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मुरादाबाद में नहीं है ध्वनि प्रदूषण, UNEP की रिपोर्ट है गलत: क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी - United Nations Environment Program

यूनाइटेड नेशंस एनवायरमेंट प्रोग्राम (UNEP) की एक हालिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया कि दुनिया के 61 सबसे ध्वनि प्रदूषित शहरों में उत्तर प्रदेश का मुरादाबाद दूसरे स्थान पर है. वहीं, मुरादाबाद जिला प्रदूषण विभाग ने इस रिपोर्ट का खंडन किया है. जानें क्या कहती है UNEP की रिपोर्ट...

मुरादाबाद
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Published : Mar 29, 2022, 8:18 PM IST

मुरादाबाद : यूनाइटेड नेशंस एनवायरमेंट प्रोग्राम (United Nations Environment Program-UNEP) की एक हालिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया कि दुनिया के 61 ध्वनि प्रदूषित शहरों में दूसरे स्थान पर उत्तर प्रदेश का मुरादाबाद (unep report on moradabad noise pollution) है. वहीं, मुरादाबाद जिला प्रदूषण विभाग ने इस रिपोर्ट का खंडन किया है. प्रदूषण विभाग के अधिकारी का कहना है कि सोशल मीडिया के माध्यम से यह जानकारी मिली थी कि मुरादाबाद ध्वनि प्रदूषण में दुनिया का दूसरा शहर है, जो कि गलत है.

क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी विकास मिश्र कहा, 'यूनाइटेड नेशंस एनवायरमेंट प्रोग्राम (UNEP) ने मुरादाबाद में 114 डेसिबल ध्वनि प्रदूषण दर्ज कर दिखाया गया था. जबकि यहां रोजाना 60 से 70 डेसिबल ध्वनि प्रदूषण दर्ज किया जाता है. मुरादाबाद में जिला प्रदूषण विभाग की तरफ से वायु व ध्वनि प्रदूषण मापने के लिए शहर में चारों तरफ सिविल लाइन, बुधबाजार, बुद्धिविहार और लाकड़ी फाजलपुर में ध्वनि मीटर लगे हुए है. उन्होंने कहा कि रोजाना प्रदूषण विभाग की टीम जाकर ध्वनि का डेसीमल चैक करती है. इन चारों जगह पर 60 से 70 ध्वनि डेसीमल आता है.

क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी विकास मिश्र

उन्होंने कहा कि किस तरह से ध्वनि प्रदूषण को 114 डेसीमल मापा, इस बात की जानकारी मुझे नहीं है. इनके द्वारा किस तरह से मापन किया गया, न तो इनके द्वारा कोई सेंसेक्स, न ही कोई स्टेशंस और न ही कोई कैंप लगाया गया. वहीं, मुरादाबाद में ध्वनि प्रदूषण औसतन 60 से 70 डेसीमल ही रहता है. यूनाइटेड नेशंस एनवायरमेंट प्रोग्राम की हालिया रिपोर्ट बिल्कुल गलत है'.

पढ़ें : बच्चे दो ही अच्छे : उत्तराखंड में तीसरी संतान पैदा होने पर DM ने ग्राम प्रधान को पद से हटाया

क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी ने दावा किया कि इस रिपोर्ट के मुताबिक, यदि वाकई में मुरादाबाद में इतना प्रदूषण होता (noise pollution in moradabad uttar pradesh) , तो यहां के लोगों को कम सुनाई देने की समस्या के अलावा अन्य गंभीर बीमारियों से भी जूझना पड़ता. जबकि शहर में ऐसी कोई स्थिति नहीं है. बता दें कि मुरादाबाद शहर ध्वनि प्रदूषण के मामले में दुनिया का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर माना गया है. मुरादाबाद में अधिकतम 114 डेसिबल (dB) ध्वनि प्रदूषण दर्ज किया गया है. यूनाइटेड नेशंस एनवायरोमेंट प्रोग्राम (UNEP) की एक हालिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया है. इस रिपोर्ट में कुल 61 शहरों का उल्लेख है.

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, हरियाणा का बल्लभगढ़ देश में सबसे अधिक वायु प्रदूषित शहर रहा. वहां का वायु गुणवत्ता सूचकांक 446 रिकार्ड किया गया. दूसरे नंबर पर मुरादाबाद, बिहार का मुजफ्फरपुर 409 एक्यूआई के साथ देश का तीसरा और मेरठ 407 एक्यूआई के साथ चौथा प्रदूषित शहर दर्ज किया गया. वहीं, राजधानी दिल्ली समेत एनसीआर के कई शहरों का वायु गुणवत्ता सूचकांक मुरादाबाद की तुलना में कम दर्ज किया गया.

