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स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा, टोमैटो फ्लू से घबराने की जरुरत नहीं - Tomato Flu

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा है कि टोमैटो फ्लू को लेकर घबराने की जरुरत नहीं है बल्कि सर्तकता बरतनी चाहिए. साथ ही लक्षण के पता लगते ही इलाज शुरू करने के अलावा पीड़ित को दूसरे अन्य लोगों से अलग कर देना चाहिए जिससे संक्रमण को फैलने से रोका जा सकेगा. पढ़िए ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट.

Tomato Flu in India
टोमैटो फ्लू
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Published : Aug 24, 2022, 10:54 PM IST

नई दिल्ली: भारत के चार राज्यों में टोमैटो फ्लू (Tomato Flu in India) बीमारी के बारे में पता चला है. लेकिन इस बीमारी को लेकर बुधवार को विशेषज्ञों ने कहा कि इसको लेकर चिंता करने की जरुरत नहीं है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के प्रसिद्ध स्वास्थ्य विशेषज्ञ और वित्तीय सचिव डॉ अनिल अग्रवाल ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि लोगों को पैर और मुंह की बीमारी के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि अन्य इन्फ्लूएंजा की तरह ही टोमैटो फ्लू है. लोगों को इससे घबराना नहीं चाहिए. इसके लिए उन्हें केवल एहतियात बरतना चाहिए और कोई लक्षण पाए जाने पर डॉक्टरों से परामर्श करना चाहिए. हमें अन्य सभी सामान्य फ्लू की तरह टोमैटो फ्लू का इलाज करना चाहिए. हालांकि वर्तमान में हाथ-पैर और मुंह की बीमारी (जिसे आमतौर पर 'टोमैटो फ्लू' के रूप में जाना जाता है) है.

इस संबंध में प्रसिद्ध स्वास्थ्य विशेषज्ञ और एशियन सोसाइटी ऑफ इमरजेंसी मेडिसिन (Asian Society of Emergency Medicine) के अध्यक्ष डॉ. तामोरिश कोले (Dr. Tamorish Kole) ने कहा कि टोमैटो फ्लू हाथ, पैर और मुंह की बीमारी (HFMD एचएफएमडी) का एक नया रूप है, जो आमतौर पर कॉक्ससेकी वायरस के कारण होता है. इसकी वजह से त्वचा पर छोटे-छोट 4-6 मिमी के लाल धब्बे बन जाते हैं जिनके अंदर तरल पदार्थ के साथ बुलबुले बन जाते हैं. उन्होंने कहा कि आमतौर पर हाथों, पैरों और शरीर इसके धब्बे दिखाई देते हैं और छोटे बच्चों में ये संपर्क से फैलते हैं.

कुछ अध्ययनों में कहा गया है कि टोमैटो फ्लू का बुखार बच्चों में चिकनगुनिया या डेंगू बुखार के बाद का प्रभाव हो सकता है. इसके लिए केवल उपचार की आवश्यकता होती है. यह पूछे जाने पर कि क्या टोमैटो फ्लू घातक हो सकता है, इस पर डॉ कोले ने कहा, केंद्र सरकार ने पहले ही राज्यों को एचएफएमडी पर एक एडवाइजरी जारी कर रोकथाम पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा है. एडवाइजरी में संदिग्ध मामलों में लक्षण दिखने के 5-7 दिन बाद आइसोलेशन की सिफारिश की गई है. जबकि हम अभी भी कोविड से जूझ रहे हैं, ऐसे नया संक्रमण स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के लिए एक चुनौती बना हुआ है. फिर भी इससे इससे घबराने की कोई बात नहीं है.

उन्होंने कहा कि रोकथाम का सबसे अच्छा उपाय उचित स्वच्छता बनाए रखना और आसपास की वस्तुओं और पर्यावरण की स्वच्छता के साथ-साथ संक्रमित बच्चे को अन्य गैर-संक्रमित बच्चों के साथ खिलौने, कपड़े, भोजन या अन्य वस्तुओं को साझा करने से रोकना है.भारत में टोमैटो फ्लू के 108 मामले सामने आए हैं, जिनमें केरल, तमिलनाडु, हरियाणा और ओडिशा के बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. इसीक्रम में स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जारी अपनी एडवाइजरी में कहा है कि टोमैटो फ्लू एक सीमित संक्रामक बीमारी है क्योंकि लक्षण कुछ दिनों के बाद कम हो जाते हैं.

हालांकि टोमैटो फ्लू की कोई विशिष्ट दवाएं उपलब्ध नहीं है. लेकिन अन्य वायरल संक्रमणों की तरह ही इसका उपचार किया जाना चाहिए. अपने बच्चों को संकेतों और लक्षणों और इसके सहायक प्रभावों के बारे में बताएं. त्वचा को साफ करने या नहाने के दौरान हमेशा गर्म पानी का उपयोग करें. इसमें बुखार और शरीर दर्द आदि के लिए पैरासिटामोल का उपयोग किया जा सकता है. साथ ही बच्चों या वयस्कों में संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए किसी भी लक्षण के शुरुआत से पांच से सात दिनों के लिए संक्रमित को क्वारंटीन कर देना चाहिए.

