ETV Bharat / bharat

MP News: बच्चे के शव को लेकर भटकता रहा गरीब आदिवासी परिवार,नहीं मिला वाहन

मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाएं वेंटीलेटर पर हैं. अस्पतालों में इलाज की बात करें या एंबुलेंस की. हर मामले में स्थिति शर्मनाक है. छतरपुर जिला अस्पताल में गरीब आदिवासी परिवार के 4 साल के बच्चे का शव लेकर परिजन इंतजार करते रहे लेकिन घर ले जाने के लिए कोई साधन नहीं मिला. बेहाल पीड़ित परिजन बारिश के बीच शव लिए खड़े रहे.

no ambulance for 4 year old child dead body
बच्चे के शव को लेकर भटकता रहा गरीब आदिवासी परिवार,नहीं मिला वाहन
author img

By

Published : Jul 1, 2023, 2:10 PM IST

बच्चे के शव को लेकर भटकता रहा गरीब आदिवासी परिवार,नहीं मिला वाहन

छतरपुर। जिला अस्पताल से फिर एक बार मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है. यहां एक आदिवासी परिवार के 4 साल के बच्चे की मौत के बाद परिजन शव को गोद में लेकर शव वाहन के लिए भटकते रहे. इस दौरान जिला अस्पताल के अधिकारियों ने उनकी कोई मदद नहीं की. पीड़ित परिजनों की आधा घंटे से ज्यादा चीख-पुकार के बाद मामला गर्माया तो आखिरकार समर्पण क्लब की तरफ से शव वाहन उपलब्ध हो सका.

उल्टी-दस्त से पीड़ित था मासूम : जिले के दूरस्थ क्षेत्र पलकोहा में रहने वाले पप्पू आदिवासी परिवार के 4 साल के बच्चा प्रताप को उल्टी-दस्त होने पर जिला अस्पताल लाया गया. उसे भर्ती कर लिया गया. जिला अस्पताल में प्रताप का एक दिन इलाज चलता रहा. गुरुवार सुबह डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. शव को घर ले जाने के लिए अस्पताल की तरफ से कोई वाहन उपलब्ध नहीं कराया गया. प्राइवेट वाहन के लिए पीड़ित परिवार के पास पैसे नहीं थे. पीड़ित परिजनों का कहना है वो सभी आदिवासी हैं और बेहद गरीब हैं.

ये खबरें भी पढ़ें...

बेहद गरीब हैं पीड़ित परिजन : परिजनों ने बताया कि उनके पास इतने पैसे नहीं कि वे निजी वाहन से शव को अपने गांव तक ले जाते. इसीलिए जिला अस्पताल में बारिश के बीच शव वाहन के लिए परेशान होते रहे. आधा घंटे परेशान होने के बाद समर्पण क्लब की तरफ से एक शव वाहन उपलब्ध कराया गया. इस मामले में जिला अस्पताल के सिविल सर्जन जीएल अहिरवार का कहना है कि मामला बेहद दुखद है. मामले की जांच करवाई जाएगी. समर्पण क्लब न शव वाहन उपलब्ध करवाया है.

बच्चे के शव को लेकर भटकता रहा गरीब आदिवासी परिवार,नहीं मिला वाहन

छतरपुर। जिला अस्पताल से फिर एक बार मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है. यहां एक आदिवासी परिवार के 4 साल के बच्चे की मौत के बाद परिजन शव को गोद में लेकर शव वाहन के लिए भटकते रहे. इस दौरान जिला अस्पताल के अधिकारियों ने उनकी कोई मदद नहीं की. पीड़ित परिजनों की आधा घंटे से ज्यादा चीख-पुकार के बाद मामला गर्माया तो आखिरकार समर्पण क्लब की तरफ से शव वाहन उपलब्ध हो सका.

उल्टी-दस्त से पीड़ित था मासूम : जिले के दूरस्थ क्षेत्र पलकोहा में रहने वाले पप्पू आदिवासी परिवार के 4 साल के बच्चा प्रताप को उल्टी-दस्त होने पर जिला अस्पताल लाया गया. उसे भर्ती कर लिया गया. जिला अस्पताल में प्रताप का एक दिन इलाज चलता रहा. गुरुवार सुबह डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. शव को घर ले जाने के लिए अस्पताल की तरफ से कोई वाहन उपलब्ध नहीं कराया गया. प्राइवेट वाहन के लिए पीड़ित परिवार के पास पैसे नहीं थे. पीड़ित परिजनों का कहना है वो सभी आदिवासी हैं और बेहद गरीब हैं.

ये खबरें भी पढ़ें...

बेहद गरीब हैं पीड़ित परिजन : परिजनों ने बताया कि उनके पास इतने पैसे नहीं कि वे निजी वाहन से शव को अपने गांव तक ले जाते. इसीलिए जिला अस्पताल में बारिश के बीच शव वाहन के लिए परेशान होते रहे. आधा घंटे परेशान होने के बाद समर्पण क्लब की तरफ से एक शव वाहन उपलब्ध कराया गया. इस मामले में जिला अस्पताल के सिविल सर्जन जीएल अहिरवार का कहना है कि मामला बेहद दुखद है. मामले की जांच करवाई जाएगी. समर्पण क्लब न शव वाहन उपलब्ध करवाया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.