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Supreme Court : श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद पर इलाहाबाद HC से कोई जानकारी नहीं मिली : सुप्रीम कोर्ट - सुप्रीम कोर्ट खबर

कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान शीर्ष कोर्ट ने हाईकोर्ट के रजिस्ट्री को रिमांडर जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट ने रजिस्ट्रार को उपस्थित होने का निर्देश दिया है. शीर्ष अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 30 अक्टूबर को तय की है. ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता सुमित सक्सेना की रिपोर्ट.

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सुप्रीम कोर्ट
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 3, 2023, 5:33 PM IST

Updated : Oct 3, 2023, 5:47 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद के संबंध में जानकारी/दस्तावेज भेजने के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय रजिस्ट्री को एक रिमांडर जारी किया, जिसकी सुनवाई वर्तमान में उच्च न्यायालय द्वारा की जा रही है. शीर्ष कोर्ट ने संबंधित रजिस्ट्रार को भी उपस्थित होने का निर्देश दिया.

न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय की रिपोर्ट अदालत के समक्ष नहीं रखी गई है. पीठ ने प्रबंधन ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह समिति का प्रतिनिधित्व कर रही वकील से कहा, 'हम जानना चाहते थे कि कितने मामले हैं... ताकि निश्चित हो सके कि कौन से मामले हैं...'

पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार को अदालत के समक्ष विवरण प्रस्तुत करना था. वकील ने कहा कि उन्हें अपने मुवक्किल से कुछ निर्देश मिले हैं कि इन मुकदमों में जिन डिक्री को चुनौती दी गई है, वे न तो 1973 की हैं और न ही 1968 की हैं.

वकील ने कहा, 'पिछले 50 वर्षों से दोनों समुदाय शांति से रह रहे हैं. कभी कोई समस्या नहीं हुई. अब ये मुकदमे उन लोगों द्वारा दायर किए गए हैं जो वास्तव में बाहरी हैं और जिन्होंने ये ट्रस्ट बनाए हैं या ट्रस्टों पर कब्जा कर लिया है.'

वकील ने कहा कि उनके मुवक्किलों के पास इलाहाबाद जाने के लिए धन नहीं है और उन्होंने कार्यवाही को मस्जिद के करीब किसी स्थान पर स्थानांतरित करने का आग्रह किया, क्योंकि मथुरा से इलाहाबाद 600 किलोमीटर है, लेकिन मथुरा से दिल्ली 150 किलोमीटर है. जस्टिस कौल ने कहा कि यह इलाहाबाद और लखनऊ हाई कोर्ट की समस्या है और वहां कोई भी कड़ा फैसला नहीं लेना चाहता.

बेंच ने कहा कि 'आइए पहले कम से कम मामलों की एक सूची प्राप्त करें... हमें कम से कम यह तो पता चले कि इसकी रूपरेखा क्या है...' दलीलें सुनने के बाद पीठ ने अपने आदेश में कहा, 'कार्यालय की रिपोर्ट से पता चलता है कि 21 जुलाई, 2023 के हमारे आदेश के अनुपालन में, उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार को भेजा गया...उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार से कोई जानकारी/दस्तावेज़ प्राप्त नहीं हुआ. अंतिम आदेश के साथ रिमांडर भेजा जा सकता है और प्रशासनिक पक्ष पर मुख्य न्यायाधीश के समक्ष आदेश रखे जा सकते हैं, ताकि हमें उचित प्रतिक्रिया मिल सके और उच्च न्यायालय के संबंधित रजिस्ट्रार व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित रहें.'

वरिष्ठ अधिवक्ता सीएस वैद्यनाथन ने कहा कि एक मुकदमा है जो 10 अगस्त को देवता (deity) की ओर से दायर किया गया है. अदालत से इसे भी लेने का अनुरोध किया गया है. शीर्ष अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 30 अक्टूबर को तय की.

21 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार को श्री कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद के संबंध में लंबित मुकदमों का विवरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था, जिन्हें उच्च न्यायालय द्वारा समेकित और स्थगित करने की मांग की गई थी.

