चंदे के विपरीत कंपनियों, कांग्रेस को प्रदान किए गए धन का पंजाब चुनाव से कोई लेना-देना नहीं था.

मुख्यमंत्री ने शिरोमणि अकाली दल (शिअद) की आलोचना करते हुए कहा कि कुछ बिजली कंपनियों द्वारा 2009 और 2014 में पंजाब कांग्रेस को नहीं, बल्कि एआईसीसी (AICC) को राजनीतिक चंदा दिया गया था, जिसका राज्य की मौजूदा सरकार से कोई संबंध नहीं था. आम आदमी पार्टी (आप) 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले लोगों को गुमराह करने की एक हताश कोशिश में झूठ फैला रही है.

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उन्होंने आगे कहा कि बिजली खरीद समझौतों (PPA) पर पिछली शिअद-भाजपा सरकार द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे और कानूनी रूप से बाध्यकारी थे, ताकि उनकी सरकार नकदी की कमी वाले राज्यपर भारी दंड के बिना इसे रद्द न कर सके.

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार राज्य के खजाने पर और बोझ डाले बिना पीपीए के दुष्परिणामों को बेअसर करने के लिए कानूनी सहारा तलाश रही है.

(आईएएनएस)

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