मांड्या : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि वह कारपोरेट के खिलाफ नहीं है, बल्कि व्यवसाय जगत में राजनीतिक मदद से एकाधिकार स्थापित किये जाने के खिलाफ हैं. यह बात उन्होंने राजस्थान में उद्योगपति गौतम अडाणी की ओर निवेश की घोषणा किये जाने के एक दिन बाद शनिवार को कही. पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने संवाददाताओं से कहा, 'अडाणी ने राजस्थान के लिए करीब 60,000 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव दिया है. कोई मुख्यमंत्री इसके लिए मना नहीं कर सकता. मेरा विरोध एकाधिकार को लेकर है.'
राहुल गांधी ने कहा कि राजस्थान सरकार ने अडाणी को ना तो कोई विशेष तवज्जो दी और ना ही अपनी राजनीतिक ताकत का इस्तेमाल कर उनके कारोबार में मदद की. उन्होंने ने कहा कि अगर पूरा तंत्र पक्षपात करके सिर्फ दो-तीन लोगों की मदद करने लगेगा, तो हिंदुस्तान का नुकसान है. राहुल ने कहा कि अगर राजस्थान सरकार ने अडाणी को गलत तरीके से कारोबार दिया, तो वह इसके खिलाफ हैं.
राहुल गांधी का यह भी कहना था कि अगर नियमों के मुताबिक बिजनेस दिया गया है, तो कोई दिक्कत नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर राजस्थान सरकार ने अडाणी को गलत तरीके से बिजनेस दिया, तो वह इसके खिलाफ खड़े हो जाएंगे. अडाणी शुक्रवार को राजस्थान निवेश सम्मेलन में शामिल हुए और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ मंच भी साझा किया. अडाणी ने इस सम्मेलन में कहा कि अडाणी समूह राजस्थान में अगले पांच-सात साल में नवीकरणीय ऊर्जा समेत विभिन्न क्षेत्रों में 65,000 करोड़ रुपये निवेश करेगा.
'हिंदी को राष्ट्र भाषा बनाने का कोई इरादा नहीं है'
राहुल गांधी ने कहा कि अकेले हिंदी को राष्ट्र भाषा बनाने का कोई इरादा नहीं है और कन्नड़ जैसी क्षेत्रीय भाषाओं की पहचान को कोई खतरा नहीं है. राहुल गांधी ने शुक्रवार को कई शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधियों और शिक्षकों के साथ बातचीत में यह बात कही. पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री प्रियांक खड़गे ने पत्रकारों को 'भारत जोड़ो यात्रा' (Bharat Jodo Yatra) की जानकारी देते हुए कहा कि राहुल गांधी के साथ कन्नड़ की पहचान को लेकर बातचीत की गई. फिर उन्होंने कहा कि प्रत्येक मातृभाषा अहम है. हम सभी भाषाओं का सम्मान करते हैं. संविधान में सभी को अधिकार प्राप्त है.
कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के मीडिया प्रकोष्ठ के प्रभारी खड़गे ने कहा, 'अत: उन्होंने (राहुल गांधी) साफ तौर पर कहा कि अकेले हिंदी को राष्ट्र भाषा बनाने का कोई इरादा नहीं है. आपकी भाषा (कन्नड़) की पहचान को कोई खतरा नहीं है.' उन्होंने कहा कि बातचीत में भाग लेने वाले लोगों ने पुष्टि की कि वे कांग्रेस पार्टी से जुड़े नहीं हैं लेकिन संविधान को बचाने के लिए यात्रा में भाग ले रहे हैं. अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (All India Congress Committee) के रिसर्च विभाग के अध्यक्ष राजीव गौड़ा ने कहा कि बातचीत में शामिल हुए ज्यादातर लोगों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सत्ता में आने तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने के बाद से शिक्षा क्षेत्र में समस्याओं का मुद्दा उठाया.
(पीटीआई-भाषा)