ये भी पढ़ें - Tomato Flu in India...बच्चों को टोमैटो फ्लू का अधिक खतरा, स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी की एडवाइजरी

नई दिल्ली: भारत के चार राज्यों में टोमैटो फ्लू (Tomato Flu in India) बीमारी के बारे में पता चला है. लेकिन इस बीमारी को लेकर बुधवार को विशेषज्ञों ने कहा कि इसको लेकर चिंता करने की जरुरत नहीं है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के प्रसिद्ध स्वास्थ्य विशेषज्ञ और वित्तीय सचिव डॉ अनिल अग्रवाल ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि लोगों को पैर और मुंह की बीमारी के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि अन्य इन्फ्लूएंजा की तरह ही टोमैटो फ्लू है. लोगों को इससे घबराना नहीं चाहिए. इसके लिए उन्हें केवल एहतियात बरतना चाहिए और कोई लक्षण पाए जाने पर डॉक्टरों से परामर्श करना चाहिए. हमें अन्य सभी सामान्य फ्लू की तरह टोमैटो फ्लू का इलाज करना चाहिए. हालांकि वर्तमान में हाथ-पैर और मुंह की बीमारी (जिसे आमतौर पर 'टोमैटो फ्लू' के रूप में जाना जाता है) है.

इस संबंध में प्रसिद्ध स्वास्थ्य विशेषज्ञ और एशियन सोसाइटी ऑफ इमरजेंसी मेडिसिन (Asian Society of Emergency Medicine) के अध्यक्ष डॉ. तामोरिश कोले (Dr. Tamorish Kole) ने कहा कि टोमैटो फ्लू हाथ, पैर और मुंह की बीमारी (HFMD एचएफएमडी) का एक नया रूप है, जो आमतौर पर कॉक्ससेकी वायरस के कारण होता है. इसकी वजह से त्वचा पर छोटे-छोट 4-6 मिमी के लाल धब्बे बन जाते हैं जिनके अंदर तरल पदार्थ के साथ बुलबुले बन जाते हैं. उन्होंने कहा कि आमतौर पर हाथों, पैरों और शरीर इसके धब्बे दिखाई देते हैं और छोटे बच्चों में ये संपर्क से फैलते हैं.

कुछ अध्ययनों में कहा गया है कि टोमैटो फ्लू का बुखार बच्चों में चिकनगुनिया या डेंगू बुखार के बाद का प्रभाव हो सकता है. इसके लिए केवल उपचार की आवश्यकता होती है. यह पूछे जाने पर कि क्या टोमैटो फ्लू घातक हो सकता है, इस पर डॉ कोले ने कहा, केंद्र सरकार ने पहले ही राज्यों को एचएफएमडी पर एक एडवाइजरी जारी कर रोकथाम पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा है. एडवाइजरी में संदिग्ध मामलों में लक्षण दिखने के 5-7 दिन बाद आइसोलेशन की सिफारिश की गई है. जबकि हम अभी भी कोविड से जूझ रहे हैं, ऐसे नया संक्रमण स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के लिए एक चुनौती बना हुआ है. फिर भी इससे इससे घबराने की कोई बात नहीं है.

उन्होंने कहा कि रोकथाम का सबसे अच्छा उपाय उचित स्वच्छता बनाए रखना और आसपास की वस्तुओं और पर्यावरण की स्वच्छता के साथ-साथ संक्रमित बच्चे को अन्य गैर-संक्रमित बच्चों के साथ खिलौने, कपड़े, भोजन या अन्य वस्तुओं को साझा करने से रोकना है.भारत में टोमैटो फ्लू के 108 मामले सामने आए हैं, जिनमें केरल, तमिलनाडु, हरियाणा और ओडिशा के बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. इसीक्रम में स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जारी अपनी एडवाइजरी में कहा है कि टोमैटो फ्लू एक सीमित संक्रामक बीमारी है क्योंकि लक्षण कुछ दिनों के बाद कम हो जाते हैं.

हालांकि टोमैटो फ्लू की कोई विशिष्ट दवाएं उपलब्ध नहीं है. लेकिन अन्य वायरल संक्रमणों की तरह ही इसका उपचार किया जाना चाहिए. अपने बच्चों को संकेतों और लक्षणों और इसके सहायक प्रभावों के बारे में बताएं. त्वचा को साफ करने या नहाने के दौरान हमेशा गर्म पानी का उपयोग करें. इसमें बुखार और शरीर दर्द आदि के लिए पैरासिटामोल का उपयोग किया जा सकता है. साथ ही बच्चों या वयस्कों में संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए किसी भी लक्षण के शुरुआत से पांच से सात दिनों के लिए संक्रमित को क्वारंटीन कर देना चाहिए.

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