अगरतला : भाजपा की त्रिपुरा इकाई के अध्यक्ष माणिक साहा ने शुक्रवार को यहां दो दिवसीय संगठनात्मक बैठक के बाद पार्टी के भीतर अंसतोष की अटकलों को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि सभी नेताओं ने एकजुट होकर भाजपा को मजबूत बनाने के लिए काम करने का संकल्प लिया है.
उन्होंने कहा कि यदि कोई मतभेद है तो उसे बातचीत के जरिए सुलझा लिया जाएगा. पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस पार्टी की प्रचंड जीत के बाद अटकलें लगाई जा रही थीं कि भाजपा के कुछ विधायक खेमे को छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने की योजना बना रहे हैं.
भाजपा के सूत्रों के अनुसार, बंगाल के तृणमूल कांग्रेस के नेता, 2023 के विधानसभा चुनावों से पहले त्रिपुरा में अपनी पार्टी को मजबूत करने के लिए, भाजपा के भीतर बागियों तक अपनी पहुंच बना रहे है. साहा ने हालांकि कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष और त्रिपुरा प्रभारी फणींद्रनाथ शर्मा की मौजूदगी में उनकी पार्टी के लोगों ने एकजुट रहने का संकल्प लिया है.
उन्होंने कहा कि यह एक सार्थक बैठक थी और यदि कोई मतभेद है तो उसे बातचीत के जरिए सुलझा लिया जाएगा.
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सुदीप रॉय बर्मन के नेतृत्व में छह विधायकों के एक समूह ने पिछले साल भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात की थी और राज्य में शासन को लेकर अपनी शिकायतों को व्यक्त किया था. बर्मन के करीबी माने जाने वाले दो विधायकों आशीष कुमार साहा और रामप्रसाद पॉल ने बाद में कहा था कि केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें 2023 के चुनाव की तैयारी करने के लिए कहा था.
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भाजपा प्रवक्ता सुब्रत चक्रवर्ती ने कहा, इस राज्य के लोग राजनीतिक रूप से जागरूक हैं. वे जानते हैं कि पड़ोसी राज्य में हमारे कार्यकर्ताओं को कितना नुकसान हुआ है. यहां के मतदाता कभी भी इसका समर्थन नहीं करेंगे.
इस बीच तृणमूल कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष आशीष लाल सिन्हा ने हालांकि स्पष्ट किया कि वह किसी भी भाजपा विधायक के पार्टी में शामिल होने के लिए रुचि व्यक्त करने के बारे में नहीं जानते है.
(पीटीआई-भाषा)