शीर्ष अदालत ने 21 जुलाई के अपने आदेश में कहा था, 'पक्षों के विद्वान वकील को सुनने के बाद हमने यह उचित समझा कि उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार हमें बताएं कि वे कौन से मुकदमे हैं जिन्हें आक्षेपित आदेश द्वारा समेकित करने की मांग की गई है क्योंकि जारी किए गए निर्देशों में थोड़ी सामान्यता प्रतीत होती है.'

शीर्ष अदालत इस साल मई में इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद से संबंधित सभी लंबित मुकदमों को मथुरा अदालत से अपने पास स्थानांतरित कर दिया गया था.

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न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय की रिपोर्ट अदालत के समक्ष नहीं रखी गई है. पीठ ने प्रबंधन ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह समिति का प्रतिनिधित्व कर रही वकील से कहा, 'हम जानना चाहते थे कि कितने मामले हैं... ताकि निश्चित हो सके कि कौन से मामले हैं...'

पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार को अदालत के समक्ष विवरण प्रस्तुत करना था. वकील ने कहा कि उन्हें अपने मुवक्किल से कुछ निर्देश मिले हैं कि इन मुकदमों में जिन डिक्री को चुनौती दी गई है, वे न तो 1973 की हैं और न ही 1968 की हैं.

वकील ने कहा, 'पिछले 50 वर्षों से दोनों समुदाय शांति से रह रहे हैं. कभी कोई समस्या नहीं हुई. अब ये मुकदमे उन लोगों द्वारा दायर किए गए हैं जो वास्तव में बाहरी हैं और जिन्होंने ये ट्रस्ट बनाए हैं या ट्रस्टों पर कब्जा कर लिया है.'

वकील ने कहा कि उनके मुवक्किलों के पास इलाहाबाद जाने के लिए धन नहीं है और उन्होंने कार्यवाही को मस्जिद के करीब किसी स्थान पर स्थानांतरित करने का आग्रह किया, क्योंकि मथुरा से इलाहाबाद 600 किलोमीटर है, लेकिन मथुरा से दिल्ली 150 किलोमीटर है. जस्टिस कौल ने कहा कि यह इलाहाबाद और लखनऊ हाई कोर्ट की समस्या है और वहां कोई भी कड़ा फैसला नहीं लेना चाहता.

बेंच ने कहा कि 'आइए पहले कम से कम मामलों की एक सूची प्राप्त करें... हमें कम से कम यह तो पता चले कि इसकी रूपरेखा क्या है...' दलीलें सुनने के बाद पीठ ने अपने आदेश में कहा, 'कार्यालय की रिपोर्ट से पता चलता है कि 21 जुलाई, 2023 के हमारे आदेश के अनुपालन में, उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार को भेजा गया...उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार से कोई जानकारी/दस्तावेज़ प्राप्त नहीं हुआ. अंतिम आदेश के साथ रिमांडर भेजा जा सकता है और प्रशासनिक पक्ष पर मुख्य न्यायाधीश के समक्ष आदेश रखे जा सकते हैं, ताकि हमें उचित प्रतिक्रिया मिल सके और उच्च न्यायालय के संबंधित रजिस्ट्रार व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित रहें.'

वरिष्ठ अधिवक्ता सीएस वैद्यनाथन ने कहा कि एक मुकदमा है जो 10 अगस्त को देवता (deity) की ओर से दायर किया गया है. अदालत से इसे भी लेने का अनुरोध किया गया है. शीर्ष अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 30 अक्टूबर को तय की.

21 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार को श्री कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद के संबंध में लंबित मुकदमों का विवरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था, जिन्हें उच्च न्यायालय द्वारा समेकित और स्थगित करने की मांग की गई थी.

शीर्ष अदालत ने 21 जुलाई के अपने आदेश में कहा था, 'पक्षों के विद्वान वकील को सुनने के बाद हमने यह उचित समझा कि उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार हमें बताएं कि वे कौन से मुकदमे हैं जिन्हें आक्षेपित आदेश द्वारा समेकित करने की मांग की गई है क्योंकि जारी किए गए निर्देशों में थोड़ी सामान्यता प्रतीत होती है.'

शीर्ष अदालत इस साल मई में इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद से संबंधित सभी लंबित मुकदमों को मथुरा अदालत से अपने पास स्थानांतरित कर दिया गया था.

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Last Updated : Oct 3, 2023, 5:47 PM IST
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