लिस्ट पर डालें एक नजर : ध्वनि प्रदूषण की लिस्ट में बांग्लादेश की राजधानी ढाका का नाम पहले स्थान पर है, जिसका सर्वोत्तम 119 डेसिबल है. ढाका और मुरादाबाद के बाद लिस्ट में तीसरे नंबर पर 105 डेसिबल के साथ इस्लामाबाद है. इस लिस्ट में दक्षिण एशिया के कुल 13 शहरों के नाम दर्ज हैं, जिसमें पांच शहर भारत के भी हैं. मुरादाबाद के अलावा, कोलकाता (89 dB), पश्चिम बंगाल का आसनसोल (89 dB), जयपुर (84 dB) और राजधानी दिल्ली (83dB) का भी नाम शामिल है.

मुरादाबाद : यूनाइटेड नेशंस एनवायरमेंट प्रोग्राम (United Nations Environment Program-UNEP) की एक हालिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया कि दुनिया के 61 ध्वनि प्रदूषित शहरों में दूसरे स्थान पर उत्तर प्रदेश का मुरादाबाद (unep report on moradabad noise pollution) है. वहीं, मुरादाबाद जिला प्रदूषण विभाग ने इस रिपोर्ट का खंडन किया है. प्रदूषण विभाग के अधिकारी का कहना है कि सोशल मीडिया के माध्यम से यह जानकारी मिली थी कि मुरादाबाद ध्वनि प्रदूषण में दुनिया का दूसरा शहर है, जो कि गलत है.

क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी विकास मिश्र कहा, 'यूनाइटेड नेशंस एनवायरमेंट प्रोग्राम (UNEP) ने मुरादाबाद में 114 डेसिबल ध्वनि प्रदूषण दर्ज कर दिखाया गया था. जबकि यहां रोजाना 60 से 70 डेसिबल ध्वनि प्रदूषण दर्ज किया जाता है. मुरादाबाद में जिला प्रदूषण विभाग की तरफ से वायु व ध्वनि प्रदूषण मापने के लिए शहर में चारों तरफ सिविल लाइन, बुधबाजार, बुद्धिविहार और लाकड़ी फाजलपुर में ध्वनि मीटर लगे हुए है. उन्होंने कहा कि रोजाना प्रदूषण विभाग की टीम जाकर ध्वनि का डेसीमल चैक करती है. इन चारों जगह पर 60 से 70 ध्वनि डेसीमल आता है.

क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी विकास मिश्र

उन्होंने कहा कि किस तरह से ध्वनि प्रदूषण को 114 डेसीमल मापा, इस बात की जानकारी मुझे नहीं है. इनके द्वारा किस तरह से मापन किया गया, न तो इनके द्वारा कोई सेंसेक्स, न ही कोई स्टेशंस और न ही कोई कैंप लगाया गया. वहीं, मुरादाबाद में ध्वनि प्रदूषण औसतन 60 से 70 डेसीमल ही रहता है. यूनाइटेड नेशंस एनवायरमेंट प्रोग्राम की हालिया रिपोर्ट बिल्कुल गलत है'.

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क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी ने दावा किया कि इस रिपोर्ट के मुताबिक, यदि वाकई में मुरादाबाद में इतना प्रदूषण होता (noise pollution in moradabad uttar pradesh) , तो यहां के लोगों को कम सुनाई देने की समस्या के अलावा अन्य गंभीर बीमारियों से भी जूझना पड़ता. जबकि शहर में ऐसी कोई स्थिति नहीं है. बता दें कि मुरादाबाद शहर ध्वनि प्रदूषण के मामले में दुनिया का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर माना गया है. मुरादाबाद में अधिकतम 114 डेसिबल (dB) ध्वनि प्रदूषण दर्ज किया गया है. यूनाइटेड नेशंस एनवायरोमेंट प्रोग्राम (UNEP) की एक हालिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया है. इस रिपोर्ट में कुल 61 शहरों का उल्लेख है.

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, हरियाणा का बल्लभगढ़ देश में सबसे अधिक वायु प्रदूषित शहर रहा. वहां का वायु गुणवत्ता सूचकांक 446 रिकार्ड किया गया. दूसरे नंबर पर मुरादाबाद, बिहार का मुजफ्फरपुर 409 एक्यूआई के साथ देश का तीसरा और मेरठ 407 एक्यूआई के साथ चौथा प्रदूषित शहर दर्ज किया गया. वहीं, राजधानी दिल्ली समेत एनसीआर के कई शहरों का वायु गुणवत्ता सूचकांक मुरादाबाद की तुलना में कम दर्ज किया गया.

लिस्ट पर डालें एक नजर : ध्वनि प्रदूषण की लिस्ट में बांग्लादेश की राजधानी ढाका का नाम पहले स्थान पर है, जिसका सर्वोत्तम 119 डेसिबल है. ढाका और मुरादाबाद के बाद लिस्ट में तीसरे नंबर पर 105 डेसिबल के साथ इस्लामाबाद है. इस लिस्ट में दक्षिण एशिया के कुल 13 शहरों के नाम दर्ज हैं, जिसमें पांच शहर भारत के भी हैं. मुरादाबाद के अलावा, कोलकाता (89 dB), पश्चिम बंगाल का आसनसोल (89 dB), जयपुर (84 dB) और राजधानी दिल्ली (83dB) का भी नाम शामिल है.

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