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कर्नाटक का एक ऐसा गांव जहां लोगों की सूझबूझ से नहीं पहुंचा कोरोना का संक्रमण - beltangadi villages

कर्नाटक के एक गांव में दो साल में कोई भी कोविड लहर से प्रभावित नहीं हुआ है. बेलथांगडी तालुक के नेरी गांव के बनेरीमार्ले इलाके में दो साल की अवधि में कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है.

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Published : Jun 8, 2021, 4:36 PM IST

बेलतंगडी : कोरोना की दूसरी लहर में शहर से लेकर गांव ज्यादा प्रभावित हुए. लेकिन एक गांव ऐसा भी है जहां दो साल में कोई भी कोविड लहर से प्रभावित नहीं हुआ है. बेलतंगडी तालुक के अंत में नेरी गांव के बनेरीमार्ले इलाके में दो साल की अवधि में कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है.

चारमेदी घाट के नौवें मोड़ पर नेरी गांव के बनर्जीला रेंज में दाईं ओर अनुसूचित जाति के 43 परिवार रहते हैं, यहां 168 की आबादी है. यहां तक जाने के लिए सड़क की भी उचित व्यवस्था नहीं है. यही नहीं यहां के लोगों को हर समय जंगली जानवरों के हमले का डर सताता रहता है.

कोरोना काल में घर से बाहर नहीं निकले ग्रामीण

नेरिया ग्राम पंचायत पीडीओ गायत्री पी. ने कहा कि वे सुपारी उगाते हैं, नारियल और रबर जैविक सब्जियां उगाते हैं. कोरोना काल में ग्रामीण घर से बाहर नहीं निकले. एक दो या तीन पंचायत सदस्य गांव से 20 किमी दूर काकिंजे जाकर आवश्यक आपूर्ति सामग्री लाते थे. बंजारुमाले ( Banerjeemale) वासियों को हर माह सामुदायिक भवन में राशन एवं समाज कल्याण विभाग की ओर से पौष्टिक भोजन मिलता है. इतने सारे लोगों को बाजार जाने की जरूरत नहीं है. यही वजह है कि बनर्जीमाले का एरिया कोविड से सुरक्षित है.

मुंडेजा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (Mundeja Primary Health Center) रेंज के तहत लगभग 650 की आबादी वाले लगभग 140 घर हैं. यहां कई टीकाकरण और SWAB परीक्षण शिविर और कोरोना सूचना कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं. जांच में शामिल होने वाले सभी लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है.

पढ़ें : जम्मू-कश्मीर के इस गांव में सभी बुजुर्गाें काे लग चुका है काेराेना का टीका

स्थानीय निवासी प्रकाश जैन का कहना है कि कोविड के दौरान हम इस माहौल को झरने, ट्रेकिंग और अन्य आकर्षण के साथ देख रहे हैं, ताकि लोग बाहर से गांव न आएं. कोविड के दौरान बाहरी जिले के लोगों ने सावधानी बरती.

बेलतंगडी : कोरोना की दूसरी लहर में शहर से लेकर गांव ज्यादा प्रभावित हुए. लेकिन एक गांव ऐसा भी है जहां दो साल में कोई भी कोविड लहर से प्रभावित नहीं हुआ है. बेलतंगडी तालुक के अंत में नेरी गांव के बनेरीमार्ले इलाके में दो साल की अवधि में कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है.

चारमेदी घाट के नौवें मोड़ पर नेरी गांव के बनर्जीला रेंज में दाईं ओर अनुसूचित जाति के 43 परिवार रहते हैं, यहां 168 की आबादी है. यहां तक जाने के लिए सड़क की भी उचित व्यवस्था नहीं है. यही नहीं यहां के लोगों को हर समय जंगली जानवरों के हमले का डर सताता रहता है.

कोरोना काल में घर से बाहर नहीं निकले ग्रामीण

नेरिया ग्राम पंचायत पीडीओ गायत्री पी. ने कहा कि वे सुपारी उगाते हैं, नारियल और रबर जैविक सब्जियां उगाते हैं. कोरोना काल में ग्रामीण घर से बाहर नहीं निकले. एक दो या तीन पंचायत सदस्य गांव से 20 किमी दूर काकिंजे जाकर आवश्यक आपूर्ति सामग्री लाते थे. बंजारुमाले ( Banerjeemale) वासियों को हर माह सामुदायिक भवन में राशन एवं समाज कल्याण विभाग की ओर से पौष्टिक भोजन मिलता है. इतने सारे लोगों को बाजार जाने की जरूरत नहीं है. यही वजह है कि बनर्जीमाले का एरिया कोविड से सुरक्षित है.

मुंडेजा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (Mundeja Primary Health Center) रेंज के तहत लगभग 650 की आबादी वाले लगभग 140 घर हैं. यहां कई टीकाकरण और SWAB परीक्षण शिविर और कोरोना सूचना कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं. जांच में शामिल होने वाले सभी लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है.

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स्थानीय निवासी प्रकाश जैन का कहना है कि कोविड के दौरान हम इस माहौल को झरने, ट्रेकिंग और अन्य आकर्षण के साथ देख रहे हैं, ताकि लोग बाहर से गांव न आएं. कोविड के दौरान बाहरी जिले के लोगों ने सावधानी बरती.

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